नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर आबकारी नीति (शराब बिक्री की नीति) को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. दिल्ली में अभी जिस नीति के तहत शराब की दुकानों और होटलों में शराब की बिक्री हो रही है, उसकी समय सीमा 28 फरवरी को पूरी होने वाली है. शराब विक्रेता आगे शराब की बिक्री तभी कर पाएंगे जब वर्तमान लाइसेंस रिन्यू होगा. हालांकि इस संबंध में अभी विभाग द्वारा अधिकारिक तौर पर कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है.
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति अगस्त 2022 में रद्द हो चुके हैं. नई आबकारी नीति में घोटाले की जांच जारी है. एक सितंबर 2022 से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की बिक्री हो रही है, जिसे छह महीने के लिए लागू किया था. इस दौरान उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली की नई आबकारी नीति नए सिरे से तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई, लेकिन तीन सदस्य कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जिससे दिल्ली में जिस नीति के तहत अभी शराब की बिक्री हो रही है वह 28 फरवरी को उसकी मियाद पूरी हो जाएगी. ऐसे में शराब विक्रेताओं में लाइसेंस को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
दिल्ली सरकार द्वारा 17 नवंबर 2021 में लागू नई आबकारी नीति से पहले जिस पॉलिसी के तहत शराब की बिक्री हो रही थी और यह अभी भी जारी है. आबकारी विभाग के अधिकारी इसे ही कुछ समय के लिए और बढ़ाने को एकमात्र उपाय बता रहे हैं. उधर, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई शराब आबकारी नीति बनाने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव आशीष चंद वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कमेटी ने रिपोर्ट देने के लिए कुछ समय और देने की मांग की है. ऐसे में दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जिस पुरानी नीति के तहत अभी दिल्ली की दुकानों में व होटलों, क्लब व बार में शराब की बिक्री हो रही है उन सबके लाइसेंस को रिन्यू करना पड़ेगा. तभी ये एक मार्च से शराब बेच पाएंगे. इस संबंध में जल्द ही विभाग नोटिस जारी कर उनसे आवेदन की मांग करेगा. दिल्ली में फिलहाल 570 दुकानों पर शराब की बिक्री होती है इसके अलावा कुल 960 होटल व बार हैं, जिनमें शराब परोसी जाती है.
कब-कब क्या हुआ
- आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में शराब से मिलने वाले राजस्व बढ़ाने के मकसद से नई शराब नीति नई आबकारी नीति को 17 नवंबर 2021 में लागू किया था.
- इसके तहत दिल्ली में शराब की बिक्री करने वाले सभी सरकारी दुकानों को खत्म कर उसकी जगह प्राइवेट वेंडर्स को शराब बेचने की इजाजत दी गई थी.
- शराब की दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी की गई, मॉल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शराब की दुकानें खोली गई, जिससे राजस्व में इजाफा तो हुआ लेकिन दिल्ली की जनता ने इसके खिलाफ भी आवाज उठाए.
- क्योंकि शराब की दुकान है रिहायशी इलाकों, मुख्य बाजार में खोली गईं जहां बहुतायत में आप लोग अन्य चीजों की खरीदारी के लिए जाते थे. दिल्ली की महिलाओं ने इसका पुरजोर विरोध किया.
- इसी दौरान नई शराब नीति को लागू करने में दिल्ली सरकार पर शराब कंपनियों से रिश्वत लेने के भी आरोप लगे. इसकी शिकायत जब उपराज्यपाल से हुई तब सीबीआई की जांच के आदेश दे दिए गए.
- इसके साथ ही अगस्त 2022 में नई शराब नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली में पहले की तरह पुरानी आबकारी नीति के तहत एक सितंबर 2022 से शराब की बिक्री शुरू हुई.
- उपराज्यपाल ने इस नीति के तहत 6 महीने तक शराब की बिक्री को मंजूरी दी और इस दौरान नई पॉलिसी बनाने के लिए दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव आशीष चंद्र वर्मा के नेतृत्व में 3 सदस्य कमेटी बना दी.
- जिसे 6 महीने के अंदर नई आबकारी नीति बनाने के आदेश दिए गए थे, कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. इसलिए पुरानी नीति के तहत ही दिल्ली में शराब की बिक्री का एकमात्र विकल्प बचा है.
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