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सफदरजंग अस्पताल में खुला उत्तर भारत और एनसीआर का पहला स्किन बैंक, त्वचा दान कर सकेंगे लोग

दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में स्किन बैंक का शुभारंभ हो गया. इसके साथ ही इसमें लोग अपनी त्वचा का दान आसानी से कर सकेंगे. यह उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक हैं.

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Published : Jun 20, 2023, 5:52 PM IST

उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक
उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक

नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में शुरू हो गया है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने इसका उद्घाटन किया. इस दौरान डॉ. शेरवाल ने बताया कि स्किन बैंक एक ऐसा बैंक है, जहां मृत दाता अपनी त्वचा दान कर सकते हैं. यह दान की गई त्वचा जले हुए रोगियों के इलाज में बहुत मददगार होगी. विशेष रूप से यह त्वचा व्यापक रूप से जले हुए और अधिक घावों वाले लोगों के इलाज में बहुत उपयोगी होगी.

उन्होंने कहा कि यह अस्पताल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार वर्मा ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 7 से 10 मिलियन लोग झुलस जाते हैं. इनमें से 1.4 लाख लोगों की जान चली जाती है और 1.5 लाख लोगों में विभिन्न विकृतियां विकसित हो जाती हैं. समस्या बहुत बड़ी है और इसलिए हमें इससे निपटने की जरूरत है. लाश की त्वचा मृत्यु दर को कम करेगी और इन रोगियों में जीवित रहने की दर में वृद्धि होगी और परिणाम में सुधार आएगा. अस्पतालों में रहने और उपचार की कुल लागत भी कम होगी.

यह भी पढ़ेंः Study On Obese: अध्ययन में खुलासा, अधिक नुकसान हो सकते हैं मोटे कर्मचारी, कंपनी का उत्पादकता होता है प्रभावित

कौन कर सकता है त्वचा दानः मृत्यु के छह घंटे के भीतर परिजनों और संबंधियों द्वारा किसी भी मृत व्यक्ति का त्वचा का दान किया जा सकता है. फिर इसे स्किन बैंक में संसाधित और संग्रहित किया जाएगा. इसके बाद आगे जरूरतमंद रोगियों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाएगा. त्वचा को तीन से पांच साल तक स्टोर किया जा सकता है. कोई रक्त समूह या किसी अन्य मिलान की आवश्यकता नहीं है. किसी भी रोगी में किसी भी दाता की त्वचा का उपयोग किया जा सकता है.

पोस्ट ऑपरेटिव अवधि में इम्यूनो सप्रेसेंट्स और स्टेरॉयड की कोई आवश्यकता नहीं है. स्किन बैंक के उद्घाटन के अवसर पर सफदरजंग अस्पताल में ओएसडी डॉ वंदना तलवार, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर गीतिका खन्ना, सभी अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर, वरिष्ठ संकाय और कर्मचारी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ेंः Cancer Facts : जानिए कैंसर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, लक्षण व सावधानी

नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में शुरू हो गया है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने इसका उद्घाटन किया. इस दौरान डॉ. शेरवाल ने बताया कि स्किन बैंक एक ऐसा बैंक है, जहां मृत दाता अपनी त्वचा दान कर सकते हैं. यह दान की गई त्वचा जले हुए रोगियों के इलाज में बहुत मददगार होगी. विशेष रूप से यह त्वचा व्यापक रूप से जले हुए और अधिक घावों वाले लोगों के इलाज में बहुत उपयोगी होगी.

उन्होंने कहा कि यह अस्पताल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार वर्मा ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 7 से 10 मिलियन लोग झुलस जाते हैं. इनमें से 1.4 लाख लोगों की जान चली जाती है और 1.5 लाख लोगों में विभिन्न विकृतियां विकसित हो जाती हैं. समस्या बहुत बड़ी है और इसलिए हमें इससे निपटने की जरूरत है. लाश की त्वचा मृत्यु दर को कम करेगी और इन रोगियों में जीवित रहने की दर में वृद्धि होगी और परिणाम में सुधार आएगा. अस्पतालों में रहने और उपचार की कुल लागत भी कम होगी.

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कौन कर सकता है त्वचा दानः मृत्यु के छह घंटे के भीतर परिजनों और संबंधियों द्वारा किसी भी मृत व्यक्ति का त्वचा का दान किया जा सकता है. फिर इसे स्किन बैंक में संसाधित और संग्रहित किया जाएगा. इसके बाद आगे जरूरतमंद रोगियों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाएगा. त्वचा को तीन से पांच साल तक स्टोर किया जा सकता है. कोई रक्त समूह या किसी अन्य मिलान की आवश्यकता नहीं है. किसी भी रोगी में किसी भी दाता की त्वचा का उपयोग किया जा सकता है.

पोस्ट ऑपरेटिव अवधि में इम्यूनो सप्रेसेंट्स और स्टेरॉयड की कोई आवश्यकता नहीं है. स्किन बैंक के उद्घाटन के अवसर पर सफदरजंग अस्पताल में ओएसडी डॉ वंदना तलवार, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर गीतिका खन्ना, सभी अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर, वरिष्ठ संकाय और कर्मचारी उपस्थित रहे.

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