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Delhi School: किसी खास दुकान से किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को बाध्य नहीं कर सकते स्कूल संचालकः आतिशी

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Published : Apr 7, 2023, 3:55 PM IST

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर केजरीवाल सरकार नकेल कसने जा रही है. शुक्रवार को मीटिंग कर शिक्षा मंत्री आतिशी ने अफसरों को सख्त हिदायत दी कि कोई भी स्कूल संचालक की मनमानी की शिकायत मिले तो तुरंत कार्रवाई करें और शिक्षा विभाग की गाइडलाइन को लागू करें.

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नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा पेरेंट्स को खास दुकान या वेंडर से महंगे दाम पर किताबें और ड्रेस खरीदने के मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लिया. उन्होंने इस बाबत शिक्षा निदेशक को इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि जो प्राइवेट स्कूल किताबें व स्कूल ड्रेस के नाम पर पेरेंट्स से मोटा पैसा कमा रहे हैं. पेरेंट्स को किसी खास वेंडर या दुकान से महंगी किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए.

शिक्षा मंत्री ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि या तो प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को विशिष्ट विक्रेताओं से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करना बंद करें या फिर कड़ी कार्यवाही का सामना करने को तैयार रहे. साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच करने और गाइडलाइन्स के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई शुरू करने का निर्देश भी दिया है.

मंत्री को मिल रही शिकायतः पिछले कुछ दिनों से शिक्षा मंत्री को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को खास दुकानों या वेंडरों से महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. इस पर आतिशी ने कहा कि पिछले साल शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स पेरेंट्स को ये स्वतंत्रता देती है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी जगह से बच्चों के लिए किताबें व ड्रेस खरीद सकें. ऐसे में अगर प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को खास जगह से महंगी किताबें-स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं तो ये गाइडलाइन्स की अवहेलना है.

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गाइडलाइन का सख्ती से पालन करेंः मंत्री ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए कि 17 मार्च 2023 को जारी निर्देशों का सख़्ती से पालन हो और शिकायत मिलने पर स्कूलों को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए. किसी भी उल्लंघन की स्थिति में दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 के संबंधित प्रावधानों की तहत कार्यवाही हो. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि नियमों की अवहेलना करने वाले स्कूलों पर जो भी कार्रवाई की जा रही है उन्हें उसकी साप्ताहिक रिपोर्ट पेश की जाए.

शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन्सः शिक्षा निदेशालय के गाइडलाइन्स के तहत निजी स्कूलों को नए सत्र में प्रयोग में आने वाली किताबों व अन्य स्टडी मेटेरियल की कक्षावार सूची नियमानुसार स्कूल की वेबसाइट और विशिष्ट स्थानों पर पहले से ही प्रदर्शित करनी होती है. ताकि अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके. इसके अलावा स्कूल को अपनी वेबसाइट पर स्कूल के नजदीक के कम से कम 5 दुकानों का पता और टेलीफोन नंबर भी प्रदर्शित करना होता है, जहां से पेरेंट्स किताबें और स्कूल ड्रेस खरीद सकें.

यह भी पढ़ेंः Microsoft 365 CoPilot : AI-संचालित 365 कोपायलट को वननोट में जोड़ेगा माइक्रोसॉफ्ट

साथ ही स्कूल पेरेंट्स को किसी भी विशिष्ट विक्रेता से इन चीजों को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. माता-पिता अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म खरीद सकते है. साथ ही शिक्षा निदेशालय की इस गाइडलाइन्स में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल ड्रेस के रंग, डिज़ाइन व अन्य स्पेसिफिकेशन को नहीं बदल सकता है.

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा पेरेंट्स को खास दुकान या वेंडर से महंगे दाम पर किताबें और ड्रेस खरीदने के मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लिया. उन्होंने इस बाबत शिक्षा निदेशक को इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने शिक्षा विभाग को कहा है कि जो प्राइवेट स्कूल किताबें व स्कूल ड्रेस के नाम पर पेरेंट्स से मोटा पैसा कमा रहे हैं. पेरेंट्स को किसी खास वेंडर या दुकान से महंगी किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए.

शिक्षा मंत्री ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि या तो प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को विशिष्ट विक्रेताओं से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करना बंद करें या फिर कड़ी कार्यवाही का सामना करने को तैयार रहे. साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच करने और गाइडलाइन्स के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई शुरू करने का निर्देश भी दिया है.

मंत्री को मिल रही शिकायतः पिछले कुछ दिनों से शिक्षा मंत्री को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को खास दुकानों या वेंडरों से महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. इस पर आतिशी ने कहा कि पिछले साल शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स पेरेंट्स को ये स्वतंत्रता देती है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी जगह से बच्चों के लिए किताबें व ड्रेस खरीद सकें. ऐसे में अगर प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को खास जगह से महंगी किताबें-स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं तो ये गाइडलाइन्स की अवहेलना है.

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गाइडलाइन का सख्ती से पालन करेंः मंत्री ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए कि 17 मार्च 2023 को जारी निर्देशों का सख़्ती से पालन हो और शिकायत मिलने पर स्कूलों को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए. किसी भी उल्लंघन की स्थिति में दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 के संबंधित प्रावधानों की तहत कार्यवाही हो. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि नियमों की अवहेलना करने वाले स्कूलों पर जो भी कार्रवाई की जा रही है उन्हें उसकी साप्ताहिक रिपोर्ट पेश की जाए.

शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन्सः शिक्षा निदेशालय के गाइडलाइन्स के तहत निजी स्कूलों को नए सत्र में प्रयोग में आने वाली किताबों व अन्य स्टडी मेटेरियल की कक्षावार सूची नियमानुसार स्कूल की वेबसाइट और विशिष्ट स्थानों पर पहले से ही प्रदर्शित करनी होती है. ताकि अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके. इसके अलावा स्कूल को अपनी वेबसाइट पर स्कूल के नजदीक के कम से कम 5 दुकानों का पता और टेलीफोन नंबर भी प्रदर्शित करना होता है, जहां से पेरेंट्स किताबें और स्कूल ड्रेस खरीद सकें.

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साथ ही स्कूल पेरेंट्स को किसी भी विशिष्ट विक्रेता से इन चीजों को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. माता-पिता अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म खरीद सकते है. साथ ही शिक्षा निदेशालय की इस गाइडलाइन्स में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल ड्रेस के रंग, डिज़ाइन व अन्य स्पेसिफिकेशन को नहीं बदल सकता है.

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