ETV Bharat / state

Delhi Riot: मां से मिलते ही लिपट पड़े आसिफ इकबाल तन्हा, बोले- लड़ाई जारी रहेगी

दिल्ली दंगा मामले (Delhi riots case) में जेल में बंद आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा जेल से रिहा हुए. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि CAA, NRC और NPR की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी और छात्र विपक्ष की भूमिका निभाते रहेंगे.

Asif Iqbal Tanha
जेल से रिहा हुए आसिफ इकबाल तन्हा
author img

By

Published : Jun 18, 2021, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगा मामले में (Delhi riots case) आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल जमानत पर रिहा हुए. इस दौरान आसिफ इकबाल तन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार जब तक CAA, NRC और NPR जैसे काले कानून को वापस नहीं ले लेती है, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष नहीं है लेकिन छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. वहीं जमानत मिलने के बाद आसिफ जब अपनी मां से मिले तो यह पल दोनों के लिए काफी भावुक रहा. इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए आसिफ की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा.

'न्याय प्रणाली पर विश्वास है'
आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि हमें भारत की न्याय प्रणाली पर विश्वास था कि एक ना एक दिन न्याय जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि दिशा रवि पर जजमेंट और अब हम तीनों पर जजमेंट जिस तरह से आया है, उसके बाद से प्रशासन किसी बेगुनाह पर यूएपीए लगाने से पहले एक बार जरूर सोचेगा. उन्होंने कहा कि अगर वह बेगुनाह हैं तो जिस तरह से कोर्ट से इंसाफ मिला है तो उस व्यक्ति को भी इंसाफ देर ही सही लेकिन मिलेगा जरूर.

आसिफ इकबाल तन्हा के साथ खास बातचीत

दिल्ली हिंसा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली HC के फैसले पर रोक लगाने से किया इंकार

'भड़काने वाले पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई'
आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि दिल्ली में दंगा (Delhi riots case) हुआ ही नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर दंगा हुआ है तो दंगे से पहले जो लोग थे, वहां और कपिल मिश्रा जैसे लोग प्रदर्शन खत्म करवाना चाह रहे थे, जो दंगे से पहले आकर भाषण देकर चले जाते हैं तो उन पर कार्रवाई आखिरकार क्यों नहीं हो रही है. आसिफ ने कहा कि ऐसे लोगों से सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है. वहीं आसिफ ने कहा कि मैं कभी भी नॉर्थ ईस्ट गया भी नहीं और न ही कुछ गलत बोला न लिखा हूं. जिसका नॉर्थ ईस्ट में हुए दंगे से संबंध हो पुलिस के पास इसका कोई सबूत भी नहीं है, जिसकी वजह से आज मैं बाहर हूं.

'सभी का व्यवहार एक जैसा नहीं था'
वहीं पुलिस के व्यवहार को लेकर उन्होंने कहा कि कई प्रकार के लोग मिले सभी का व्यवहार एक जैसा नहीं था. कुछ लोग तो दंगाई, आतंकवादी, देशद्रोही और जिहादी तक कहते थे. लेकिन इसमें कुछ अच्छे लोग भी थे. जो सवाल वो पूछ रहे थे उनका मैं सही से जवाब दे रहा था पर हां पहले कुछ दिन डर था लेकिन उसके बाद सब सामान्य हो गया.

Asif Iqbal Tanha
जेल से रिहा हुए आसिफ इकबाल तन्हा

'युवा गुमराह नहीं हुआ है'

जब आसिफ से सवाल किया गया कि क्या आज युवा भटक रहा है तो उन्होंने कहा कि युवा कैसे भटकेगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता है तो उसको भटकना कहेंगे. युवा गुमराह नहीं है अगर वह भटक रहा होता तो आज अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद नहीं कर रहा होता. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर युवा भटक गया होता तो सरकार से नौकरी नहीं मांग रहा होता.


