नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति में दिल्ली में सन् 1961 में राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की स्थापना की गई थी, जहां बापू व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में तमाम जानकारी हासिल की जा सकती है. संग्रहालय कई स्वतंत्रता सेनानियों की मूल पुस्तकों दस्तावेजों, पत्रिकाओं, ऑडियो-विजुअल क्लिप, तस्वीरों, कलाकृतियों आदि का एक समृद्ध संग्रह समेटे हुए हैं, जो दिल्ली के मुख्य पर्यटक आकर्षणों में से एक है. इसके अभिरक्षक अंसर ने बताया कि राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि के बगल में गांधी संग्रहालय का निर्माण किया गया, जिसे महात्मा गांधी के निधन की 13वीं वर्षगांठ पर 1961 में आधिकारिक तौर पर खोला गया. इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था.
मदुरै की यात्रा के दौरान बापू रुके थे यहां: बताया गया कि संग्रहालय उसी स्थान पर है, जहां गांधी जी अपनी मदुरै की यात्रा के दौरान रुके थे. संग्रहालय में तस्वीरों, पत्रों व कलाकृतियों के माध्यम से उनके जीवन को प्रदर्शित किया गया है. गांधी संग्रहालय में सात प्रदर्शनी दीर्घाएं हैं. इसमें प्रवेश द्वार, चरखा गैलरी, फोटोग्राफ, स्मारक, शहादत, कला और आश्रम गैलरी शामिल है. चरखा गैलरी के बारे में अंसर ने बताया कि यहां चरखे के 23 मॉडल रखे गए हैं. इसमें गुजरात का चरखा, बारतोली चरखा और फ्लेक चरखा (यूरोपियन चरखा) आदि शामिल है. गैलरी में चरखे के अलावा एक महिला को चरखा चलाते हुए भी दिखाया गया है.
280 से अधिक तस्वीरें हैं मौजूद: इतना ही नहीं, यहां भारत सरकार द्वारा चरखे पर जारी की गई डाक टिकटों को भी प्रदर्शित किया गया है. साथ ही कताई से संबंधित विभिन्न अन्य चीजों को भी गैलरी के रखा गया है. संग्रहालय में चरखे पर काम करते हुए कई स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं. फोटोग्राफ गैलरी में बापू की 280 से अधिक तस्वीरें हैं. ये तस्वीरें गांधी जी के जीवन के दस अलग-अलग चरणों को दर्शाती हैं, जिसमें उनके बचपन से लेकर दिल्ली में उनकी अंतिम उपस्थिति दिखाई गई है.
सुन सकते हैं बापू के भाषण: संग्रहालय के अभिरक्षक ने बताया कि यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा जारी डाक टिकटों को भी प्रदर्शित किए गया है. साथ ही गैलरी में चरखे के बारे में अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लेख और आजादी के बाद चरखा चलाने वाले लोगों के कुछ चित्र भी देखे जा सकते हैं. वहीं एक अन्य गैलरी में बापू के ताबीज और उनके उद्धरण शामिल हैं. इसके अलावा यहां छह टेलीफोन भी हैं, पर्यटक अंग्रेजी और हिंदी में महात्मा गांधी के रिकॉर्ड किए गए भाषण सुने जा सकते हैं.
संग्रहालय में यह चीजें हैं नई: बीते एक वर्ष में गांधी संग्रहालय में कुछ नई चीजों को शामिल किया गया है. अंसर ने बताया कि संग्रहालय में फोटोगैलरी में एक मेडल को शामिल किया गया है, जिसे एक महिला ने गिफ्ट किया था. वहीं जॉर्जिया में गांधी जी की स्मृति में जारी किए गए डाक टिकट को इसी वर्ष संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है. फिलहाल संग्रहालय में लगभग 75 देशों की डाक टिकटें प्रदर्शित की गई हैं.
गांधी जी से जुड़ी सबसे ज्यादा वस्तुएं: राष्ट्रपिता को समर्पित इस संग्रहालय में उनकी व्यक्तिगत उपयोग की चीजों को बहुत सहेजकर रखा गया है. अंसर ने बताया कि भारत के अन्य राज्यों में भी गांधी संग्रहालय है, लेकिन इस संग्रहालय में उनके जीवन से जुड़ी सबसे ज्यादा चीजें मौजूद हैं. 1965 तक इसका संचालन गांधी स्मारक निधि द्वारा किया गया जाता था, जिसके मैदान पर संग्रहालय स्थित है. फिर 1965 में गांधी स्मारक संग्रहालय समिति का गठन किया गया और अब यही संग्रहालय का संचालन करता है. इस समिति के निदेशक ए. अन्नामलाई हैं.
