नई दिल्ली/गाजियाबाद: नए साल की शुरुआत के साथ ही व्रत और त्योहारों का भी शुभारंभ हो गया है. इस महीने कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं. पहला व्रत पौष पुत्रदा एकादशी 2 जनवरी को था. इसके अतिरिक्त जनवरी में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार हैं और उनके क्या महत्व हैं, आइए जानते हैं.
० 4 जनवरी (बुधवार): प्रदोष व्रत
प्रत्येक वर्ष में प्रदोष व्रत 24 बार आता है, जिसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम व्रत माना जाता है. बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते हैं, जिसे करने से भक्तों को आर्थिक उन्नति का फल मिलता है. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
० 6 जनवरी (शुक्रवार): पौष पूर्णिमा
पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. इस तिथि को सूर्यदेव और चंद्रमा दोनों की पूजा की जाती है. इस पूर्णिमा में यह अद्भुत संयोग बनता है कि सूर्यदेव को समर्पित पौष महीने में चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होते हैं. इस दिन सूर्यदेव और चंद्रदेव की पूजा के साथ माता लक्ष्मी की पूजा से सर्व मनोरथ सिद्ध होते हैं, जानिए इस व्रत के महत्व के बारे में.
० 14 जनवरी (शनिवार): लोहड़ी, सूर्य गोचर
लोहड़ी का त्योहार पंजाब और हरियाणा में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी पारंपरिक तौर पर फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा विशेष त्योहार है. लोहड़ी से कई लोक और पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं, जिनके कारण यह त्योहार मनाया जाता है.
० 15 जनवरी (रविवार): मकर संक्रांति
मकर सक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. मध्य भारत यानी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन घर पर कई तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं. इसमें तिल के लड्डू, नारियल के लड्डू व खिचड़ी जैसी चीजें शामिल हैं.
० 18 जनवरी (बुधवार): षटतिला एकादशी
हिंदू शास्त्र के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी कहते हैं. इस बार षटतिला एकादशी का व्रत 18 जनवरी को रखा जाएगा. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है.
० 19 जनवरी (गुरुवार): तिल द्वादशी, प्रदोष व्रत
माघ मास की द्वादशी को तिल द्वादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन तिल का सेवन करना, तिल का दान करना और तिल से हवन करना शुभ माना गया है. इस बार द्वादशी और सूर्य संक्रांति एक ही दिन होने के चलते भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा से मिलने वाला पुण्य और बढ़ जाएगा.
गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जो भक्त विधिपूर्वक व्रत रखते हैं और प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं, उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. गुरुवार प्रदोष व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.
० 21 जनवरी (शनिवार): मौनी अमावस्या
माघ में अमावस्या का अपना खास महत्व है. इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास रहता है. इसलिए गंगा स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या का भी विशेष महत्व बताया जा रहा है, क्योंकि मौनी अमावस्या पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है.
० 25 जनवरी (बुधवार): विनायक चतुर्थी व्रत
हर महीने शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है. यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है. इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना लाभदायी होता है. इस दिन गणेश जी की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान और बुद्धि की भी प्राप्ति होती है.
० 26 जनवरी (गुरुवार): वसंत पंचमी
हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है. किसी न किसी व्रत में भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और घर के कल्याण के लिए सभी अनुष्ठानों के साथ देवी-देवता की पूजा होती है. ऐसा ही एक व्रत पर्व है बसंत पंचमी. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है.
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