नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बतौर गेस्ट टीचर काम कर रहे शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 28 फरवरी को खत्म हो गया. तब से गेस्ट टीचर 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 60 की पॉलिसी की मांग को लेकर गेस्ट टीचरों का प्रदर्शन दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर 21 दिनों से बदस्तूर जारी है. अब गेस्ट टीचरों के प्रदर्शन को छात्रों का भी सर्मथन मिल रहा है. गेस्ट टीचरों के समर्थन में पहुंचे छात्रों ने मांग की है कि हमें हमारे टीचर चाहिए साथ ही छात्रों ने 'बिना शिक्षकों के बच्चों का संसार अधूरा है' के नारे भी लगाए.
21 दिन से गेस्ट टीचर धरने पर
एक तरफ सारा देश जहां होली के त्योहार की खुशी मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ गेस्ट टीचरों के दर्द को महसूस करते हुए छात्रों ने त्योहार का बहिष्कार कर दिया है. बता दें कि 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे गेस्ट टीचर लगातार 21 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं और कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. सरकार की नींद खुले ना खुले लेकिन छात्रों से अपने शिक्षकों की हालत देखी नहीं गई और वह भी उनका साथ देने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए.
शिक्षकों की अनुपस्थिति से हो रही है परेशानी
वहीं प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों ने बताया कि परीक्षा के दौरान शिक्षकों की अनुपस्थिति से उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उनका कहना है कि पढ़ाई में कई ऐसे डाउट होते हैं जो सिर्फ टीचर से ही डिस्कस करके क्लियर किया जा सकता है लेकिन शिक्षकों की अनुपस्थिति में पढ़ाई करने में बहुत मुश्किल हो रही है. वहीं एक अन्य छात्र ने बताया कि सभी छात्रों ने ग्रुप बना कर भी पढ़ने की कोशिश की लेकिन उनके डाउट अंत तक डाउट ही बनकर रह गए क्योंकि उन्हें समझाने वाला कोई भी मौजूद नहीं था.
छात्रों ने होली का त्योहार भी नहीं मनाया उनका कहना है कि उनके शिक्षक जब सड़क पर बैठे हैं तो उन्हें कोई भी त्योहार की खुशी नहीं है. उनके शिक्षकों की गरिमा त्योहार से कहीं ज्यादा बढ़कर है इसीलिए वह होली का त्योहार छोड़कर अपने शिक्षकों का साथ देने के लिए प्रदर्शन स्थल पर आये हैं.