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HC का दिल्ली सरकार को निर्देश, लोगों के RT-PCR टेस्ट पर दाखिल करें हलफनामा - rt pcr test on corona negative

दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट ने रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के बाद कितने कोरोना नेगेटिव लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया, उस पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

HC directed delhi govt to give affidavit on rt pcr test done on corona negative patients
दिल्ली सरकार को RT-PCR टेस्ट पर दाखिल करना होगा हलफनामा
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Published : Jul 15, 2020, 11:33 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस बात का हलफनामा दाखिल करें कि रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के बाद कितने कोरोना नेगेटिव लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को 16 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

दिल्ली सरकार को RT-PCR टेस्ट पर दाखिल करना होगा हलफनामा

डाटा के बाद पता चलेंगें दावे


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने कहा की दिल्ली सरकार ने जो जवाब दाखिल किया है, उसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि रैपिड एंटिजेन टेस्ट कराने वाले लोग जिन का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है. उनमें कितने लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया है. इस डाटा के आने के बाद ही दिल्ली सरकार के दावों का पता चल सकेगा. सुनवाई के दौरान आईसीएमआर ने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति देने लिए दिल्ली के 450 अस्पतालों और लैब्स ने आवेदन दिया है. इनमें से डेढ़ सौ अस्पतालों और लैब्स को अनुमति दी गई है जबकि बाकी तीन सौ आवेदन लंबित हैं. सुनवाई के दौरान आईसीएमआर ने कहा कि इस मामले पर नया हलफनामा दायर करेगा.

सभी सरकारी अस्पतालों को आदेश


सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील सत्यकाम ने कहा कि पिछले 9 जुलाई को दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक रैपिड एंटिजेन टेस्ट करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि सीरो-सर्विलांस के सैंपल स्वास्थ्य विभाग के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को दिया जा चुका है. इसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. उसके बाद कोर्ट ने नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को निर्देश दिया कि वो 16 जुलाई तक रिपोर्ट दाखिल करें.

रियल टाइम अपडेट नहीं देने वालों पर कार्रवाई


पिछले 2 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा है कि उन हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया जाए जो कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए अपने यहां मौजूद बेड का रियल टाइम अपडेट नहीं दे रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि अस्पतालों में मौजूद नोडल ऑफिसर के नाम सार्वजनिक हो, ताकि जरूरत पड़ने पर पब्लिक उनसे संपर्क कर सकें.

टारगेट का पचास फीसदी भी पूरा नहीं


पिछले 22 जून को हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने कोरोना टेस्ट करने के अपने टारगेट का पचास फीसदी भी पूरा नहीं किया है. याचिका वकील राकेश मल्होत्रा ने दायर किया है. याचिका में निजी और सरकारी अस्पतालों और लैब्स में कोरोना की पर्याप्त टेस्टिंग करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान राकेश मल्होत्रा ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली के निजी अस्पतालों को भी कोरोना अस्पताल घोषित किया गया है. इन अस्पतालों को भी लक्षणों वाले मरीजों के साथ-साथ बिना लक्षणों वाले मरीजों का भी टेस्ट करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस बात का हलफनामा दाखिल करें कि रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के बाद कितने कोरोना नेगेटिव लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को 16 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

दिल्ली सरकार को RT-PCR टेस्ट पर दाखिल करना होगा हलफनामा

डाटा के बाद पता चलेंगें दावे


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने कहा की दिल्ली सरकार ने जो जवाब दाखिल किया है, उसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि रैपिड एंटिजेन टेस्ट कराने वाले लोग जिन का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है. उनमें कितने लोगों का आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया है. इस डाटा के आने के बाद ही दिल्ली सरकार के दावों का पता चल सकेगा. सुनवाई के दौरान आईसीएमआर ने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति देने लिए दिल्ली के 450 अस्पतालों और लैब्स ने आवेदन दिया है. इनमें से डेढ़ सौ अस्पतालों और लैब्स को अनुमति दी गई है जबकि बाकी तीन सौ आवेदन लंबित हैं. सुनवाई के दौरान आईसीएमआर ने कहा कि इस मामले पर नया हलफनामा दायर करेगा.

सभी सरकारी अस्पतालों को आदेश


सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील सत्यकाम ने कहा कि पिछले 9 जुलाई को दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक रैपिड एंटिजेन टेस्ट करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि सीरो-सर्विलांस के सैंपल स्वास्थ्य विभाग के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को दिया जा चुका है. इसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. उसके बाद कोर्ट ने नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को निर्देश दिया कि वो 16 जुलाई तक रिपोर्ट दाखिल करें.

रियल टाइम अपडेट नहीं देने वालों पर कार्रवाई


पिछले 2 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा है कि उन हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया जाए जो कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए अपने यहां मौजूद बेड का रियल टाइम अपडेट नहीं दे रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि अस्पतालों में मौजूद नोडल ऑफिसर के नाम सार्वजनिक हो, ताकि जरूरत पड़ने पर पब्लिक उनसे संपर्क कर सकें.

टारगेट का पचास फीसदी भी पूरा नहीं


पिछले 22 जून को हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने कोरोना टेस्ट करने के अपने टारगेट का पचास फीसदी भी पूरा नहीं किया है. याचिका वकील राकेश मल्होत्रा ने दायर किया है. याचिका में निजी और सरकारी अस्पतालों और लैब्स में कोरोना की पर्याप्त टेस्टिंग करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान राकेश मल्होत्रा ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली के निजी अस्पतालों को भी कोरोना अस्पताल घोषित किया गया है. इन अस्पतालों को भी लक्षणों वाले मरीजों के साथ-साथ बिना लक्षणों वाले मरीजों का भी टेस्ट करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.

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