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महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा, आवेदनों में भारी कमी

कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर में मंदी और महंगाई का असर हज यात्रा पर दिखाई दे रहा है. कोविड-19 की गाइडलाइन की वजह से यात्रा इस बार बहुत महंगी हो गई है, जिसकी वजह से अब तक सिर्फ 691 आवेदन ही आए हैं.

Haj pilgrimage affected by pandemic economic slowdown and inflation
महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा
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Published : Dec 6, 2020, 9:29 PM IST

नई दिल्ली: महामारी की वजह से देश-दुनिया में फैली आर्थिक मंदी और महंगाई का सीधा असर इस बार की पवित्र हज यात्रा पर पड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल, कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ बेहद महंगी होने वाली हज यात्रा के लिए इस बार बेहद कम आवेदन मिले हैं, जबकि 10 दिसंबर आवेदन की अंतिम तिथि है.

महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा

बीते साल के मुकाबले इस साल हज बहुत महंगा

दिल्ली हज कमेटी के डिप्टी एक्जिक्यूटिव ऑफिसर मोहसिन खान ने ईटीवी भारत को बताया कि महामारी कोरोना में 2020 में जहां सऊदी सरकार ने भारत समेत सभी देशों के लिए हज यात्रा को रद्द कर दिया था. वहीं इस बार भी हालत ज्यादा बढ़िया नहीं है. महामारी की वजह से लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं. वहीं इस साल का हज भी पहले के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा हो गया है. इसका असर हज के सफर पर जाने वाले आवेदनों पर देखने को मिल रहा है.

दिनभर में 1-2 लोग ही कर रहे हैं आवेदन

मोहसिन खान के मुताबिक, इस बार महामारी को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की हुई है. हज फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है. इसके लिए बाकायदा हज मंजिल में सहायता डेस्क बनाई गई है. जहां मौजूद स्टाफ फॉर्म भरने में मदद करता है. साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से डॉक्टर की टीम भी मौजूद है जो ब्लड ग्रुप आदि की जांच भी निशुल्क कर रहे हैं. यह पूरे दिन यहां खाली बैठा हुए हैं क्योंकि फॉर्म भरने वाले एक-दो लोग ही आ रहे हैं.


अब तक सिर्फ 691 लोगों ने कराया आवेदन

अधिकारी के मुताबिक, पिछले 7 नवंबर से अब तक सिर्फ 691 फॉर्म ही मिल पाए हैं जबकि आम दिनों में इतने फॉर्म तो एक दिन में ही आ जाते थे. इस बात से अंदाजा लगाया जनता है कि इस बार फॉर्म भरने का सिलसिला कितनी धीमी गति से चल रहा है. ऐसा लगता है कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है. अभी आखिरी तारीख 10 दिसंबर है.

हज जाने वाले लोगों में असमंजस की स्थिति

आर्थिक तंगी के साथ ही हज की बढ़ी फीस कहीं न कहीं लोगों को परेशान कर रही है. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग कारोबारी लिहाज से टूट चुके हैं. जिसका सीधा असर हज के सफर पर जाने वालों पर पड़ रहा है. इसके साथ ही इस बार हेल्थ गाइडलाइन के चलते ग्रुप में जाने वाले हाजियों की संख्या को पांच से घटाकर तीन कर दी गई है. इसके साथ ही आयु सीमा में भी बदलाव किए गए हैं. इस बार 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को जाने की इजाजत नहीं है. लोगों में इस बात को लेकर भी शंका बनी हुई है कि कहीं बीते साल की तरह इस बार भी हज को लेकर कोई फेरबदल न हो जाए. इसके चलते भी हज पर जाने वालों में असमंजस कि स्थिति बनी हुई है.

नई दिल्ली: महामारी की वजह से देश-दुनिया में फैली आर्थिक मंदी और महंगाई का सीधा असर इस बार की पवित्र हज यात्रा पर पड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल, कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ बेहद महंगी होने वाली हज यात्रा के लिए इस बार बेहद कम आवेदन मिले हैं, जबकि 10 दिसंबर आवेदन की अंतिम तिथि है.

महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा

बीते साल के मुकाबले इस साल हज बहुत महंगा

दिल्ली हज कमेटी के डिप्टी एक्जिक्यूटिव ऑफिसर मोहसिन खान ने ईटीवी भारत को बताया कि महामारी कोरोना में 2020 में जहां सऊदी सरकार ने भारत समेत सभी देशों के लिए हज यात्रा को रद्द कर दिया था. वहीं इस बार भी हालत ज्यादा बढ़िया नहीं है. महामारी की वजह से लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं. वहीं इस साल का हज भी पहले के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा हो गया है. इसका असर हज के सफर पर जाने वाले आवेदनों पर देखने को मिल रहा है.

दिनभर में 1-2 लोग ही कर रहे हैं आवेदन

मोहसिन खान के मुताबिक, इस बार महामारी को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की हुई है. हज फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है. इसके लिए बाकायदा हज मंजिल में सहायता डेस्क बनाई गई है. जहां मौजूद स्टाफ फॉर्म भरने में मदद करता है. साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से डॉक्टर की टीम भी मौजूद है जो ब्लड ग्रुप आदि की जांच भी निशुल्क कर रहे हैं. यह पूरे दिन यहां खाली बैठा हुए हैं क्योंकि फॉर्म भरने वाले एक-दो लोग ही आ रहे हैं.


अब तक सिर्फ 691 लोगों ने कराया आवेदन

अधिकारी के मुताबिक, पिछले 7 नवंबर से अब तक सिर्फ 691 फॉर्म ही मिल पाए हैं जबकि आम दिनों में इतने फॉर्म तो एक दिन में ही आ जाते थे. इस बात से अंदाजा लगाया जनता है कि इस बार फॉर्म भरने का सिलसिला कितनी धीमी गति से चल रहा है. ऐसा लगता है कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है. अभी आखिरी तारीख 10 दिसंबर है.

हज जाने वाले लोगों में असमंजस की स्थिति

आर्थिक तंगी के साथ ही हज की बढ़ी फीस कहीं न कहीं लोगों को परेशान कर रही है. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग कारोबारी लिहाज से टूट चुके हैं. जिसका सीधा असर हज के सफर पर जाने वालों पर पड़ रहा है. इसके साथ ही इस बार हेल्थ गाइडलाइन के चलते ग्रुप में जाने वाले हाजियों की संख्या को पांच से घटाकर तीन कर दी गई है. इसके साथ ही आयु सीमा में भी बदलाव किए गए हैं. इस बार 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को जाने की इजाजत नहीं है. लोगों में इस बात को लेकर भी शंका बनी हुई है कि कहीं बीते साल की तरह इस बार भी हज को लेकर कोई फेरबदल न हो जाए. इसके चलते भी हज पर जाने वालों में असमंजस कि स्थिति बनी हुई है.

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