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बड़ा खुलासा, दिल्ली के इन अस्पतालों ने ज्यादा दिखाई ऑक्सीजन की जरूरत - दिल्ली ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी की रिपोर्ट

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की ज़रूरत और मांग को लेकर आई Oxygen Audit Report ने दिल्ली की सियासत में भूचाल ला दिया है. एक तरफ जहां इसमें दिल्ली सरकार पर मिस-मैनेजमेंट का आरोप लग रहा है तो वहीं कुछ अस्पतालों के गलत आंकड़ों को लेकर सवाल खड़ा किया गया है.

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इन अस्पतालों ने गलत दिया oxygen demand का आंकड़ा
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Published : Jun 25, 2021, 5:21 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की ज़रूरत और मांग को लेकर आई ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी की रिपोर्ट कई सवाल खड़े कर रही है. एक तरफ जहां इसमें दिल्ली सरकार पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लग रहा है तो वहीं कुछ अस्पतालों के नाम लेकर उनके द्वारे दिए गए आंकड़े को सवालों में रखा गया है. ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट में ऐसे 4 नामों का ज़िक्र है.

जरूरत और मांग में 4 गुना अंतर
Oxygen Audit Report में 13 मई को उस चौथी मीटिंग का जिक्र किया गया है. जिसमें ऑक्सीजन की असल जरूरत और मांग में 4 गुना तक का अंतर पाया गया था. इस मीटिंग में ही दिल्ली के उन 4 अस्पतालों के ज़िक्र है. जिन्होंने अपनी कैपेसिटी से अधिक ऑक्सीजन की ज़रूरत और खपत होने का दावा भी किया है.

Oxygen Audit Report copy
ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट कॉपी

ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट: केजरीवाल सरकार ने जरूरत से 4 गुना ज्यादा मांगी ऑक्सीजन

इन अस्पतालों ने बताया गलत आंकड़ा
रिपोर्ट में बताया गया है कि चार अस्पतालों ने कम बेड होने के बावजूद अधिक ऑक्सीजन की डिमांड की, जो कि गलत है. इसमें सिंघल हॉस्पिटल, अरुणा आसिफ़ अली हॉस्पिटल, ESIC मॉडल हॉस्पिटल और लाइफरे हॉस्पिटल शामिल हैं. रिपोर्ट में इसे आधार बनाकर ही दिल्ली की ओवरऑल डिमांड के बढ़ने का कारण बताया गया है. बताया गया है कि जब फॉर्मूला के हिसाब से इन आंकड़ों को रिप्लेस किया गया था. तब इसमें कहीं अधिक अंतर आया.

ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट: दिल्ली की राजनीति में भूचाल, केजरीवाल पर हमलावर हुआ विपक्ष
डिमांड 1140 मीट्रिक टन बताई गई 209 मीट्रिक टन

इससे अलग कुल 183 अस्पतालों के आंकड़ों में दिल्ली सरकार के आंकड़ों के हिसाब से डिमांड 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की बताई गई है जबकि सही मायने में डिमांड सिर्फ 209 मीट्रिक टन है. केंद्र सरकार के फार्मूला के हिसाब से यही आंकड़ा 289 मीट्रिक टन का है. इसमें अगर दिल्ली सरकार का फार्मूला लगाया जाए तब भी यह आंकड़ा 391 मीट्रिक टन पहुंच रहा है.
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नहीं है कोई ऑक्सीजन कमेटी की रिपोर्ट, झूठ बोल रहे हैं भाजपा के नेता: मनीष सिसोदिया


हम करते रहेंगे अपडेट
Oxygen Audit Report में साफ कहा गया है कि दिल्ली की डिमांड इतनी नहीं थी, जितना कि दिल्ली सरकार द्वारा बताई गई. यहां तक की जरूरत मांग का महज़ एक चौथाई थी. जिन चार अस्पतालों का जिक्र गलत आंकड़ों के लिए खास तौर पर किया गया है, उनसे ईटीवी भारत लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. पक्ष मिलते ही उसे खबर में अपडेट किया जाएगा.

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की ज़रूरत और मांग को लेकर आई ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी की रिपोर्ट कई सवाल खड़े कर रही है. एक तरफ जहां इसमें दिल्ली सरकार पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लग रहा है तो वहीं कुछ अस्पतालों के नाम लेकर उनके द्वारे दिए गए आंकड़े को सवालों में रखा गया है. ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट में ऐसे 4 नामों का ज़िक्र है.

जरूरत और मांग में 4 गुना अंतर
Oxygen Audit Report में 13 मई को उस चौथी मीटिंग का जिक्र किया गया है. जिसमें ऑक्सीजन की असल जरूरत और मांग में 4 गुना तक का अंतर पाया गया था. इस मीटिंग में ही दिल्ली के उन 4 अस्पतालों के ज़िक्र है. जिन्होंने अपनी कैपेसिटी से अधिक ऑक्सीजन की ज़रूरत और खपत होने का दावा भी किया है.

Oxygen Audit Report copy
ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट कॉपी

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इन अस्पतालों ने बताया गलत आंकड़ा
रिपोर्ट में बताया गया है कि चार अस्पतालों ने कम बेड होने के बावजूद अधिक ऑक्सीजन की डिमांड की, जो कि गलत है. इसमें सिंघल हॉस्पिटल, अरुणा आसिफ़ अली हॉस्पिटल, ESIC मॉडल हॉस्पिटल और लाइफरे हॉस्पिटल शामिल हैं. रिपोर्ट में इसे आधार बनाकर ही दिल्ली की ओवरऑल डिमांड के बढ़ने का कारण बताया गया है. बताया गया है कि जब फॉर्मूला के हिसाब से इन आंकड़ों को रिप्लेस किया गया था. तब इसमें कहीं अधिक अंतर आया.

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डिमांड 1140 मीट्रिक टन बताई गई 209 मीट्रिक टन

इससे अलग कुल 183 अस्पतालों के आंकड़ों में दिल्ली सरकार के आंकड़ों के हिसाब से डिमांड 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की बताई गई है जबकि सही मायने में डिमांड सिर्फ 209 मीट्रिक टन है. केंद्र सरकार के फार्मूला के हिसाब से यही आंकड़ा 289 मीट्रिक टन का है. इसमें अगर दिल्ली सरकार का फार्मूला लगाया जाए तब भी यह आंकड़ा 391 मीट्रिक टन पहुंच रहा है.
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हम करते रहेंगे अपडेट
Oxygen Audit Report में साफ कहा गया है कि दिल्ली की डिमांड इतनी नहीं थी, जितना कि दिल्ली सरकार द्वारा बताई गई. यहां तक की जरूरत मांग का महज़ एक चौथाई थी. जिन चार अस्पतालों का जिक्र गलत आंकड़ों के लिए खास तौर पर किया गया है, उनसे ईटीवी भारत लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. पक्ष मिलते ही उसे खबर में अपडेट किया जाएगा.

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