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गेस्ट टीचर विवाद: पुलिस पर गंभीर आरोप, प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज

दिल्ली में सरकारी स्कूलों में काम करने वाले अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा. उधर वहीं लोकसभा का चुनावी बिगुल फुंकने से दिल्ली पुलिस भी हरकत में आ गयी है.

प्रदर्शनकारियों पर हुआ लाठी चार्ज
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Published : Mar 11, 2019, 4:38 PM IST

नई दिल्ली: आचार सहिंता का हवाला देकर दिल्ली पुलिस के द्वारा प्रदर्शन रोकने की कोशिश की गयी तो पुलिस और शिक्षकों के बीच तीखी नोक झोंक हो गयी. जिसमें कई शिक्षकों के काफी चोटें भी आईं.

11वें दिन जब शिक्षक अपनी 60 साल की पॉलिसी को लेकर धरने की मांग को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए बीजेपी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर जाने से पहले रोकने की कोशिश की. लेकिन शिक्षक आगे बढ़ते रहे इस दौरान आगे बढ़ रहे अतिथि शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया. जिसमें कई अतिथि शिक्षकों को चोटें भी आई. वहीं इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस गिरफ्तार कर संसद मार्ग थाने ले गई बाद में चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया. वहीं कुछ अतिथि शिक्षक संसद मार्ग थाने के बाहर के प्रदर्शन के लिए बैठ गए.

प्रदर्शनकारियों पर हुआ लाठी चार्ज

प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने रोकने के नाम पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है. प्रदर्शन कर रही एक महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग करने के दौरान उनके साथ गलत व्यवहार किया जोकि अमानवीय है.

वहीं एक और महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती है जब यही बेटियां अपने अधिकार मांगने के लिए सड़कों पर उतरीं है तो केंद्र सरकार की पुलिस हमसे दुर्व्यवहार करती है.

नई दिल्ली: आचार सहिंता का हवाला देकर दिल्ली पुलिस के द्वारा प्रदर्शन रोकने की कोशिश की गयी तो पुलिस और शिक्षकों के बीच तीखी नोक झोंक हो गयी. जिसमें कई शिक्षकों के काफी चोटें भी आईं.

11वें दिन जब शिक्षक अपनी 60 साल की पॉलिसी को लेकर धरने की मांग को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए बीजेपी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर जाने से पहले रोकने की कोशिश की. लेकिन शिक्षक आगे बढ़ते रहे इस दौरान आगे बढ़ रहे अतिथि शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया. जिसमें कई अतिथि शिक्षकों को चोटें भी आई. वहीं इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस गिरफ्तार कर संसद मार्ग थाने ले गई बाद में चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया. वहीं कुछ अतिथि शिक्षक संसद मार्ग थाने के बाहर के प्रदर्शन के लिए बैठ गए.

प्रदर्शनकारियों पर हुआ लाठी चार्ज

प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने रोकने के नाम पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है. प्रदर्शन कर रही एक महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग करने के दौरान उनके साथ गलत व्यवहार किया जोकि अमानवीय है.

वहीं एक और महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती है जब यही बेटियां अपने अधिकार मांगने के लिए सड़कों पर उतरीं है तो केंद्र सरकार की पुलिस हमसे दुर्व्यवहार करती है.

Intro:दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे अतिथि शिक्षक पिछले 11 दिनों से 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं 11वें दिन प्रदर्शन के लिए पहुंचे अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए बीजेपी दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर जाने से पहले रोकने की कोशिश की. लेकिन शिक्षक आगे बढ़ते रहे इस दौरान आगे बढ़ रहे अतिथि शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया. जिसमें कई अतिथि शिक्षकों को चोटें भी आई. वहीं इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस गिरफ्तार कर संसद मार्ग थाने ले गई तो वहीं कुछ अतिथि शिक्षक संसद मार्ग थाने के बाहर के प्रदर्शन के लिए बैठ गए.


Body:वहीं प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को बीजेपी दिल्ली प्रदेश कार्यालय की ओर जाने से रोकने के दौरान अतिथि शिक्षकों और दिल्ली पुलिस के बीच काफी तीखी नोकझोंक देखने को मिली. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक दिल्ली पुलिस हाय हाय, बीजेपी हाय हाय, आप हाय हाय के नारे लगाते रहे. वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने रोकने के नाम पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है. प्रदर्शन कर रही एक महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग करने के दौरान उनके साथ गलत व्यवहार किया है जोकि अमानवीय है. वहीं एक अन्य महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि हम शांतिपूर्वक पिछले 11 दिन से अपनी 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन सत्ता पर काबिज राजनेता हमसे इतना डर गए हैं कि अब वह हमारी मांगे पूरी करने की बजाय हम पर बल प्रयोग कर रहे हैं यह दुखद है.

वह एक महिला अतिथि शिक्षक ने कहा कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती है जब यही बेटियां अपने अधिकार मांगने के लिए सड़कों पर उतरी है तो केंद्र सरकार की पुलिस हमसे दुर्व्यवहार करती है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे महिला अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने बस में इस तरीके से भरा हर जैसे कि किसी वस्तु को फेंक दिया जाता है.

वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक इमरान ने कहा कि सरकार अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन से बौखला गई है. यह उसी का नतीजा है कि सरकार अब अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए उन पर बल प्रयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि यह वही अतिथि शिक्षक है जिनपर दिल्ली सरकार कभी कहती थी कि आज हमारे स्कूलों की जो शिक्षा व्यवस्था सुधरी है. उसमें अतिथि शिक्षकों का भी बहुत बड़ा योगदान है. लेकिन आज यही सरकार हमारे खिलाफ है जब हम अतिथि शिक्षक अपने लिए 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हैं तो वह हमारे साथ खड़ी होने के बजाय हमें स्कूलों से निकालने की तैयारी कर रही है जो कि दुखद है. वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक शोहेब राणा ने कहा कि हम में से कई ऐसे अतिथि शिक्षक हैं जिन्होंने अतिथि शिक्षक के तौर पर सरकारी स्कूलों में 10 साल अपनी सेवाएं दी है और अब ऐसे समय आ गया है कि हम में से कई अतिथि शिक्षकों की उम्र भी निकल गई है जो कि कहीं और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं.


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