नई दिल्लीः स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए दो लाख रुपये के इनामी बदमाश संदीप उर्फ ढिल्लू ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि वह टिल्लू गैंग को मजबूत करने के लिए जेल से फरार हुआ था. पहले उसने 10 से ज्यादा बार पैरोल या फरलो लेने की कोशिश की.
हर बार जब इसे रिजेक्ट किया गया, तो उसने जेल से फरार होने की साजिश रची थी. जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी से हाल ही में स्पेशल सेल ने संदीप उर्फ ढिल्लू को गिरफ्तार किया. फरवरी 2018 में वह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से पुलिस हिरासत से फरार हुआ था.
'टिल्लू तजपुरिया का है खास दोस्त'
आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह टिल्लू तजपुरिया का खास दोस्त है, जिसकी रंजिश जितेंद्र गोगी से चल रही है. पुलिस हिरासत से फरार होने के बाद जितेंद्र गोगी लगातार उनके साथियों की हत्या कर रहा था. इसलिए उसका जेल से बाहर निकलना जरूरी हो गया था. उसने पहले पैरोल और फरलो के जरिए बाहर निकलने की कोशिश की. लेकिन जब इसे बार-बार रिजेक्ट किया गया, तो उसने भागने की साजिश रची.
'पहली बारी में नहीं आए थे साथी'
आरोपी संदीप ने बताया कि उसने पहले 9 फरवरी को भागने की साजिश रची थी. वह 9 फरवरी को अस्पताल पहुंचा लेकिन उसे भगाने वाले साथी वहां आए ही नहीं. उस दिन ज्यादा नशा में होने की वजह से वह अस्पताल नहीं पहुंचे. इसके बाद वह जब 19 फरवरी को अस्पताल पहुंचा, तो वहां से उसे साथियों ने मुक्त करवा लिया.
उन्होंने पुलिस की आंख में मिर्ची झोंकने के साथ, लोगों को डराने के लिए हवाई फायरिंग भी की थी. यहां से फरार होने के बाद वह सीधे अलीपुर गया था. यहां से वह हरियाणा के एक फॉर्म हाउस पर गया, जहां एक सप्ताह रहने के बाद वह अजमेर शरीफ चला गया था.
'रोहिणी में दिया था हत्या को अंजाम'
फरार होने के बाद वह राजस्थान के कोटा में किराए के मकान पर रहता था. यहां से रोहिणी आकर उसने जितेंद्र गोगी के साथी अमित की हत्या कर दी थी. यह हत्या टिल्लू के इशारे पर की गई थी. हत्या करने के बाद वह वापस कोटा चला गया था.
वहां काफी समय किराए पर रहने के बाद वह सिलीगुड़ी चला गया था. वर्ष 2010 में वह काफी समय तक अपने साथियों सहित रहा हुआ था. इसलिए वह अपनी पत्नी के साथ सिलीगुड़ी चला गया था. यहां पर रहने के दौरान वह लगातार अपने गैंग को मजबूत कर रहा था.
वर्चुअल इंटरनेट का कर रहा था इस्तेमाल
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह जेल में भले ही मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन फरार होने के बाद वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता था. वह अपने साथियों से संपर्क करने के लिए वर्चुअल इंटरनेट का इस्तेमाल करता था, ताकि पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिले. उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी आदि के 22 मामले दर्ज हैं.