नई दिल्ली: एमसीडी स्थायी समिति के चुनाव के दौरान बीते शुक्रवार देर शाम सदन की बैठक में हंगामा और पार्षदों के बीच हुई हाथापाई मामले में कमला मार्केट थाने में बीजेपी और आम आदमी पार्टी की ओर से दी गई शिकायत के आधार मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि पुलिस ने किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज नहीं किया है.
बीजेपी पार्षदों ने हटाई थी मेयर की कुर्सी : स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के दौरान बीते शुक्रवार को आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों में जबरदस्त हाथापाई हुई थी. महिला पार्षद एक दूसरे के बाल पकड़ कर खींच रहीं थी, तो पुरुष पार्षद आपस में जूतम पैजार करते हुए दिखाई दिए थे. बीजेपी पार्षद दोबारा रिकाउंटिंग की मांग कर रहे थे, तब अचानक कुछ पार्षद मेयर के तरफ बढ़े. वहां पर उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोकने की कोशिश की. तो वह उग्र होकर उन्हें धक्का देकर पीछे कर दिया और वह मेयर की कुर्सी तक पहुंच गए. मेयर सीट से उठी तो कुर्सी उठाकर पीछे से फेंक दिया. उसके बाद और पार्षद वहां पर आए, तभी एक दूसरे को बचाने और हटाने के लिए सबने जमकर हाथापाई की. इस धक्का-मुक्की के बाद मेयर तथा तमाम निगम के अधिकारी कर्मचारी सदन की बैठक से बाहर चले गए.
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एमसीडी सदन की बैठक पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक : बीजेपी के पार्षद आम आदमी पार्टी पर एक वोट को अवैध करार देकर नतीजे का ऐलान करने वाले थे. लेकिन बीजेपी के पार्षद अड़े थे कि वोटों की गिनती ठीक तरह से हो. स्थाई समिति के चुनाव के लिए एमसीडी सदन की बैठक सोमवार को बुलाई गई थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 160 में गैर कानूनी जमाव, सभा करने, दंगा और उपद्रव को लेकर कई तरह के कानूनी प्रावधान दर्ज किए गए हैं. इसी प्रकार आईपीसी की धारा 160 में दंगा करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के अनुसार जो भी दंगा करेगा और उसमें शामिल होगा, वह दंगा का दोषी माना जाएगा. ऐसा करने पर उसे कारावास से दंडित किया जाएगा. जिसकी अवधि 1 माह तक की हो सकती है या उस पर आर्थिक जुर्माना किया जाएगा. साथ ही उसे दोनों तरह से दंडित किया जाएगा.