स्मारक गैलरी में है सिक्के व कपड़े: संग्रहालय में एक स्मारक गैलरी भी है, जहां महात्मा गांधी के कपड़े और चादर जैसी विभिन्न व्यक्तिगत वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है. इस गैलरी में रखी गई ये चीजें, लोगों का ध्यान खासा आकर्षित करती हैं. इनमें रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गांधीजी को लिखा एक पुनर्मुद्रित पत्र, गांधी जी की छवि वाले नोट और सिक्के और उनके पहने हुए कपड़े शामिल हैं.
शहीदी गैलरी है सबसे खास: इसके आगे संग्रहालय की सबसे दिलचस्प शहीदी गैलरी है जो जहां हत्या के दौरान महात्मा गांधी द्वारा पहनी गई खून से सनी शॉल और धोती के साथ घड़ी प्रदर्शित की गई है. यहां उन तीन में से एक गोली भी शामिल है, जिससे गांधी जी की मौत हुई थी. साथ ही वह कलश भी मौजूद है, जिसमें उनकी राख रखी गई थी. इसके बाद आर्ट गैलरी विभिन्न पेंटिंग, मूर्तियां, रेखाचित्र और लकड़ी की कला के विशेष टुकड़े और महात्मा गांधी से संबंधित कई चीजें प्रदर्शित की गई हैं.
इस गैलरी में प्रदर्शित किए गए हैं मॉडल: संग्रह की अंतिम गैलरी, आश्रम गैलरी है इसमें फीनिक्स (दक्षिण अफ्रीका), सेवाग्राम आश्रम (वर्धा के पास) और सत्याग्रह आश्रम (साबरमती) में महात्मा गांधी के कॉटेज के कुछ आश्चर्यजनक मॉडल हैं. संग्रहालय के एक हिस्से में महात्मा गांधी से संबंधित ऑडियो-विजुअल क्लिप लगातार चलती रहती है. ऑडियो क्लिप में महात्मा गांधी एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के विभिन्न भाषण, देशभक्ति गीत, भजन और अन्य प्रमुख हस्तियों द्वारा महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि और यादें हैं.
वहीं वीडियो सेक्शन में महात्मा गांधी और उस समय के अन्य प्रमुख नेताओं की 137 फिल्में शामिल हैं. इनमें से अधिकतर फिल्में हिंदी और अंग्रेजी में हैं. वहीं कुथ फिल्में गुजराती, मराठी और उर्दू में भी हैं. कुल मिलाकर गांधी संग्रहालय, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समृद्ध ऐतिहासिक अतीत से परिचित होने के लिए दिल्ली में सबसे अच्छी जगहों में से एक है.
सोमवार को खुलेगा संग्रहालय: आम दिनों में गांधी संग्रहालय मंगलवार से रविवार तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है. वहीं सोमवार को अवकाश रहता है. लेकिन इस बार गांधी जयंती को सोमवार पड़ रही है, जिसके चलते संग्रहालय सोमवार को भी खोला जाएगा. यह जानकारी संग्रहालय के अभिरक्षक द्वारा दी गई. इस अवसर पर संग्रहालय में स्कूल और कॉलेज के विद्याथियों द्वारा महात्मा गांधी के जीवन से सबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाएगा. इस दौरान विद्याथियों द्वारा भजन कीर्तन, नाटक मंचन किए जाने के अतिरिक्त कई तरह की चित्रकलाएं भी बनाई जाएंगी.
संग्रहालय में कहां से आई वस्तुएं: महात्मा गांधी की 30 जनवरी, 1948 को हत्या कर दी गई थी. उनकी मृत्यु के कुछ समय बाद, गांधी जी को मानने वाले लोगों ने उनसे संबंधित वस्तुओं की पूरे भारत में खोज शुरू की. अंसर ने बताया कि मूल रूप से गांधी से जुड़ी व्यक्तिगत वस्तुओं, समाचार पत्रों और पुस्तकों को मुंबई ले जाया गया. इसके बादद 1951 में इन चीजों को नई दिल्ली में कोटा हाउस के पास इमारतों में ले जाया गया और संग्रहालय 1957 में फिर एक हवेली में शुरू किया गया.
कैसे पहुंचें गांधी संग्रहालय: गांधी संग्रहालय से निकटतम मेट्रो स्टेशन आईटीओ और दिल्ली गेट हैं. मेट्रो स्टेशन और संग्रहालय के बीच की दूरी लगभग 1.5 किलोमीटर है, इसलिए यहां तक पैदल या ऑटो रिक्शा के माध्यम से जाया जा सकता है.
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