ETV Bharat / state

अब जितनी मर्जी चाहे उतने बुक करें चिड़ियाघर के लिए टिकट, ऑनलाइन टिकट बुकिंग रहेगी चालू

दिल्ली के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल में से एक है चिड़ियाघर. यहां रोजाना काफी संख्या में लोग अपने परिवार संग वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. इनकी संख्या वीकेंड पर काफी बढ़ जाती है. पहले 6 हजार टिकटों की बिक्री का ही लक्ष्य था लेकिन अब जू में ऑनलाइन टिकट खरीदने की सीमा को खत्म कर दिया गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Feb 12, 2023, 1:30 PM IST

नई दिल्ली: चिड़ियाघर किसे पसंद नहीं होता. कई तरह के जानवर, पक्षी यहां मौजूद होते हैं. उन्हें देखने के लिए दिल्ली में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. इनमें कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें चिड़ियाघर के परिसर के बाहर से निराश होकर लौटना पड़ता है. दरअसल, साल 2020 से पहले जू की ऑफलाइन मोड में टिकट बिक्री होती थी. लोग आसानी से टिकट खरीदकर चिड़ियाघर में एंट्री लेते थे. लेकिन कोविड के बाद हालात बदले और लोगों की संख्या सीमित कर दी गई. साथ ही ऑफलाइन टिकट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया. ऑनलाइन मोड में टिकट की बिक्री शुरू की गई. सिर्फ 6 हजार टिकटों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया. हालांकि, अब जू में ऑनलाइन टिकट खरीदने का स्लॉट 6 हजार से बढ़ा दिया गया है. जू निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि अब दर्शकों को स्लॉट की चिंता नहीं करनी होगी. वह चिड़ियाघर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जितनी मर्जी चाहे टिकट बुक कर सकते हैं. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या ऑफलाइन टिकट की व्यस्था शुरू होगी. इस पर जानिए क्या बोलीं निदेशक..

भ्रष्टाचार खत्म करना है मकसद

जू की निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि जू में ऑफलाइन टिकट की व्यस्था अब शुरू नहीं की जाएगी.उन्होंने तर्क दिया है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.साथ ही आज के समय में सभी ऑनलाइन टिकट आसानी से बुक कर लेते हैं. जब उनसे पूछा गया कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो मोबाइल इस्तेमाल नहीं करते और ग्रामीण तबके के लोग ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर पाते. इस पर निदेशक ने कहा कि वह चिड़ियाघर में भीड़ नहीं बढ़ाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हमने चिड़ियाघर के बाहर स्कैनर कोड भी लगाया है, जिसे स्कैन कर आसानी से टिकट बुक किया जा सकता है.

पटना से बड़े प्रजाति के वन्यजीव लाने के लिए भेजा प्रस्ताव

जू निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि एक वक्त था जब यहां जिराफ, जेब्रा सहित बड़े प्रजाति के वन्यजीव मौजूद थे. लेकिन उनकी मौत के बाद यहां से वह विलुप्त हो गए. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले दर्शकों को सभी प्रजाति के वन्यजीव का दीदार करा सकें. उन्होंने कहा कि पटना जू से जिराफ लाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने बताया कि देश में मैसूर, कोलकाता और पटना के पास ही जिराफ हैं. हालांकि कोलकाता और मैसूर ने जिराफ देने से मना किया है, लेकिन पटना जू से उम्मीद है कि हमें जिराफ मिलेगा.

नई दिल्ली: चिड़ियाघर किसे पसंद नहीं होता. कई तरह के जानवर, पक्षी यहां मौजूद होते हैं. उन्हें देखने के लिए दिल्ली में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. इनमें कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें चिड़ियाघर के परिसर के बाहर से निराश होकर लौटना पड़ता है. दरअसल, साल 2020 से पहले जू की ऑफलाइन मोड में टिकट बिक्री होती थी. लोग आसानी से टिकट खरीदकर चिड़ियाघर में एंट्री लेते थे. लेकिन कोविड के बाद हालात बदले और लोगों की संख्या सीमित कर दी गई. साथ ही ऑफलाइन टिकट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया. ऑनलाइन मोड में टिकट की बिक्री शुरू की गई. सिर्फ 6 हजार टिकटों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया. हालांकि, अब जू में ऑनलाइन टिकट खरीदने का स्लॉट 6 हजार से बढ़ा दिया गया है. जू निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि अब दर्शकों को स्लॉट की चिंता नहीं करनी होगी. वह चिड़ियाघर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जितनी मर्जी चाहे टिकट बुक कर सकते हैं. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या ऑफलाइन टिकट की व्यस्था शुरू होगी. इस पर जानिए क्या बोलीं निदेशक..

भ्रष्टाचार खत्म करना है मकसद

जू की निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि जू में ऑफलाइन टिकट की व्यस्था अब शुरू नहीं की जाएगी.उन्होंने तर्क दिया है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.साथ ही आज के समय में सभी ऑनलाइन टिकट आसानी से बुक कर लेते हैं. जब उनसे पूछा गया कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो मोबाइल इस्तेमाल नहीं करते और ग्रामीण तबके के लोग ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर पाते. इस पर निदेशक ने कहा कि वह चिड़ियाघर में भीड़ नहीं बढ़ाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हमने चिड़ियाघर के बाहर स्कैनर कोड भी लगाया है, जिसे स्कैन कर आसानी से टिकट बुक किया जा सकता है.

पटना से बड़े प्रजाति के वन्यजीव लाने के लिए भेजा प्रस्ताव

जू निदेशक आकांक्षा महाजन ने बताया कि एक वक्त था जब यहां जिराफ, जेब्रा सहित बड़े प्रजाति के वन्यजीव मौजूद थे. लेकिन उनकी मौत के बाद यहां से वह विलुप्त हो गए. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले दर्शकों को सभी प्रजाति के वन्यजीव का दीदार करा सकें. उन्होंने कहा कि पटना जू से जिराफ लाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने बताया कि देश में मैसूर, कोलकाता और पटना के पास ही जिराफ हैं. हालांकि कोलकाता और मैसूर ने जिराफ देने से मना किया है, लेकिन पटना जू से उम्मीद है कि हमें जिराफ मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.