नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मंगलवार शाम अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गई. उन्हें 28 मई को लोकनायक अस्पताल से अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. फिलहाल हालत स्थिर है. तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने से गिरने के कारण जैन के सिर में चोट लगी थी, जिसके कारण उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट बन गया था.
पहले लोकनायक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. यहां जैन के इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ डॉक्टर का चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित किया था, जिसमें लोकनायक अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन, जीबी पंत अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन और क्रिटिकल केयर के सीनिय़र डॉक्टर शामिल थे.
बाथरूम में दो बार गिर चुके हैंः तिहाड़ जेल के बाथरूम में दो बार गिरने से जैन की रीढ़ की हड्डी में भी गंभीर चोट आ चुकी है. इसकी वजह से उन्हें स्पाइनल इंजरी की समस्या भी हो गई थी. इसके अलावा जैन को स्लीप एपनिया और मस्कुलर एट्रोफी की बीमारी भी है. बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोकनायक अस्पताल पहुंचकर सत्येंद्र जैन से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना था.
सुप्रीम कोर्ट से मिली है छह सप्ताह की जमानतः उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन करीब एक साल से मनी लांड्रिंग के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें पिछले सप्ताह ही इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट से छह सप्ताह की जमानत मिली है. पिछले एक साल से जैन ने केवल फल खाया है और रेगुलर डाइट नहीं ली है. सत्येंद्र जैन ने पहले कोर्ट से यह अपील भी की थी कि वे धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे हैं और मंदिर गए बिना पका भोजन नहीं खाते हैं. वे रोज पहले मंदिर जाते हैं, उसके बाद पका भोजन खाते हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैन के पिछले एक साल में स्पाइन से जुड़े दो ऑपरेशन हुए हैं. इसके बावजूद उन्होंने अपने नियमानुसार लगभग 358 दिनों से पका भोजन छोड़ दिया है. सिर्फ फल व कच्ची सब्जियों पर निर्वाहन कर रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार, पका भोजन न लेने की वजह से उनको सीवियर मैस्कुलर लॉस हुआ है. इसकी वजह पिछले एक साल में सत्येंद्र जैन का करीब 35 किलोग्राम वजह कम हो गया है.