नई दिल्लीः 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने दिल्ली में बड़ा दांव चला है. शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रह चुके अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई है. उन्होंने अनिल चौधरी की जगह ली है. लवली की नियुक्ति को लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति माना जा रहा है.
वह 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. लवली पहले भी 2014 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे. 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले वो बीजेपी में चले गए थे, लेकिन बीते लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने घर वापसी कर ली. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ETV भारत की टीम ने अरविंदर सिंह लवली से खास बातचीत की. पढ़ें इसके प्रमुख अंश...
सवालः आपको दिल्ली कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. आपकी तीन प्राथमिकताएं क्या रहेगी?
जवाबः मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी कि पार्टी ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उस काम को ईमानदारी के साथ निर्वहन करूं. मेरी दूसरी प्राथमिकता रहेगी कि कांग्रेस पार्टी की जो सियासी जमीन खोई हुई है, उसे वापस लाना. संगठन को मजबूत करना. पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को एकजुट कर संगठन को नए सिरे से खड़ा करना. मेरी तीसरी प्राथमिकता रहेगी कि किस तरह से दिल्ली की जनता के दिल में जगह बनानी है. किस तरह से दिल्ली की जनता की आवाज को सड़कों पर उठाना है. बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बढ़ती महंगाई को लेकर आवाज उठाना है.
सवालः कांग्रेस पार्टी ने आपके ऊपर पुनः भरोसा जताया है. संगठन को मजबूत करना कितनी बड़ी चुनौती है?
जवाबः मेरे लिए यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और चुनौती भी बड़ी है, लेकिन सबसे अच्छी बात है कि राजधानी दिल्ली ही नहीं, पूरे देश भर में अब लोग बदलाव का माहौल देख रहे हैं. राहुल गांधी की तरफ लोगों का झुकाव अब दिख रहा है. हमारे नेता राहुल गांधी ने हमेशा से ही दलित, पिछड़े, आदिवासी, वंचित, शोषितों और अल्पसंख्यक लोगों की आवाज को मुखरता से उठाया है. देश भर में लोग अब बदलाव देख रहे हैं. दिल्ली में भी लोग बदलाव लाना चाहते हैं और कांग्रेस पार्टी की तरफ लोगों का अब झुकाव भी दिखने लगा है. दिल्ली कांग्रेस संगठन में हमारे पुराने लोग, जो पूर्व में अध्यक्ष रहे हैं, उनकी भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पार्टी को एकजुट करने में और कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने अब दिल्ली संगठन की मुझे यह महत्वपूर्ण और एक अहम जिम्मेदारी दी है. मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं और अब दिल्ली में एक नए संगठन को खड़ा किया जाएगा.
सवालः दिल्ली में आप किस तरह से युवाओं का भरोसा जीतेंगे? क्या पार्टी में युवाओं को तवज्जो दिया जाएगी?
जवाबः खास तौर पर नए संगठन बनाने में युवाओं को जिम्मेदारियां दी जाएगी और दिल्ली के युवाओं के साथ कांग्रेस पार्टी की खोई हुई जमीन को फिर से वापस लाने की कोशिश करेंगे. हम लोगों के दिलों में जगह बनाएंगे. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने जो मुझे जिम्मेदारी दी है, उसके लिए मैं अपने प्रिय नेता राहुल गांधी, बहन प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और जेनरल सेक्रेटरी वेणुगोपाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली के तमाम पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों का धन्यवाद करता हूं और मैं पार्टी को दिल्ली में पूरी ताकत और मजबूती के साथ खड़ा करूंगा.
सवालः 2024 के चुनाव में दिल्ली में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस?
जवाबः 2024 के चुनाव को लेकर यह फैसला मैं नहीं कर सकता. पार्टी हाईकमान का जैसा आदेश होगा, उसी आदेश को माना जाएगा. यह फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा. मेरा काम दिल्ली में संगठन को मजबूत करना है. कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है. दिल्ली में किस तरह से कार्य करना है. दिल्ली की जनता के बीच में किस तरह से लोगों के दिलों में जगह बनानी है और जो भी काम हमारे अंतर्गत आएंगे, हम उनको करेंगे. जो भी पार्टी हाईकमान का आदेश होगा उसे पूरी ईमानदारी के साथ करूंगा.
सवालः कांग्रेस दिल्ली में अपनी पूरी तरह से सियासी जमीन खो चुकी है?
जवाबः मैं मानता हूं दिल्ली में हमारी सियासी जमीन खो चुकी है, लेकिन हर एक पार्टी में उतार-चढ़ाव आता है. हर एक नेता का उतार-चढ़ाव का दौर होता है. हमारा भी उतार-चढ़ाव का दौर रहा है, लेकिन अब हम मजबूती के साथ खड़े हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी भी कभी दो सीटों पर थी, लेकिन आज इतनी बड़ी पार्टी बनी हुई है तो यह उतार चढ़ाव तो जिंदगी में चलते रहते हैं. कांग्रेस ने भी कई उतार चढ़ाव के अलग अलग राज्यों में दौर देखे हैं और अब कई राज्यों में कांग्रेस ने वापसी की है. लेकिन अब कांग्रेस के ऊपर चढ़ने का समय आ गया है. निश्चित तौर पर हम पार्टी के लिए मजबूती के साथ दिल्ली में काम करेंगे. संगठन को मजबूत करेंगे. नए युवाओं को मौका देंगे. लोगों के बीच जाएंगे और जो पूर्व में हमारे नेता पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है. उसका भी हमें फल मिल रहा है.
सवालः कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं. कुछ पार्टी छोड़कर भी चले गए हैं, उन्हें कैसे वापसी कराएंगे आप?
जवाबः निश्चित तौर पर हमारे कई कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत की है और हमारे कई पुराने कार्यकर्ता और नेता पार्टी को छोड़कर जा चुके हैं. मेरे सामने उन्हें भी पार्टी में वापसी कराने की बड़ी चुनौती है, लेकिन जैसे भी होगा मैं उन्हें अपनी पार्टी में वापस कराऊंगा. चाहे मुझे उनके आगे हाथ जोड़ने पड़े, पैर पकड़ता पड़े, मुझे उनके आगे गिड़गिड़ाना पड़े, मेरी तरफ से जितनी भी कोशिश होगी कि मैं अपने पुराने कार्यकर्ता नेता जो पार्टी छोड़कर चले गए हैं, किसी बात से नाराज हैं, उन्हें भी मनाने की कोशिश की जाएगी और उनकी पार्टी में घर वापसी कराई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः