नई दिल्ली: रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुई गैंगवार की घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन यह कोई पहली घटना नहीं है. इस अदालत में पहले भी कई बार गोलियां चल चुकी है और बदमाशों की हत्या हो चुकी है. कई बार रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. वारदात के बाद कुछ समय के लिए सुरक्षा को कड़ा किया जाता है. इसके बाद एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था लचर हो जाती है. इसका फायदा उठाकर ही बदमाश आसानी से हथियार लेकर कोर्ट रूम तक चले गए जहां खुद जज बैठे हुए थे.
जानकारी के अनुसार रोहिणी कोर्ट कई बार बदमाशों की हत्या के लिए एक आसान जगह रही है. कई बार गैंगवार में हत्या के लिए रोहिणी कोर्ट को चुना गया है क्योंकि यहां पर बदमाशों को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद नहीं लगती. दिल्ली पुलिस ने कई बार ऐसे गैंग भी पकड़े हैं, जो हत्या करने के इरादे से रोहिणी कोर्ट पहुंचे थे.
इन हत्याओं के बाद प्रशासन द्वारा यहां जांच की जाती है और सख्ती बरती जाती है. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद लापरवाही शुरू हो जाती है. इसी लापरवाही के चलते यह लोग हथियार लेकर न केवल अदालत परिसर में दाखिल हुए बल्कि उस कमरे तक जा पहुंचे जहां पर सुनवाई हो रही थी.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर यहां पर वकीलों की तलाशी नहीं ली जाती है और उनके लिए अलग गेट है. इसका फायदा इन बदमाशों ने उठाया जो वकील की ड्रेस पहनकर कोर्ट में पहुंचे थे. अपनी ड्रेस के अंदर ही उन्होंने हथियार छिपा रखे थे, जिसके चलते उनकी तलाशी नहीं हुई. यह लोग वकील की ड्रेस पहनकर हथियार सहित अदालत के कमरे तक जा पहुंचे और सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. वहां जब गोली चलने लगी तब सुरक्षाकर्मी अलर्ट हुए. सूत्रों का यह भी कहना है कि मौके पर काउंटर इंटेलिजेंस की टीम होने की वजह से हमलावरों को मौके पर ही ढेर करने में पुलिस टीम कामयाब रही अन्यथा यह बदमाश वहां से भाग भी सकते थे.
ये भी पढ़ें- रोहिणी कोर्ट में चली ताबड़तोड़ गोलियां, गैंगस्टर गोगी समेत तीन की मौत
रोहिणी कोर्ट में हुई घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉक्टर एपी सिंह का कहना है कि यह एक बेहद दुखद घटना है. सुरक्षा में यह बड़ी चूक है जिसमें बदमाश अदालत के अंदर हथियार लेकर पहुंच गए और स्पेशल जज के सामने उन्होंने विचाराधीन कैदी की हत्या कर दी. यह सुरक्षा पर एक बड़ा सवालिया निशान है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में कई बार इस तरह की घटनाएं हुई हैं. लेकिन इसके बावजूद कोई सबक नहीं लिया गया और सुरक्षा में चूक होते हुए इस घटना को अंजाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बेहद गंभीरता से सभी अदालत में सुरक्षा को चाक-चौबंद किए जाने की आवश्यकता है. ऐसे में गवाहों पर भी हमला हो सकता है और उनमें असुरक्षा की भावना आ सकती है.
ये भी पढ़ें- टिल्लू-गोगी गैंग में एक दशक से चल रही गैंगवार, अब तक 20 से ज्यादा मर्डर
अदालत में हुए हमलों के मामले
- 30 मई 2018- तीस हजारी अदालत में जेल वैन के अंदर बैठे कैदी दिनेश की नाबालिग ने गोली मारकर हत्या कर दी.
- 13 नवंबर 2017- रोहिणी कोर्ट में पेशी के बाद बाहर निकले बदमाश की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
- 29 अप्रैल 2017- फरीदाबाद से पेशी के लिए रोहिणी अदालत में लाये गए कैदी राजेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई, हमलावर को मौके पर पकड़ लिया गया.
- 26 अगस्त 2015- रोहिणी कोर्ट से लौटते समय नीरज बवाना एवं उसके साथियों ने जेल वैन में दो कैदियों की पीट पीटकर हत्या कर दी.
- 24 जुलाई 2015- रोहिणी कोर्ट में सीरियल रेपिस्ट पर पेशी के दौरान किया गया हमला
- दिसंबर 2015- कड़कड़डूमा में पेशी के दौरान छेनू पहलवान पर नाबालिग ने चलाई ताबड़तोड़ गोलियां, एक पुलिसकर्मी की मौत बदमाश घायल.