नई दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मिली सजा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर किया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जेल प्रशासन से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि चौटाला को ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जो सिंगल बेंच के समक्ष लंबित है. तब चौटाला की ओर से पेश वकील ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने चार साल की कैद की सजा सुनाई है जबकि वो इससे ज्यादा की सजा काट चुके हैं. याचिका में कहा गया है कि प्रशासन खुद स्वीकार कर चुका है कि चौटाला ने पांच साल छह महीने और 14 दिनों की जेल की सजा पूरी की है, ऐसे में उन्हें जेल में रखना अवैध है. याचिका में चौटाला को जेल से रिहा करने की मांग की गई है.
27 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चौटाला को चार साल की सजा सुनाई थी. हालांकि सजा सुनाए जाने से पहले चौटाला जेल में एक साल चार महीने की सजा पहले ही काट चुके थे जो उनकी चार साल की मुकर्रर सजा से कम कर दी गई. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 4 साल की सजा मुकर्रर करते हुए कहा था कि ताकत भ्रष्ट कर देती है और असीमित ताकत पूरी तरह से भ्रष्ट कर देती है.
2019 में ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चौटाला की 1 करोड़ 94 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था. ईडी ने मनी लॉउंड्रिंग एक्ट के तहत चौटाला की जमीन और एक फार्म हाउस को जब्त किया गया था. ईडी ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. इस तरह कुल मिलाकर 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थी. चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए गए थे.
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