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जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण रहा : चिन्मय बिस्वाल

संसद का मानसून सत्र चल रहा है. इसके साथ ही गुरुवार को ही जंतर मंतर पर Kisan Sansad का आयोजन किया गया. जिसको देखते हुए जंतर मंतर पर कड़ी सुरक्षा रही. Delhi Police के प्रवक्ता Chinmay Biswal ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा.

first day of farmers' protest at Jantar Mantar was peaceful: Chinmoy Biswal
चिन्मय बिस्वाल
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Published : Jul 22, 2021, 10:46 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा. जंतर-मंतर और इसके आसपास के इलाकों में पुलिस द्वारा सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे.

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघर्ष समिति के 200 किसानों द्वारा जंतर मंतर के निर्धारित जगह पर DDMA की अनुमति से प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ है.

जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण रहा : चिन्मय बिस्वाल

अभी चल रहे संसद के सत्र और स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर इस प्रदर्शन कार्यक्रम को शांतिपूर्ण रखने के लिए Delhi Police द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. हमें किसानों से भविष्य में भी ऐसे ही सहयोग और समन्वय की उम्मीद है.

बता दें कि किसानों ने गुरुवार को जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. यहां किसानों ने किसान संसद का आयोजन किया, जिसमें सिंघु बॉर्डर से 200 की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों का संसद शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा. हम यहां कोई दंगा फसाद करने नहीं आए हैं.

किसान संसद में हिस्सा लेने के लिए गाजीपुर बॉर्डर से भी सात किसान जंतर-मंतर पहुंचे. जिनका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया. इस दौरान राकेश टिकैत ने भी संसद के सामने अनाज मंडियों को लेकर सवाल रखें. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संसद का सरकार पर प्रभाव पड़ेगा.

ये भी पढ़ें-Table Talk से सरकार भागी हम नहीं : संयुक्त किसान मोर्चा

इस दौरान जंतर-मंतर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला पुलिस का नहीं, बल्कि किसानों का था. किसान हमेशा से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे.

किसी दबाव में नहीं, हम अपनी मर्जी से जंतर-मंतर पर कर रहे हैं प्रदर्शन: युद्धवीर सिंह

मालूम हो कि प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने दिल्ली के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की थी. अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है.

ये भी पढ़ें-पहले दिन के स्पीकर से समझिए कैसे चलेगी किसानों की संसद, क्या होगी रूपरेखा

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा. जंतर-मंतर और इसके आसपास के इलाकों में पुलिस द्वारा सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे.

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर संघर्ष समिति के 200 किसानों द्वारा जंतर मंतर के निर्धारित जगह पर DDMA की अनुमति से प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ है.

जंतर मंतर पर किसानों के प्रदर्शन का पहला दिन शांतिपूर्ण रहा : चिन्मय बिस्वाल

अभी चल रहे संसद के सत्र और स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर इस प्रदर्शन कार्यक्रम को शांतिपूर्ण रखने के लिए Delhi Police द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. हमें किसानों से भविष्य में भी ऐसे ही सहयोग और समन्वय की उम्मीद है.

बता दें कि किसानों ने गुरुवार को जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. यहां किसानों ने किसान संसद का आयोजन किया, जिसमें सिंघु बॉर्डर से 200 की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों का संसद शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा. हम यहां कोई दंगा फसाद करने नहीं आए हैं.

किसान संसद में हिस्सा लेने के लिए गाजीपुर बॉर्डर से भी सात किसान जंतर-मंतर पहुंचे. जिनका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया. इस दौरान राकेश टिकैत ने भी संसद के सामने अनाज मंडियों को लेकर सवाल रखें. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संसद का सरकार पर प्रभाव पड़ेगा.

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इस दौरान जंतर-मंतर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला पुलिस का नहीं, बल्कि किसानों का था. किसान हमेशा से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे.

किसी दबाव में नहीं, हम अपनी मर्जी से जंतर-मंतर पर कर रहे हैं प्रदर्शन: युद्धवीर सिंह

मालूम हो कि प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने दिल्ली के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की थी. अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है.

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