'विश्वविद्यालय की किसी से छवि धूमिल नहीं होती है'

वहीं आसिफ से जब यह सवाल किया कि विश्वविद्यालय के छात्रों पर इस तरह से कार्रवाई होती है तो क्या विश्वविद्यालय की छवि खराब नहीं हो रही है. इस पर उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की छवि धूमिल नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पढ़ने और नियम के विरुद्ध हो रहे कामों के खिलाफ आवाज उठाने की सीख मिलती है. इन्हीं विश्वविद्यालयों से हम बोलना सीखते हैं. ऐसे में किसी विश्वविद्यालय का किसी की वजह से छवि धूमिल नहीं हो सकती है.

'छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं'
आसिफ ने कहा कि राम मनोहर लोहिया कहते हैं कि सड़क अगर सुनसान हो जाएगी तो संसद आवारा हो जाएगी सड़क सुनसान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से विपक्ष नहीं है और छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. छात्र विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सड़क पर उतर रहे हैं. छात्र विपक्ष की भूमिका सड़क पर शांतिपूर्वक महात्मा गांधी के द्वारा बताए गए रास्तों पर चलकर निभा रहे हैं.

Asif Iqbal Tanha and his mother
आसिफ इकबाल तन्हा और उनकी मां

'काले कानून के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी'
उन्होंने कहा कि CAA, NRC और NPR को लेकर शुरू हुई लड़ाई खत्म नहीं हुई है. कोविड-19 की वजह से बेशक सड़क पर नहीं है लेकिन अन्य माध्यमों से प्रदर्शन जारी है. उन्होंने कहा कि CAA, NRC और NPR पर लड़ाई जारी थी और जारी रहेगी. साथ ही कहा कि हमारी एक ही मांग थी और आज भी वही एक मांग है कि सरकार जो काला कानून लेकर आई है उसे वापस ले तभी यह लड़ाई खत्म होगी. वहीं आसिफ ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का वे समर्थन करते हैं.


'उम्मीद थी एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा'
वहीं जमानत मिलने के बाद आसिफ जब अपनी मां से मिले तो यह पल दोनों के लिए काफी भावुक रहा. इस दौरान दोनों की आंखों से आंसू झलक उठे. वहीं आसिफ की मां ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि उन्हें देश के कानून व्यवस्था और ईश्वर पर विश्वास था कि एक दिन उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि आसिफ ने कुछ गलत नहीं किया है. साथ ही कहा कि इस कठिन समय में समाज ने भी पूरा सहयोग दिया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब उम्मीद की सरकार सभी बच्चों को रिहा कर देगी तो यह खुशी दोगुनी होगी.

नई दिल्ली: दिल्ली दंगा मामले में (Delhi riots case) आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल जमानत पर रिहा हुए. इस दौरान आसिफ इकबाल तन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार जब तक CAA, NRC और NPR जैसे काले कानून को वापस नहीं ले लेती है, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष नहीं है लेकिन छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. वहीं जमानत मिलने के बाद आसिफ जब अपनी मां से मिले तो यह पल दोनों के लिए काफी भावुक रहा. इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए आसिफ की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा.

'न्याय प्रणाली पर विश्वास है'
आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि हमें भारत की न्याय प्रणाली पर विश्वास था कि एक ना एक दिन न्याय जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि दिशा रवि पर जजमेंट और अब हम तीनों पर जजमेंट जिस तरह से आया है, उसके बाद से प्रशासन किसी बेगुनाह पर यूएपीए लगाने से पहले एक बार जरूर सोचेगा. उन्होंने कहा कि अगर वह बेगुनाह हैं तो जिस तरह से कोर्ट से इंसाफ मिला है तो उस व्यक्ति को भी इंसाफ देर ही सही लेकिन मिलेगा जरूर.

आसिफ इकबाल तन्हा के साथ खास बातचीत

दिल्ली हिंसा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली HC के फैसले पर रोक लगाने से किया इंकार

'भड़काने वाले पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई'
आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि दिल्ली में दंगा (Delhi riots case) हुआ ही नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर दंगा हुआ है तो दंगे से पहले जो लोग थे, वहां और कपिल मिश्रा जैसे लोग प्रदर्शन खत्म करवाना चाह रहे थे, जो दंगे से पहले आकर भाषण देकर चले जाते हैं तो उन पर कार्रवाई आखिरकार क्यों नहीं हो रही है. आसिफ ने कहा कि ऐसे लोगों से सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है. वहीं आसिफ ने कहा कि मैं कभी भी नॉर्थ ईस्ट गया भी नहीं और न ही कुछ गलत बोला न लिखा हूं. जिसका नॉर्थ ईस्ट में हुए दंगे से संबंध हो पुलिस के पास इसका कोई सबूत भी नहीं है, जिसकी वजह से आज मैं बाहर हूं.

