नई दिल्ली/गाजियाबादः केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बार्डर समेत राजधानी दिल्ली की अन्य सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन को अब तीन महीने हो चुके है.
एक तरफ किसानों से दिल्ली की सीमाओं डेरा डाला रखा है, वहीं दूसरी ओर इस आंदोलन को तेज करने और सरकार और दबाव बनाने के लिए किसान तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं. देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों को जानकारी देने के लिए साइकिल मार्च निकाला जाएगा.
यह भी पढ़ेंः-आंदोलन का 96वां दिन : आज 'मजदूर किसान एकता दिवस' मनाएंगे किसान
किसान कन्याकुमारी से कश्मीर तक 8308 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय करेंगे. किसानों का साइकिल मार्च निकालने का उद्देश्य लोगों को कृषि कानून के बारे में जानकारी देना है. 12 मार्च को साइकिल यात्रा की शुरुआत की जाएगी. साइकिल यात्रा 20 राज्यों से होते हुए गुजरेगी.
साइकिल यात्रा में शामिल हो रहे किसानों के मुताबिक अब तक करीब तीनों बॉर्डर से 50 से अधिक लोगों ने इस यात्रा में दिलचस्पी दिखाई है. वहीं साइकिल यात्रा में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हो रहें है. एक किसान ने बताया हम एक साइकिल यात्रा निकाल रहें है, जो कि कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक जाएगी. हम इस यात्रा के माध्यम से आंदोलन के बारे में जागरूक करेंगे और लोगों को नए कृषि कानूनों के बारे में जानकारी देंगें.
किसान संजय सिंह ने बताया हम कन्याकुमारी से 20 राज्य होते हुए करीब 8308 किलोमीटर की एक यात्रा कर रहें है. जिसका नाम किसान साइकिल मार्च है. कॉरपोरेट सेक्टर का शिकंजा सरकार पर कसता जा रहा है, उसके विरोध में पूरे देश के किसानों को एक जुट करने का प्रयास करेंगे.