नई दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल में एक सूक्ष्म जटिल सर्जरी कर एक बच्ची की कटी उंगलियों को जोड़कर उसे एक नया जीवन दिया गया है. प्रोफेसर राकेश कैन और उनकी टीम द्वारा एक दुर्लभ, जटिल सूक्ष्म संवहनी सर्जरी 'पैर की उंगलियों को उंगली रहित हाथ में प्रत्यारोपित' सफलतापूर्वक किया गया और उसे पूरी तरह से काम करने वाली उंगलियां दी गईं. अस्पताल के एमएस डॉ बी एल शेरवाल ने इस सफलता पर डॉ शलभ एचओडी और पूरी टीम को बधाई दी. 16 मई 2023 को इसकी सर्जरी की गई और चार पोस्ट ऑपरेटिव दिनों के बाद बच्चा ठीक है और उंगलियां ठीक से काम कर रही है.
चारा काटने की मशीन में कटी थी उंगलियां
बता दें कि अलवर राजस्थान की रहने वाली मायरा दो साल पहले एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी. जब उसके हाथ घूमने वाली चारा काटने की मशीन में आ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप सभी उंगलियों और दोनों हाथों की हथेली का हिस्सा पूरी तरह से कट गया था. उस समय उसका परिवार अंगुलियां मिलाने की उम्मीद लेकर अस्पताल गया था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. तब से दोनों हाथों की अंगुलियों और अंगूठों के न होने के कारण उसने अपने नियमित काम करने या खिलौनों से खेलने में सक्षम नहीं थी. उसे इस डर से स्कूल में भर्ती नहीं किया गया था कि वह लिखने के लिए कलम नहीं पकड़ पाएगी.
9 घंटे की मैराथन सर्जरी कर नई उंगलियां बनाई
ऑपरेशन करने वाली सर्जिकल टीम का नेतृत्व प्लास्टिक सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. राकेश कैन, डॉ. सैमसन एमसीएच निवासी, डॉ. अकिला मोहन एमसीएच निवासी, डॉ. सन्नी गज्जर एमसीएच निवासी, डॉ. संगनिका उकिल, डॉ. रोहन कपूर एमसीएच निवासी और डॉ. रोहन कपूर कर रहे थे. कुल सर्जिकल समय 9 घंटे था. लंबे समय तक माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी, एनेस्थीसिया डॉ. संतवाना कोहली एसो द्वारा दिया गया था. प्रोफेसर डॉ. प्रतिभा एसो प्रोफेसर, डॉ. नीतू और डॉ. राधिका और पोस्ट ऑपरेटिव आईसीयू देखभाल प्रदान की गई. सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शेरवाल ने कहा कि पैर के अंगूठे का प्रत्यारोपण बहुत कठिन प्रक्रिया है और बहुत कम केंद्रों पर किया जाता है.
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