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Delhi Flood: चेतावनी स्तर से नीचे पहुंचा यमुना का जलस्तर, बाढ़ का खतरा लगभग टला

यमुना में इस साल बाढ़ ने रिकॉर्ड तोड़ दिए. 1978 के स्तर को पार करते हुए यमुना ने दिल्लीवासियों को बाढ़ से खूब परेशान किया. वहीं अब इसका जलस्तर लगातार कम हो रहा है. मंगलवार रात 10 बजे इसका जलस्तर 104.49 मीटर दर्ज किया गया. यह वार्निंग लेवल से नीचे है.

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Published : Aug 2, 2023, 7:01 AM IST

Updated : Aug 2, 2023, 7:22 AM IST

चेतावनी स्तर से नीचे पहुंचा यमुना का जलस्तर

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है. मंगलवार रात 10 बजे इसका जलस्तर 204.49 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 से नीचे है. बता दें कि इस साल दिल्ली में यमुना ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस कारण दिल्लीवासियों को बाढ़ का सामना करना पड़ा. कई जगहों पर जलभराव के कारण आवाजाही में दिक्कतें आई. यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह भी राजधानी में बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.

यमुना का जलस्तर अधिकतम जालंधर में 13 जुलाई को शाम 6 बजे 208.66 मीटर दर्ज किया गया था, जिसकी वजह से यमुना में आई भीषण बाढ़ से रिहायशी कॉलोनियों में भी इसका पानी घुस गया. इसके बाद से यमुना का जलस्तर लगातार वार्निंग लेवल से ऊपर बना रहा. मंगलवार रात 10 बजे यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल से नीचे पहुंचा. वहीं कई बार भारी बारिश के चलते भी इसका जलस्तर अप-डाउन होता रहा.

बता दें, यमुना में आई बाढ़ की वजह से यमुना खादर में रह रहे 40,000 से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. हजारों लोग अभी भी बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं. दिल्ली में यमुना नदी का पानी बढ़ने का पहला कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाने वाला पानी है. दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली में जानबूझकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करने के लिए हथिनीकुंड से सिर्फ दिल्ली में पानी छोड़ा गया, जबकि इसे यूपी के रास्ते भी छोड़ा जा सकता था. हालांकि हरियाणा सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया था.

चेतावनी स्तर से नीचे पहुंचा यमुना का जलस्तर

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है. मंगलवार रात 10 बजे इसका जलस्तर 204.49 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 से नीचे है. बता दें कि इस साल दिल्ली में यमुना ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस कारण दिल्लीवासियों को बाढ़ का सामना करना पड़ा. कई जगहों पर जलभराव के कारण आवाजाही में दिक्कतें आई. यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह भी राजधानी में बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.

यमुना का जलस्तर अधिकतम जालंधर में 13 जुलाई को शाम 6 बजे 208.66 मीटर दर्ज किया गया था, जिसकी वजह से यमुना में आई भीषण बाढ़ से रिहायशी कॉलोनियों में भी इसका पानी घुस गया. इसके बाद से यमुना का जलस्तर लगातार वार्निंग लेवल से ऊपर बना रहा. मंगलवार रात 10 बजे यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल से नीचे पहुंचा. वहीं कई बार भारी बारिश के चलते भी इसका जलस्तर अप-डाउन होता रहा.

बता दें, यमुना में आई बाढ़ की वजह से यमुना खादर में रह रहे 40,000 से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. हजारों लोग अभी भी बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं. दिल्ली में यमुना नदी का पानी बढ़ने का पहला कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाने वाला पानी है. दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली में जानबूझकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करने के लिए हथिनीकुंड से सिर्फ दिल्ली में पानी छोड़ा गया, जबकि इसे यूपी के रास्ते भी छोड़ा जा सकता था. हालांकि हरियाणा सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया था.

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Last Updated : Aug 2, 2023, 7:22 AM IST

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