नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों में एंटरप्रेन्योरशिप स्किल बढ़ाने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम चला रही है. जिसका मकसद है, छात्रों में रोजगार ढूंढने की सोच की जगह रोजगार के अवसर पैदा करने की सोच विकसित करना.
इसी कड़ी में फील्ड प्रोजेक्ट के अंतर्गत 11वीं और 12वीं के छात्रों को एक हजार रुपये बतौर सीड मनी दिए जाएंगे. जिसका निवेश कर उन्हें कोई भी काम कर आय अर्जित करनी होगी. वहीं एंटरप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए फील्ड प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसके तहत छात्रों को सिखाया जाएगा कि असल जिंदगी में कुछ पैसा निवेश कर किस तरह कमाई की जा सकती है.
5-5 के समूह में छात्रों को विभाजित किया जाएगा
निवेश की रकम अधिक हो सके इसलिए यह सुझाव दिया गया है की फील्ड प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए छात्रों को पांच-पांच के समूह में विभाजित किया जाए. जिससे निवेश की रकम हजार नहीं बल्कि पांच हजार हो सके. साथ ही सभी एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के शिक्षक और को-ऑर्डिनेटर छात्रों से लगातार फीडबैक लेते रहेंगे और इस बात पर अपनी पूरी नजर बनाए रखेंगे की युवा किस तरह से व्यवसाय से पैसा कमा रहे हैं.
छात्रों को करना होगा प्रोजेक्ट तैयार
बता दें कि सीड मनी लेने से पहले छात्रों को आपस में चर्चा कर अपना प्रोजेक्ट तैयार करना होगा और शिक्षक के सामने उस प्रोजेक्ट को विस्तार से समझाना होगा. उसके बाद उस प्रोजेक्ट को पारित कर उसके लिए हजार रुपये प्रति छात्र निवेश शुल्क दिया जाएगा. प्रोजेक्ट के लिए एक तय सीमा निर्धारित कर दी जाएगी, जिसके बाद छात्रों को पूरी रिपोर्ट अपने शिक्षकों को सौंपनी होगी. वहीं शिक्षक छात्रों के फीडबैक और अपनी ऑब्जर्वेशन के अनुसार डॉक्यूमेंटेशन तैयार करेंगे. साथ ही सभी स्कूलों में एग्जीबिशन का भी आयोजन किया जाएगा.
जहां छात्र इस व्यवसाय को विस्तार से अभिभावकों और अतिथियों को समझेंगे, जिसके द्वारा उन्हें मुनाफा कमाना है. ज्ञात हो कि मुनाफे में कमाई गई रकम छात्र अपने पास ही रखेंगे.
'छात्रों को मिलेगा इसका तजुर्बा'
दिल्ली सरकार का कहना है कि यह एक मुहिम है छात्रों में एंटरप्रेन्योरशिप सोच को विकसित करने की छात्र चाहे कोई भी मुनाफा कमाए पर उसे व्यवसाय में कैसे काम किया जाता है, इसका तजुर्बा जरूर मिलेगा.