नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद इस बार त्योहारों से कारोबारियों को भी ढेरों उम्मीदें हैं. धनतेरस और फिर दिवाली त्योहारों के सीजन में दिल्ली सहित देश भर के बाज़ारों में ग्राहकों की संख्या को लेकर बड़ा उत्साह है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा इस वर्ष के दिवाली सीजन में देश भर के बाज़ारों में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा व्यापार होने का अनुमान लगाया गया है. अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 35 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा व्यापार होने की संभावना जताई गई है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को दिवाली बोनस व इंसेंटिव दिए जाने से बाज़ार में त्योहारों के सीजन में मांग में निश्चित रूप से वृद्धि होगी. वहीं नवंबर के पूर्वाद्ध में ही दिवाली एवं अन्य त्योहारों के पड़ने से ग्राहकों की जेब में त्योहार पर खर्च करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धनराशि होगी. जो खरीदारी के ज़रिए बाज़ारों में आएगी और व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर वित्तीय तरलता आएगी.
इन मदों में खरीद-बिक्री का अनुमान
प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार एक मोटे अनुमान के तहत 3.5 लाख करोड़ के अनुमानित त्योहारों के व्यापार में लगभग 13 फीसद खाद्य एवं किराना में, 9 फीसद ज्वेलरी में, 12 फीसद वस्त्र एवं गारमेंट्स, 4 फीसद ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3 फीसद घर की साज सज्जा, 6 फीसद कास्मेटिक्स, 8 फीसद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 फीसद पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 फीसद बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 फीसद कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8 फीसद गिफ्ट आइटम्स, 4 फीसद फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20 फीसद ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए जाने का अनुमान है.
अहोई अष्टमी से हो गई त्योहारों की शुरुआत
दिवाली उत्सव के सीजन की शुरुआत 5 नवंबर को अहोई अष्टमी से शुरू हो गई है. 10 नवंबर को धनतेरस, 12 नवंबर को दिवाली, 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा, 15 नवंबर को भाई दूज, 17 नवंबर को छठ पूजा तथा 23 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली का सीजन समाप्त होगा. कुल मिलाकर दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों को इस त्यौहारी बिक्री से अच्छे व्यापार की बड़ी उम्मीदें हैं.
प्रधानमंत्री ने किया है देश में बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने पिछली मन की बात के ज़रिए देशवासियों से त्योहारों पर लोकल बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान किया गया था. जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दे रहा है. जिसको देखते हुए कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि वे अपने शहर के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाज़ार दिलाने में सहयोग करें और आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के ज़रिए देश एवं दुनिया को दिखाएं.
धनतेरस पर बड़े व्यापार की तैयारियों ज़ोरो पर
धनतेरस का त्योहार दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों के लिए माल की बिक्री का एक बड़ा दिन है. जिसको लेकर देश भर में व्यापारियों ने बड़ी तैयारियां की हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि धनतेरस के मौक़े पर देश भर में आज लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है. वहीं दूसरी तरफ़ इस दिवाली वोकल फॉर लोकल का दर्शन बाज़ारों में दिख रहा है. लगभग सारी ख़रीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है. एक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगी है.
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