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रोहिणी कोर्ट फायरिंग मामले में FIR दर्ज, SI ने बताया पूरा घटनाक्रम - सब इंस्पेक्टर वीर सिंह

रोहिणी कोर्ट में गोलीबारी की घटना को लेकर हत्या और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की धाराओं में FIR दर्ज कर ली गई है. यह FIR (Rohini Court firing case FIR )प्रशांत विहार थाने में तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह के बयान दर्ज की गई है, जिनके पास जितेंद्र गोगी को कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी थी. इस FIR में उन्होंने शुक्रवार को हुई गोलीबारी का पूरा घटनाक्रम बताया है.

SI toldwhole incident in Rohini Court firing case FIR
रोहिणी कोर्ट फायरिंग मामले में FIR दर्ज
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Published : Sep 25, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 6:00 PM IST

नई दिल्ली : रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार दोपहर हुई गोलीबारी की घटना को लेकर FIR दर्ज हो गई है. यह FIR प्रशांत विहार थाने में तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह के बयान दर्ज की गई है, जिनके पास जितेंद्र गोगी को कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी थी. इस FIR (Rohini Court firing case FIR) में उसने पूरी घटना के बारे में बताया है कि किस तरीके से वारदात और पुलिस की जवाबी कार्रवाई हुई.

तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह द्वारा दर्ज किए गए बयान में उसने बताया है कि वह इंस्पेक्टर इंदर लाल के साथ जितेंद्र उर्फ गोगी और कैदी अफसर को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट में पेश करने के लिए ड्यूटी पर तैनात था. इस ड्यूटी में उसके साथ कुछ अन्य पुलिसकर्मी और कमांडो भी मौजूद थे. सुबह 10 बजे वह सरकारी गाड़ी में जितेंद्र गोगी और अफसर नामक कैदी को लेकर रोहिणी कोर्ट में पहुंच गए थे. उन्होंने पहले अफसर को कोर्ट संख्या 304 में पेश किया और वापस लाकर कोर्ट के लॉकअप में बंद कर दिया था. दोपहर 1.10 बजे वह जितेंद्र गोगी को पेश करने के लिए कोर्ट ले जाने लगे. उसके साथ आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद थे.

FIR registered in Rohini court firing case
रोहिणी कोर्ट फायरिंग मामले में FIR दर्ज

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हाई रिस्क कैटिगरी का मुलजिम होने के चलते तीसरी बटालियन के अधिकारियों द्वारा लोकल पुलिस एवं स्पेशल सेल को भी इसकी जानकारी दे दी गई थी. कोर्ट में गोगी को पेश करने के लिए एएसआई सुनील, एसआई वीर सिंह, एएसआई राजेंद्र अंदर गए थे. वहां पर स्पेशल स्टॉफ और स्पेशल सेल के पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. वहां पर एडिशनल सेशन जज गगनदीप सिंह अपने काम में व्यस्त थे. कोर्ट रूम में नायब कोर्ट के अलावा 5-6 अधिवक्ता बैठे हुए थे. इनमें से अधिवक्ता की वेशभूषा में दो युवक उठे और उन्होंने हथियार निकाल कर जितेंद्र गोगी पर गोलियां चला दी. वह जब तक कुछ समझ पाते, कई गोलियां जितेंद्र को लग चुकी थीं.

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दोनों हमलावर लगातार गोलियां चला रहे थे, इसलिए उन्हें पकड़ना संभव नहीं था. वहां पर इस घटना के चलते ना केवल पुलिसकर्मियों की बल्कि अधिवक्ता और जज की जान को भी खतरा बना हुआ था. इसके चलते उनके कमांडो शक्ति और चिराग ने कार्रवाई करते हुए अपने हथियारों से गोली चलाई. उसी दौरान स्पेशल सेल में तैनात हवलदार संदीप दहिया, कुलदीप हुड्डा, सिपाही रोहित और स्पेशल स्टाफ के ASI नरेंद्र ने भी गोलियां चलाई. इसके चलते दोनों बदमाश मौके पर ही ढेर हो गए.

