नई दिल्ली/नोएडा : बदलते मौसम में बीमारी तेजी से अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. अस्पतालों की हालत यह हो गई है कि मरीजों का तांता लगा हुआ. ज्यादातर लोग जुखाम, खांसी, बुखार के साथ सांस फूलने और बदन में दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जा रहे हैं. डॉक्टर का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से वायरस अलग-अलग वेरिएंट के रूप में फैल रहे हैं, जो लोगों को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की कोई दवा न करें. साथ ही गूगल के माध्यम से बीमारी का इलाज करने का प्रयास न करें, क्योंकि गूगल किस बीमारी का सही इलाज नहीं बता सकता है. हर छोटी बीमारी को लेकर डॉक्टर की सलाह जरूर ले.
फिजीशियन डॉक्टर एनके शर्म का कहना है कि आज कल लोग जल्दी ठीक होने के लिए बीमारियों का इलाज गूगल के माध्यम से खोज कर अपनी मर्जी से दवा खाना शुरू कर देते हैं, जो जीवन के लिए घातक है. उन्होंने लोगों से यह अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें, खासकर गूगल पर बीमारी का इलाज न खोजें. जरा सी भी परेशानी हो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, ताकि समय रहते बीमारी का सही तरीके से इलाज हो सके. एक बड़ी बीमारी से बच सकें. इस बदलते मौसम में सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योकि बीमारी का प्रभाव इनपर सबसे ज्यादा होता है.
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डॉक्टर एनके शर्मा ने बताया कि इस मौसम में बहुत सारे वायरस तेजी से पैर फेला रहे है. वहीं दो-तीन सालों से आपने देखा होगा कि कोरोना वायरस के आने के बाद उसका अलग-अलग वेरिएंट्स में अलग-अलग रूप में वह फेल रहा है और लोगों को प्रभावित कर रहा है. जिस तरह से हम कोरोना के समय सतर्क रह कर ठीक रहे, उसी तरह एक बार फिर सतर्क होने की जरूरत है. क्योकि इस बदलते मौसम मे छोटी सी बिमारी भी बड़ा रूप ले ले रही है. बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा न खाए. खास कर गूगल का सहारा बीमारी मे एक दम न ले. वर्ना आप एक छोटी बीमारी को बड़ा रूप देने की दावत देगे. साथ ही आप खुद से अपनी जान जोखिम मे डाल देगे.