नई दिल्ली: इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपी यूनिवर्सिटी) के सभी कॉलेजों में एडमिशन को लेकर काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन आईपी यूनिवर्सिटी के ही जीबी पंत कॉलेज में अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. छात्रों का कहना है कि इस साल दिल्ली सरकार साजिश के तहत काउंसलिंग और एडमिशन नहीं करा रही है, ताकि वर्तमान सत्र समाप्त होने पर कॉलेज को बंद कर दिया जाए.
मांगों को डूसू का समर्थन
इन आरोपों और कॉलेज न बंद करने की मांग के साथ जीबी पंत कॉलेज के छात्र दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के समीप विकास भवन के पास सैकड़ों की संख्या में जीबी पंत कॉलेज के छात्र बैठे हैं. इनके इस विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी शामिल है. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ भी इनकी मांगों को अपना समर्थन दे रहा है.
नहीं हो रही काउंसलिंग
इस पूरे मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में एबीबीपी नेता और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि सभी कॉलेजों में काउंसलिंग शुरू है, लेकिन जीबी पंत में काउंसलिंग नहीं हो रही है. अक्षित दहिया ने कहा कि जीबी पंत कॉलेज आईपी यूनिवर्सिटी का वह कॉलेज है, जहां काफी कम फीस में बच्चे इंजीनियरिंग कर लेते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार यह नहीं चाहती.
भारी फीस वाले कॉलेज में बढ़ी सीटें
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने आईपी यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में 1330 सीटें बढ़ाई हैं. इसे लेकर अक्षित दहिया का कहना था कि ये सभी सीटें उन कॉलेजों में बढ़ाई गई है, जिनकी फीस लाख-डेढ़ लाख रुपये है, जबकि जीबी पंत जैसे कॉलेज को बंद किया जा रहा है, जहां गरीब छात्र आसानी से इंजीनियरिंग करते हैं. ईटीवी भारत ने जीबी पंत के कई छात्रों से भी बातचीत की.
नहीं सुनी गई शिकायत
जीबी पंत कॉलेज में फर्स्ट इयर के छात्र अदनान ने कहा कि काउंसलिंग से जीबी पंत का नाम हटा दिया गया है, जिसके कारण नए छात्र एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. मुस्कान का यह भी कहना था कि अब नए सत्र में यहां एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. गीतांजलि ने बताया कि वे सभी छात्र शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के पास भी शिकायत लेकर गए थे, लेकिन समाधान की कोशिश तो दूर शिकायत तक नहीं सुनी गई.