नई दिल्ली: केंद्र द्वारा दिल्ली के बजट पर रोक लगाए जाने के बाद केजरीवाल सरकार के तमाम नेता मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं. इसी कड़ी में अब मंगलवार को विधानसभा में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र किसी न किसी बहाने आप सरकार के कामों में अड़ंगा डालने का कार्य करती रहती है. इसी का एक नमूना है दिल्ली सरकार द्वारा पेश होने वाले बजट को रोकना.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा में सोमवार को वित्तमंत्री कैलाश गहलोत द्वारा आउटकम बजट पेश किया गया था और मंगलवार को दिल्ली का बजट पेश होना था. लेकिन कल शाम को एक टीवी चैनल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली का बजट केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा हरी झंडी नहीं दी गई, जिस कारण मंगलवार 21, मार्च को राजधानी में पेश होने वाला बजट अब नहीं पेश किया जा सकेगा.
केजरीवाल के इस बयान के बाद सोमवार रात से ही दिल्ली की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. सत्ता पक्ष और बिपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप का दौर चालू हो गया. सुबह 11 बजे विधानसभा बजट सत्र शुरू होने पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने इसे गैर लोकतांत्रिक बताया और कहा कि दिल्ली की सरकार के कामों में केंद्र सरकार द्वारा सीधे तौर पर बाधा पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. केंद्र सरकार तानाशाही का रवैया अपना रही है. आप मंत्री ने कहा दिल्ली के वित्तमंत्री कैलाश गहलोत के द्वारा बजट नहीं पेश होने से सभी विकास कार्य रुक जाएंगे. साथ ही कर्मचारियों तक की तनख्वाह रुक जाएगी.
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MHA ने क्यों रोका दिल्ली का बजट: गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली में बजट पेश होना था, लेकिन आखिरी समय में गृह मंत्रालय ने इस पर रोक लगा दी. जानकारी के अनुसार उप राज्यपाल वीके सक्सेना के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार से विज्ञापन समेत तीन मुद्दों पर जवाब मांगा था. जिसपर दिल्ली सरकार ने अब तक कोई जबाव नहीं दिया है. मतलब साफ है कि आम आदमी पार्टी सरकार के द्वारा बजट की फाइल फाइनल अप्रूवल के लिए भेजी ही नहीं गई.
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