नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र के चकरपुर गांव में किसानों व सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसरों के बीच हुए मारपीट के मामले में किसानों में भारी आक्रोश है. किसानों का कहना है कि पुलिस ने बाउंसर को किसान बताते हुए दो पक्षों की मारपीट बता दी और जो पीड़ित किसान है उसे पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.
दरअसल, सर्वोत्तम बिल्डर के खिलाफ रामगढ़ गांव में किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. किसान नए भूमि अधिग्रहण के तहत मिलने वाले लाभ, बढ़ा हुआ मुआवजा, 10% आवासीय भूखंड और भूमिहीनों को प्लॉट सहित अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों का यह धारणा दिन और रात चल रहा है, जबकि सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर लगातार किसानों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके चलते कई बार किसान और बिल्डर के प्रतिनिधियों के बीच झगड़ा हो चुका है.
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अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष रूपेश वर्मा ने बताया कि साल 2005 में आठ गांव की 2503 एकड़ जमीन में टाउनशिप बनाने का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन अंसल बिल्डर के द्वारा कार्य को पूरा नहीं किया गया. किसानों का अंसल बिल्डर के साथ 2013 में 10% आबादी प्लॉट, 64% अतिरिक्त मुआवजा का समझौता हुआ था, जिसका पालन भी अंसल ने नहीं किया. अब अंसल बिल्डर के प्रोजेक्ट को सर्वोत्तम बिल्डर ने खरीदा है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी भी सर्वोत्तम बिल्डर को पूरी करनी होगी, अन्यथा किसानों द्वारा अपनी जमीन पर बिल्डर को कब्जा नहीं दिया जाएगा. जिसको लेकर किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से रामगढ़ में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई भूमि अधिग्रहण कानून में भी किसानों के हक को अच्छी तरह परिभाषित किया गया है, जिनका बिल्डर सरासर उल्लंघन कर रहा है.
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई वाजिब है और किसान सभा किसानों के साथ खड़ी है. सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं, जिसको लेकर कई बार किसान और बाउंसर आमने-सामने आ गए हैं. वहीं 23 नवंबर को किसानों की जमीन पर सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसरों ने जबरन कब्जा करने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने इस झगड़े को दो पक्षों का बताते हुए किसानों को ही जेल भेज दिया, जिसका सभी किसान विरोध कर रहे हैं.
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