नई दिल्ली /नोएडा : रेव पार्टी, सांपों की तस्करी और पार्टी में जहरीले सांपों का विष को परोसने के मामले में एल्विश यादव के खिलाफ दर्ज मुकदमे में नोएडा पुलिस कानूनी रूप से गिरफ्तारी नहीं कर सकती. और अगर वह ऐसा करती है तो पुलिस को कोर्ट को गिरफ्तारी का कारण बताना पड़ेगा. ये बातें गौतम बुद्ध नगर जिला सत्र न्यायालय के अधिवक्ता देवेंद्र राहुल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं.
एल्विश यादव इन मामलों में स्वयं इंवॉल्व होने की नहीं हो रही पुष्टि
उन्होंने बताया कि एल्विश यादव के ऊपर लगाए गए आरोपों में कहीं भी यह पुष्टि नहीं हो रही है कि वह इन मामलों में स्वयं इंवॉल्व हैं. एक एनजीओ चलाने वाले की तरफ से सिर्फ एल्विश का नाम लिया गया है, वह भी मुखबिर खास की सूचना पर. उन्होंने बताया कि कानून के आधार पर पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकती बल्कि 41ए की नोटिस देकर पूछताछ की जा सकती है. हिरासत और गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
अधिवक्ता देवेंद्र राहुल ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि पूरे प्रकरण को समझने के उपरांत सामने यही आ रहा है कि एल्विस यादव का नाम घटना में जोड़कर पूरे मामले को सनसनी दी गई है. उन्होंने बताया कि सपेरा जाति द्वारा सांप पकड़ने और उनके विष निकालने का काम सदियों से किया जा रहा है, पर इस मामले में कहीं से भी तस्करी और रेव पार्टी में शामिल होने जैसी बात का सबूत सामने नहीं आया है.
प्रतिबंधित सांपों के वीडियो बनाना कोई बहुत बड़ा अपराध नहीं
पूरे प्रकरण में महज मुखबिर खास का जिक्र किया गया है. उन्होंने बताया कि जहां तक प्रतिबंधित सांपों के वीडियो बनाएं जाने का जिक्र किया गया है. यह भी कोई बहुत बड़ा अपराध नहीं है क्योंकि वर्तमान समय में बहुत से वीडियो और फिल्मों में सांपों को प्रदर्शित किया जाता है.
जो आरोप लगाए गए हैं उसमें 7 वर्ष से अधिक की सजा नहीं
पूरे मामले में एल्विश यादव के ऊपर कोई भी ऐसा अपराध सिद्ध नहीं हो रहा है. जिसके चलते उसको पुलिस गिरफ्तार करे या फिर जेल भेजने जैसी स्थिति उत्पन्न हो. जो आरोप लगाए गए हैं और धाराएं हैं उसमें 7 वर्ष से अधिक की सजा नहीं है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 7 वर्ष से कम की सजा में गिरफ्तारी और जेल नहीं भेजा जा सकता.
वाइल्ड लाइन के अपराध में तीन से सात साल तक की सजा
अधिवक्ता देवेंद्र राहुल का कहना है कि वाइल्ड लाइन के अपराध में तीन से सात साल तक की सजा है. जिसमें गिरफ्तारी नहीं हो सकती. अगर पुलिस द्वारा कोई गिरफ्तारी की जाती है तो उसे कोर्ट को कारण बताना होगा. वही एल्विश यादव के मामले में अभी तक पुलिस के पास ऐसा कोई कारण नहीं मिला है. जिसमें पुलिस गिरफ्तारी कर सके.
किसी का नाम लेने से गिरफ्तारी और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती
उन्होंने बताया कि पूरे प्रकरण में रेव पार्टी बता कर मामले को सनसनीखेज बनाया गया है. यह मामला उस मामले की तरह है जिस तरह से महाराष्ट्र में शाहरुख खान के बेटे के साथ हुआ था. किसी का नाम आने और किसी का नाम लेने से किसी की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती और ना ही अपराध सिद्ध हो जाता है .
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