नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही डीटीसी बसों की हर गतिविधि अब अधिकारी देख सकेंगे. कोई भी बस ड्राइवर निर्धारित बस स्टॉप से इधर-उधर या फिर अपने रूट से भटकेगा तो उसकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंच जाएगी.
बसों की लोकेशन पर नजर
डीटीसी ने अपने सभी बसों को जीपीएस युक्त कर दिया है. इससे इन बसों की मॉनिटरिंग अब शुरू हो गई है और इनकी सभी गतिविधियों, बसों की लोकेशन पर अधिकारी नजर रख सकेंगे. पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने भैया दूज के मौके पर यानी 29 अक्टूबर को डीटीसी की बसों में महिलाओं की मुफ्त सवारी का तोहफा दिए जाने का ऐलान किया था. अब इसके लागू होने में कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में डीटीसी की जितनी भी बसें सड़कों पर दौड़ रही है उनमें जीपीएस लगा दिए गए हैं.
35 लाख यात्री करते हैं सफर
मुफ्त योजना से बसों पर यात्रियों का भारी दबाव पड़ने वाला है. मौजूदा समय में प्रतिदिन बसों में आज तक 35 लाख यात्री सफर कर रहे हैं और डीटीसी के बेड़े में 3700 बसें हैं. डीटीसी के अधिकारी बताते हैं कि नियमों के अनुसार औसतन 10 फीसद बसें खराब या रखरखाव के लिए डिपो से ही नहीं निकलती है.
जो बसें निकलती हैं उन पर नजर रखना मुश्किल होता था. ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम की बसों में जीपीएस लगाया गया है. इससे डिपो से निकलने के बाद बसों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है. हालांकि कई ऐसी शिकायतें भी पिछले दिनों मिल रही थी कि डिपो से बाहर निकलने के बाद ड्राइवर बीच रास्ते में बस को तकनीकी खराबी बताकर या गैस खत्म होने की बात कहकर यात्रियों को रास्ते में उतार देता था. या फिर चक्कर पूरा किए बगैर बीच रास्ते से लौट जाता है. लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल होगा.
2012 में शुरू हुई योजना
बता दें कि दिल्ली में साल 2012 में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद से ही सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर व सुरक्षित बनाने की कवायद शुरू हो गई थी. तभी डीटीसी ने अपनी बसों में सीसीटीवी और जीपीएस लगाने का फैसला लिया था. चंद महीने बाद ट्रायल के तौर पर कुछ बसों में जीपीएस लगाए भी गए थे. लेकिन उसके बाद योजना अधर में लटक गई थी. अब बस ड्राइवरों द्वारा बहानेबाजी और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ही सही सभी बसों में जीपीएस लगा दिए गए हैं और इससे बसों की लोकेशन पता करने में काफी आसानी होगी.