नई दिल्ली: लेबनान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वें जन्मदिन मनाने के नाम पर जालसाजी का मामला सामने आया है. इस जालसाजी में प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के नाम में न केवल प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया. बल्कि उनके भाई के फर्जी हस्ताक्षर का भी इस्तेमाल किया गया है. इस मामले में साउथ एवेन्यू पुलिस ने 2 महिलाओं सहित चार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं पूरे मामले की जांच स्पेशल स्टाफ को सौंप दी गई है.
जानकारी के मुताबिक साउथ एवेन्यू पुलिस को सूचना मिली थी कि 2 महिला और एक व्यक्ति प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान के नाम को सरकारी बताते हुए एक फर्जी संस्था चला रहे हैं. वो लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करते हैं. ये लोग विदेश मंत्रालय के कार्यालय पर आने वाले हैं.
इस जानकारी पर पुलिस टीम ने वहां से कार सवार दो महिलाओं और एक युवक को पूछताछ के लिए रोका. इनकी पहचान केरल निवासी स्नेहा चंद्र कुमार, असम निवासी पूर्णिमा और पंजाब निवासी जतिन शर्मा के रूप में की गई. उन्होंने बताया कि वो वसंत कुंज स्थित डैटस्टॉप हॉस्टल में रुके हुए हैं.
स्नेहा के पास एक बुकलेट थी. जिसके मुख्य पेज पर 'फ्रॉम इंडिया टू लेबनान विद लव' लिखा था. इस पर प्रधानमंत्री की तस्वीर बनी हुई थी. इसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री के 70 वें जन्मदिन पर लेबनान में बम विस्फोट पीड़ितों को 70 टन अनाज बांटा जाएगा. इस पर दोनों महिलाओं की तस्वीर भी बनी हुई थी. इनकी वेबसाइट खोलने पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. ऐसा दिखाया गया था कि ये एक सरकारी संस्था है. पूछताछ में तीनों ने बताया कि वो इस संस्था से जुड़े हुए हैं और प्रधानमंत्री के 70 वें जन्मदिन पर लेबनान में जाकर बम विस्फोट पीड़ितों की सहायता के लिए अनाज बांटना चाहते हैं.
चार आरोपी किये गए गिरफ्तार
वो लेबनान में सरकारी हॉस्पिटल की सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय से निवेदन करने आए थे. इसके बाद इस बाबत मामला दर्ज किया गया. प्राथमिक छानबीन करने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 468/469/ 471 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वहीं इनसे हुई पूछताछ के बाद एक बाकी आरोपी जय घोष महाराज को गिरफ्तार किया गया है. उसने खुद को इस संस्था का राष्ट्रीय संगठक बताया है. फिलहाल उसे भी तीन बाकी आरोपियों के साथ अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया है.
पीएम की तस्वीर एवं उनके भाई के हस्ताक्षर का इस्तेमाल
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने अपने संस्था के लेटर हेड पर न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल कर रखा है. बल्कि मार्गदर्शक मंडल में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उनके भाई प्रहलाद मोदी का नाम लिखा हुआ है. इसके साथ ही पीएम की कई योजनाओं को लेटर हेड पर दिखाया गया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रहलाद मोदी के फर्जी हस्ताक्षर भी इस लेटर हेड पर किए गए हैं. जिसकी पुष्टि प्रह्लाद मोदी ने पुलिस से की है. पुलिस ने फिलहाल लेटर हेड को जब्त कर लिया है. पुलिस का मानना है कि ये प्रधानमंत्री, उनके भाई एवं बीजेपी का नाम इस्तेमाल कर लोगों के साथ जालसाजी कर रहे थे. इसे लेकर फिलहाल पूरी छानबीन चल रही है.
अधिवक्ता का दावा महिलाओं को नहीं जानता जतिन
जतिन के अधिवक्ता यश कुमार का दावा है कि उनका क्लाइंट दोनों आरोपी महिलाओं को नहीं जानता है. वो लंदन से लगभग एक साल पहले लौटा था. वहां से लौटने के बाद जतिन दिल्ली में नौकरी कर रहा था. यहां लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई. इसके बाद वो कुछ समय से हॉस्टल में ठहरा हुआ था. यहीं उसकी मुलाकात दोनों महिलाओं से हुई.
जिसने प्रधानमंत्री का 70वां जन्मदिन लेबनान में मनाने के नाम पर उससे मदद मांगी. वो केवल ट्रांसलेटर बनकर उनकी मदद करने के लिए उनके साथ गया था. इन महिलाओं से उसका किसी प्रकार का संबंध नहीं है. यश कुमार ने बताया कि अदालत में उन्होंने जतिन की जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई है. अब वो जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.