'सभी का व्यवहार एक जैसा नहीं था'
वहीं पुलिस के व्यवहार को लेकर उन्होंने कहा कि कई प्रकार के लोग मिले सभी का व्यवहार एक जैसा नहीं था. कुछ लोग तो दंगाई, आतंकवादी, देशद्रोही और जिहादी तक कहते थे. लेकिन इसमें कुछ अच्छे लोग भी थे. जो सवाल वो पूछ रहे थे उनका मैं सही से जवाब दे रहा था पर हां पहले कुछ दिन डर था लेकिन उसके बाद सब सामान्य हो गया.

Asif Iqbal Tanha
जेल से रिहा हुए आसिफ इकबाल तन्हा

'युवा गुमराह नहीं हुआ है'

जब आसिफ से सवाल किया गया कि क्या आज युवा भटक रहा है तो उन्होंने कहा कि युवा कैसे भटकेगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता है तो उसको भटकना कहेंगे. युवा गुमराह नहीं है अगर वह भटक रहा होता तो आज अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद नहीं कर रहा होता. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर युवा भटक गया होता तो सरकार से नौकरी नहीं मांग रहा होता.


'विश्वविद्यालय की किसी से छवि धूमिल नहीं होती है'

वहीं आसिफ से जब यह सवाल किया कि विश्वविद्यालय के छात्रों पर इस तरह से कार्रवाई होती है तो क्या विश्वविद्यालय की छवि खराब नहीं हो रही है. इस पर उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की छवि धूमिल नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पढ़ने और नियम के विरुद्ध हो रहे कामों के खिलाफ आवाज उठाने की सीख मिलती है. इन्हीं विश्वविद्यालयों से हम बोलना सीखते हैं. ऐसे में किसी विश्वविद्यालय का किसी की वजह से छवि धूमिल नहीं हो सकती है.

'छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं'
आसिफ ने कहा कि राम मनोहर लोहिया कहते हैं कि सड़क अगर सुनसान हो जाएगी तो संसद आवारा हो जाएगी सड़क सुनसान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से विपक्ष नहीं है और छात्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. छात्र विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सड़क पर उतर रहे हैं. छात्र विपक्ष की भूमिका सड़क पर शांतिपूर्वक महात्मा गांधी के द्वारा बताए गए रास्तों पर चलकर निभा रहे हैं.

Asif Iqbal Tanha and his mother
आसिफ इकबाल तन्हा और उनकी मां

'काले कानून के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी'
उन्होंने कहा कि CAA, NRC और NPR को लेकर शुरू हुई लड़ाई खत्म नहीं हुई है. कोविड-19 की वजह से बेशक सड़क पर नहीं है लेकिन अन्य माध्यमों से प्रदर्शन जारी है. उन्होंने कहा कि CAA, NRC और NPR पर लड़ाई जारी थी और जारी रहेगी. साथ ही कहा कि हमारी एक ही मांग थी और आज भी वही एक मांग है कि सरकार जो काला कानून लेकर आई है उसे वापस ले तभी यह लड़ाई खत्म होगी. वहीं आसिफ ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का वे समर्थन करते हैं.


'उम्मीद थी एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा'
वहीं जमानत मिलने के बाद आसिफ जब अपनी मां से मिले तो यह पल दोनों के लिए काफी भावुक रहा. इस दौरान दोनों की आंखों से आंसू झलक उठे. वहीं आसिफ की मां ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि उन्हें देश के कानून व्यवस्था और ईश्वर पर विश्वास था कि एक दिन उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि आसिफ ने कुछ गलत नहीं किया है. साथ ही कहा कि इस कठिन समय में समाज ने भी पूरा सहयोग दिया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब उम्मीद की सरकार सभी बच्चों को रिहा कर देगी तो यह खुशी दोगुनी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.