नई दिल्ली: मार्च में कई प्रमुख व्रत त्योहार हैं. महीना शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. मार्च (Festivals in March 2023) का पहला व्रत आमलकी एकादशी है, जो 3 मार्च को पड़ रहा है. मार्च में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. आइए जानते हैं मार्च में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और उनका महत्व.
मार्च 2023 व्रत-त्योहार (March 2023 Fast Festival Days and Dates)
० 3 मार्च (शुक्रवार) - आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी बहुत उत्साह और आनंद के साथ मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. आमलकी एकादशी को आम भाषा में आंवला एकादशी भी कहते हैं.
० 4 मार्च (शनिवार) - शनि प्रदोष व्रत
फाल्गुन मास में दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में पड़ रहा है. फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. फाल्गुन महीने का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन पड़ा था.
० 7 मार्च (मंगलवार) - होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन मनाया जाता है. पुराणों में होलिका दहन और पूजा करने का विशेष महत्व है. होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो होती हैं और घर में विराजमान होती हैं.
० 8 मार्च (बुधवार) - होली
सनातन धर्म में होली, प्रमुख त्योहारों में से एक है. सनातन धर्म में रंगों के त्योहार होली को बेहद खास माना जाता है. होली पर देश भर में लोग रंगोत्सव बड़े ही धूम धाम से साथ मनाते हैं. होली पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ की जाती है.
० 9 मार्च (गुरुवार)- भाई दूज
भाई दूज का पर्व होली के दूसरे दिन मनाया जाता है. इस वर्ष भाई दूज का पर्व 9 मार्च को मनाया जाएगा. भाई दूज का पर्व बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक है.
० 11 मार्च (शनिवार)- संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश से संकट निवारण के लिए प्रार्थना की जाती है. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं.
० 12 मार्च (रविवार)- रंग पंचमी
रंगपंचमी के दिन देवता होली का पर्व मनाते हैं. इस दिन आसमान में गुलाल फेंकने की मान्यता है. गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे लोगों के पाप कम होते हैं. उनके जीवन में सकारात्मकता आती है.
० 14 मार्च (मंगलवार)- शीतला सप्तमी
सनातन धर्म में शीतला सप्तमी का विशेष महत्व बताया गया है. शीतला सप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ माता शीतला की पूजा की जाती है. शीतला सप्तमी का व्रत रखने से रोगों से छुटकारा मिलता है.
० 18 मार्च (शनिवार)- पापमोचिनी एकादशी
सनातन धर्म में एकादशी के दिन को बेहद पवित्र माना गया है. पापों को नष्ट करने के लिए पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने का काफी महत्व है. पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है साथ ही सुखी जीवन की प्राप्ति होती है.
०21 मार्च (मंगलवार)- चैत्र अमावस्या
चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को चैत्र अमावस्या कहते हैं. चैत्र अमावस्या के दिन स्नान-दान का काफी महत्व है.
22 मार्च (बुधवार)- हिंदू नववर्ष शुरू
चैत्र माह की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. अंग्रेजी नववर्ष की शुरुआत की तारीख फिक्स होती है लेकिन हिंदू नव वर्ष की तारीख फिक्स नहीं होती. हिंदू नव वर्ष की तारीख हर साल बदलती रहती है.
० 29 मार्च (बुधवार)- चैत्र नवरात्रि अष्टमी
चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का विशेष महत्व होता है.
० 30 मार्च (गुरुवार)- राम नवमी
रामनवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है. रामनवमी को राम जन्मोत्सव के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है.
Festivals in March 2023: मार्च में इस दिन होली, रंग पंचमी और राम नवमी, जानें इस माह के व्रत-त्योहारों की लिस्ट
आमलकी एकादशी बहुत उत्साह और आनंद के साथ मनाई जाती है. मार्च का पहला व्रत आमलकी एकादशी है, जो 3 मार्च को पड़ रहा है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. आमलकी एकादशी को आम भाषा में आंवला एकादशी भी कहते हैं.
नई दिल्ली: मार्च में कई प्रमुख व्रत त्योहार हैं. महीना शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. मार्च (Festivals in March 2023) का पहला व्रत आमलकी एकादशी है, जो 3 मार्च को पड़ रहा है. मार्च में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. आइए जानते हैं मार्च में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और उनका महत्व.
मार्च 2023 व्रत-त्योहार (March 2023 Fast Festival Days and Dates)
० 3 मार्च (शुक्रवार) - आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी बहुत उत्साह और आनंद के साथ मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. आमलकी एकादशी को आम भाषा में आंवला एकादशी भी कहते हैं.
० 4 मार्च (शनिवार) - शनि प्रदोष व्रत
फाल्गुन मास में दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में पड़ रहा है. फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. फाल्गुन महीने का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन पड़ा था.
० 7 मार्च (मंगलवार) - होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन मनाया जाता है. पुराणों में होलिका दहन और पूजा करने का विशेष महत्व है. होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो होती हैं और घर में विराजमान होती हैं.
० 8 मार्च (बुधवार) - होली
सनातन धर्म में होली, प्रमुख त्योहारों में से एक है. सनातन धर्म में रंगों के त्योहार होली को बेहद खास माना जाता है. होली पर देश भर में लोग रंगोत्सव बड़े ही धूम धाम से साथ मनाते हैं. होली पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ की जाती है.
० 9 मार्च (गुरुवार)- भाई दूज
भाई दूज का पर्व होली के दूसरे दिन मनाया जाता है. इस वर्ष भाई दूज का पर्व 9 मार्च को मनाया जाएगा. भाई दूज का पर्व बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक है.
० 11 मार्च (शनिवार)- संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश से संकट निवारण के लिए प्रार्थना की जाती है. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं.
० 12 मार्च (रविवार)- रंग पंचमी
रंगपंचमी के दिन देवता होली का पर्व मनाते हैं. इस दिन आसमान में गुलाल फेंकने की मान्यता है. गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे लोगों के पाप कम होते हैं. उनके जीवन में सकारात्मकता आती है.
० 14 मार्च (मंगलवार)- शीतला सप्तमी
सनातन धर्म में शीतला सप्तमी का विशेष महत्व बताया गया है. शीतला सप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ माता शीतला की पूजा की जाती है. शीतला सप्तमी का व्रत रखने से रोगों से छुटकारा मिलता है.
० 18 मार्च (शनिवार)- पापमोचिनी एकादशी
सनातन धर्म में एकादशी के दिन को बेहद पवित्र माना गया है. पापों को नष्ट करने के लिए पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने का काफी महत्व है. पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है साथ ही सुखी जीवन की प्राप्ति होती है.
०21 मार्च (मंगलवार)- चैत्र अमावस्या
चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को चैत्र अमावस्या कहते हैं. चैत्र अमावस्या के दिन स्नान-दान का काफी महत्व है.
22 मार्च (बुधवार)- हिंदू नववर्ष शुरू
चैत्र माह की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. अंग्रेजी नववर्ष की शुरुआत की तारीख फिक्स होती है लेकिन हिंदू नव वर्ष की तारीख फिक्स नहीं होती. हिंदू नव वर्ष की तारीख हर साल बदलती रहती है.
० 29 मार्च (बुधवार)- चैत्र नवरात्रि अष्टमी
चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का विशेष महत्व होता है.
० 30 मार्च (गुरुवार)- राम नवमी
रामनवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है. रामनवमी को राम जन्मोत्सव के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है.