नई दिल्लीः दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों के प्रति सौतेला रवैया अपना रही है और उन्हें उसके वाजिब हक से वंचित कर रही है. गहलोत ने अपने बजट भाषण में आरोप लगाया कि राज्य को केंद्रीय पूल से 6400 करोड़ रुपये मिलने चाहिए, लेकिन इस साल से उन्हें कुछ नहीं मिलेगा और इससे दिल्ली के सरकारी खजाने पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा. बता दें, वित्त मंत्री ने प्रदूषण मुक्त आधुनिक दिल्ली के लिए कुल 75,800 करोड़ का बजट परिव्यय पेश किया है.
गहलोत ने कहा कि दिल्ली के लिए केंद्र सरकार का आवंटन पिछले आठ सालों से महज 325 करोड़ रुपए पर अटका रहा है, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. दिल्ली की जनता 1.75 लाख करोड़ का इनकम टैक्स भरती है. वहीं, केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए केंद्रीय करों में अपना हिस्सा घटाकर शून्य कर दिया है. यह दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है और यह स्पष्ट है कि फंडिंग के मामले में दिल्ली के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
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BREAKING ‼️
— AAP (@AamAadmiParty) March 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
- केंद्र ने Taxes के Central Pool में दिल्ली का हिस्सा Zero किया।
- जबकि Delhi केंद्र को Taxes में 1,75,000 Crore देती है।
- सभी राज्यों को 42% हिस्सा मिलता हैं।
- @kgahlot #DelhiBudget2023 pic.twitter.com/S0WgPHZKR7
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— AAP (@AamAadmiParty) March 22, 2023
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- सभी राज्यों को 42% हिस्सा मिलता हैं।
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- केंद्र ने Taxes के Central Pool में दिल्ली का हिस्सा Zero किया।
- जबकि Delhi केंद्र को Taxes में 1,75,000 Crore देती है।
- सभी राज्यों को 42% हिस्सा मिलता हैं।
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GST मुआवजा न मिलने से 12,000 करोड़ रुपये का घाटाः नियम यह कहता है कि राज्यों को उनके कुल राजस्व का 42 प्रतिशत प्राप्त होना चाहिए और इस पैटर्न के अनुसार, दिल्ली को 6400 करोड़ रुपये मिलने चाहिए. लेकिन दिल्ली सरकार को पिछले आठ वर्षों से केवल 325 करोड़ रुपये मिल रहे हैं, जो अब कम कर दिया गया है. परिस्थिति तो यह हो गई है कि पांच साल के लिए राज्यों को मिलने वाला जीएसटी मुआवजा भी रोक दिया गया है. इसने दिल्ली की वित्तीय समस्याओं को और बढ़ा दिया है. राजस्व घटने से बजट में 12,000 करोड़ रुपये का घाटा चल रहा है, जिससे दिल्ली के विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
कोविड-19 से नुकसान के लिए पांच साल तक हो भरपाईः कैलाश गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को कम बजट आवंटन करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की मांग है कि COVID-19 से हुए नुकसान की भरपाई अगले पांच साल तक जारी रखी जाए. दिल्ली के लिए धन कम करने का केंद्र का निर्णय न केवल दिल्ली के बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर रहा है बल्कि गंभीर वित्तीय स्थिति भी पैदा कर रहा है. दिल्ली को एक आधुनिक और रहने योग्य शहर बनने के लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है और पर्याप्त धन के बिना इस लक्ष्य को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. केंद्र सरकार को दिल्ली द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में किए गए महत्वपूर्ण योगदान को पहचानना चाहिए और दिल्ली को विश्व स्तरीय शहर के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने चाहिए.