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दिल्ली के ग्रुप 'बी' और 'सी' कर्मचारी बन सकेंगे क्लास 'ए' अफसर, उपराज्यपाल ने दी मंजूरी - एलजी वीके सक्सेना

दिल्ली सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप बी के हजारों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. दरअसल दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने GNCTDSS के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है. इससे ग्रुप सी और ग्रुप बी कर्मचारियों के क्लास ए अधिकारियों के रूप में पदोन्नत हो सकेंगे. Reorganization of GNCTDSS approved

LG VK Saxena
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 11, 2023, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधीनस्थ सेवा (GNCTDSS) के पहले पुनर्गठन को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. अब ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों को पदोन्नत होकर क्लास 'ए' अफसर बनने का रास्ता साफ हो गया है. इससे दिल्ली सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप बी के करीब 13 हजार कर्मचारियों को राहत मिली है.

अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि जीएनसीटीडीएसएस को पहले डीएएसएस के नाम से जाना जाता था. वर्ष 1967 में इसका गठन हुआ था. जीएनसीटीडीएसएस को मंजूरी देकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जो पदोन्नति न होने से निराश थे. डीएएसएस के अधिकारी जो ग्रुप सी के कर्मचारियों के रूप में सेवा दे रहे हैं, वे अब ग्रुप ए अधिकारी के रूप में पदोन्नत हो सकेंगे. इससे कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा और वे बेहतर तरीके से काम भी कर सकेंगे.

दरअसल सन 1967 में डीएएसएस का गठन होने के बाद पिछले 56 वर्षों में इसका पुनर्गठन नहीं हुआ था. जबकि वर्तमान नियमों के अनुसार हर 5 साल में इसका पुनर्गठन होना चाहिए था. इससे सीधे भर्ती किए गए ग्रेड -2 (डीएएसएस) या अनुभाग अधिकारी (एसओ) (समूह बी, राजपत्रित) तक ही बढ़ पाती थी.

कैडर के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार ने पहले भी विचार किया था. लेकिन पुनर्गठन पर फैसला नहीं हो पाया था. अधिकारियों के मुताबिक, जीएनसीटीडीएसएस कैडर के अधिकारियों की लंबे समय से मांग चल रही थी. इसको देखते हुए गृह मंत्रालय के साथ कैडर के पुनर्गठन के मामले पर विचार विमर्श हुआ. गृह मंत्रालय वित्त विभाग और दिल्ली सरकार के कानून विभाग की सहमति पर उपराज्यपाल ने मंजूरी दी है कि 217 विशेष पदों को समाप्त कर दिया जाएगा और जीएनसीटीडीएसएस के भीतर वेतन के आधार पर इनका उचित नामकरण किया जाएगा.

यह भी पढ़ें-सीएम केजरीवाल के निजी सचिव को सतर्कता निदेशालय ने भेजा नोटिस, नियुक्ति को बताया अवैध

साथ ही संबंधित विभागों के परामर्श से ही पदों का निर्णय लिया जाएगा. इन नए पदों को मौजूद अधिकारियों द्वारा तब तक संचालित किया जाएगा जब तक जीएनसीटीडीएसएस के योग्य ग्रेड -1 अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया जाता है. ग्रेड -1 अधिकारियों के रूप में नौ वर्ष की नियमित सेवा देने वाले अधिकारियों को ऐसे 217 पदों पर पदोन्नति दी जाएगी. इस तरीके से नवसृजित 217 पदों पर पदोन्नति अधिकारियों को किसी भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Delhi University ने सर्दियों की छुट्टियों का किया ऐलान, वायु प्रदूषण के चलते 13 से 19 नवंबर तक अवकाश

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधीनस्थ सेवा (GNCTDSS) के पहले पुनर्गठन को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. अब ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों को पदोन्नत होकर क्लास 'ए' अफसर बनने का रास्ता साफ हो गया है. इससे दिल्ली सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप बी के करीब 13 हजार कर्मचारियों को राहत मिली है.

अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि जीएनसीटीडीएसएस को पहले डीएएसएस के नाम से जाना जाता था. वर्ष 1967 में इसका गठन हुआ था. जीएनसीटीडीएसएस को मंजूरी देकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जो पदोन्नति न होने से निराश थे. डीएएसएस के अधिकारी जो ग्रुप सी के कर्मचारियों के रूप में सेवा दे रहे हैं, वे अब ग्रुप ए अधिकारी के रूप में पदोन्नत हो सकेंगे. इससे कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा और वे बेहतर तरीके से काम भी कर सकेंगे.

दरअसल सन 1967 में डीएएसएस का गठन होने के बाद पिछले 56 वर्षों में इसका पुनर्गठन नहीं हुआ था. जबकि वर्तमान नियमों के अनुसार हर 5 साल में इसका पुनर्गठन होना चाहिए था. इससे सीधे भर्ती किए गए ग्रेड -2 (डीएएसएस) या अनुभाग अधिकारी (एसओ) (समूह बी, राजपत्रित) तक ही बढ़ पाती थी.

कैडर के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार ने पहले भी विचार किया था. लेकिन पुनर्गठन पर फैसला नहीं हो पाया था. अधिकारियों के मुताबिक, जीएनसीटीडीएसएस कैडर के अधिकारियों की लंबे समय से मांग चल रही थी. इसको देखते हुए गृह मंत्रालय के साथ कैडर के पुनर्गठन के मामले पर विचार विमर्श हुआ. गृह मंत्रालय वित्त विभाग और दिल्ली सरकार के कानून विभाग की सहमति पर उपराज्यपाल ने मंजूरी दी है कि 217 विशेष पदों को समाप्त कर दिया जाएगा और जीएनसीटीडीएसएस के भीतर वेतन के आधार पर इनका उचित नामकरण किया जाएगा.

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साथ ही संबंधित विभागों के परामर्श से ही पदों का निर्णय लिया जाएगा. इन नए पदों को मौजूद अधिकारियों द्वारा तब तक संचालित किया जाएगा जब तक जीएनसीटीडीएसएस के योग्य ग्रेड -1 अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया जाता है. ग्रेड -1 अधिकारियों के रूप में नौ वर्ष की नियमित सेवा देने वाले अधिकारियों को ऐसे 217 पदों पर पदोन्नति दी जाएगी. इस तरीके से नवसृजित 217 पदों पर पदोन्नति अधिकारियों को किसी भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा.

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