नई दिल्ली: सोमवार से मई माह की शुरुआत हो गई है. मई में कई प्रमुख व्रत-त्योहार हैं. (Festivals in May 2023) पहला व्रत मोहिनी एकादशी है, जो 1 मई को पड़ रहा है. आइए बताते हैं कि इस महीने में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और महत्व.
मई महीने के व्रत-त्योहार
० सोमवार, 1 मई 2023: मोहिनी एकादशी
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं. मोहिनी एकादशी के दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से समृद्धि, यश और वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही मन को शांति मिलती है.
० बुधवार, 3 मई 2023: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष कहते हैं. प्रदोष व्रत का काफी महत्व है. प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं.
० शुक्रवार, 5 मई 2023: वैशाख पूर्णिमा व्रत
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर पूजा अर्चना की जाती है. वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है.
० सोमवार, 8 मई 2023: संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से घर-परिवार की परेशानियां और अशांति दूर होती है.
० सोमवार, 15 मई 2023: अपरा एकादशी, वृष संक्रांति
जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी कहते हैं. अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती है. पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
० बुधवार, 17 मई 2023: मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष कहते हैं. प्रदोष व्रत का काफी महत्व है. प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं.
० शुक्रवार, 19 मई 2023: ज्येष्ठ अमावस्या
ज्येष्ठ मास में पढ़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का काफी महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन व्रत रखने, पूजा-पाठ करने के साथ-साथ स्नान और दान करना बेहद फलदाई बताया गया है.
० बुधवार, 31 मई 2023: निर्जला एकादशी
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. निर्जला एकादशी का व्रत बेहद फलदाई माना गया है. मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर व्रत रखने का फल साल की 24 एकादशी के व्रत रखने के बराबर होता है. निर्जला एकादशी के व्रत के दौरान पानी पीना पूरी तरह से मना होता है. इसीलिए इस पद का नाम निर्जला एकादशी है.
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