नई दिल्ली: दिलावर सिंह बदरपुर में रहते हैं. वह अबू धाबी में मैकेनिक थे. कोरोना के चलते वह भारत वापस आ गए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें नौकरी नहीं मिली. वह विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे थे. सोशल मीडिया पर उन्हें एआर इंटरप्राइजेज का विज्ञापन दिखा जो लोगों को तुर्किए में नौकरी दिलाने का दावा कर रहा था. वह कंपनी के सरिता विहार स्थित ऑफिस पहुंचे, जहां अफरोज आलम, परवेज आलम और सोहेल आलम मिले.
तुर्किए में नौकरी दिलाने के नाम पर तीनों ने उनसे एक लाख रुपए और पासपोर्ट जमा करवा लिए. इसके बाद दो लाख रुपए और लिये. उसके बाद आरोपियों ने उन्हें वीजा और एयर टिकट दिए जो बाद में पता चला कि फर्जी है. दिलावर अपने पैसे मांगने ऑफिस गए तो वह बंद मिला. वहां उन्हें अपने जैसे 10-15 पीड़ित मिले, जिन्होंने बताया कि वे लोग भी चार चार लाख रुपए दे चुके हैं.
यह कहानी सिर्फ एक दिलावर की नहीं है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दुबई, अबू धाबी और ओमान आदि जाने के लिए अपने लाखों रुपए गवा चुके दर्जनों लोगों की है. कौशल इमाम ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए उन्होंने भीकाजी कामा प्लेस स्थित एक एजेंसी संचालक को 50 हजार रुपये दिए, लेकिन बाद में वह ऑफिस बंद मिला. मोहम्मद शोएब ने भी ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए इसी एजेंसी संचालक को 60 हजार रुपए दिए थे. न तो उनको विदेश में नौकरी मिली और न ही उन्हें अपना पैसा वापस मिला. आरोपियों ने पासपोर्ट बनवाने के नाम पर भी उनसे 30 हजार रुपए लिए थे.
खिजराबाद, भीकाजी कामा प्लेस, नेहरू प्लेस, सरिता विहार आदि इलाकों में सक्रिय हैं ठग
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके के खिजराबाद में ऐसे कई ऑफिस खुले हैं जो लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का दावा करते हैं. ये लोग सोशल मीडिया के जरिए अपनी मार्केटिंग करते हैं और वहां से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. दरअसल इस इलाके में खाड़ी देशों में जाने वाले लोगों की बड़ी संख्या है जो इनका शिकार बनते हैं. वहीं भीकाजी कामा प्लेस में भी ऐसे कई ऑफिस हैं. यहां पर पासपोर्ट ऑफिस है. पासपोर्ट बनवाने आने वाले लोगों को नौकरी का झांसा देकर ये लोग अपने जाल में फंसाते हैं और उनसे लाखों रुपए ऐंठ लेते हैं. कुछ दिन बाद अपना ऑफिस बंद करके दूसरी जगह नए नाम से ऑफिस खोल लेते हैं.
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