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एसआई वीर सिंह ने इसके बाद पूरे घटना की जानकारी अपने इंस्पेक्टर इंदर लाल को दी, जिन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को पूरी घटना से अवगत कराया. जितेंद्र गोगी को वह इंस्पेक्टर इंदर लाल और एएसआई राजेंद्र के साथ लेकर एंबुलेंस से अंबेडकर अस्पताल में गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वीर सिंह के बयान पर प्रशांत विहार थाना में हत्या और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की आईपीसी धारा 186/353/302/34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25/27/54/59 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

नई दिल्ली : रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार दोपहर हुई गोलीबारी की घटना को लेकर FIR दर्ज हो गई है. यह FIR प्रशांत विहार थाने में तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह के बयान दर्ज की गई है, जिनके पास जितेंद्र गोगी को कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी थी. इस FIR (Rohini Court firing case FIR) में उसने पूरी घटना के बारे में बताया है कि किस तरीके से वारदात और पुलिस की जवाबी कार्रवाई हुई.

तीसरी बटालियन के सब इंस्पेक्टर वीर सिंह द्वारा दर्ज किए गए बयान में उसने बताया है कि वह इंस्पेक्टर इंदर लाल के साथ जितेंद्र उर्फ गोगी और कैदी अफसर को तिहाड़ जेल से रोहिणी कोर्ट में पेश करने के लिए ड्यूटी पर तैनात था. इस ड्यूटी में उसके साथ कुछ अन्य पुलिसकर्मी और कमांडो भी मौजूद थे. सुबह 10 बजे वह सरकारी गाड़ी में जितेंद्र गोगी और अफसर नामक कैदी को लेकर रोहिणी कोर्ट में पहुंच गए थे. उन्होंने पहले अफसर को कोर्ट संख्या 304 में पेश किया और वापस लाकर कोर्ट के लॉकअप में बंद कर दिया था. दोपहर 1.10 बजे वह जितेंद्र गोगी को पेश करने के लिए कोर्ट ले जाने लगे. उसके साथ आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद थे.

FIR registered in Rohini court firing case
रोहिणी कोर्ट फायरिंग मामले में FIR दर्ज

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हाई रिस्क कैटिगरी का मुलजिम होने के चलते तीसरी बटालियन के अधिकारियों द्वारा लोकल पुलिस एवं स्पेशल सेल को भी इसकी जानकारी दे दी गई थी. कोर्ट में गोगी को पेश करने के लिए एएसआई सुनील, एसआई वीर सिंह, एएसआई राजेंद्र अंदर गए थे. वहां पर स्पेशल स्टॉफ और स्पेशल सेल के पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. वहां पर एडिशनल सेशन जज गगनदीप सिंह अपने काम में व्यस्त थे. कोर्ट रूम में नायब कोर्ट के अलावा 5-6 अधिवक्ता बैठे हुए थे. इनमें से अधिवक्ता की वेशभूषा में दो युवक उठे और उन्होंने हथियार निकाल कर जितेंद्र गोगी पर गोलियां चला दी. वह जब तक कुछ समझ पाते, कई गोलियां जितेंद्र को लग चुकी थीं.

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दोनों हमलावर लगातार गोलियां चला रहे थे, इसलिए उन्हें पकड़ना संभव नहीं था. वहां पर इस घटना के चलते ना केवल पुलिसकर्मियों की बल्कि अधिवक्ता और जज की जान को भी खतरा बना हुआ था. इसके चलते उनके कमांडो शक्ति और चिराग ने कार्रवाई करते हुए अपने हथियारों से गोली चलाई. उसी दौरान स्पेशल सेल में तैनात हवलदार संदीप दहिया, कुलदीप हुड्डा, सिपाही रोहित और स्पेशल स्टाफ के ASI नरेंद्र ने भी गोलियां चलाई. इसके चलते दोनों बदमाश मौके पर ही ढेर हो गए.

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एसआई वीर सिंह ने इसके बाद पूरे घटना की जानकारी अपने इंस्पेक्टर इंदर लाल को दी, जिन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को पूरी घटना से अवगत कराया. जितेंद्र गोगी को वह इंस्पेक्टर इंदर लाल और एएसआई राजेंद्र के साथ लेकर एंबुलेंस से अंबेडकर अस्पताल में गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वीर सिंह के बयान पर प्रशांत विहार थाना में हत्या और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की आईपीसी धारा 186/353/302/34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25/27/54/59 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

Last Updated : Sep 25, 2021, 6:00 PM IST
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