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'दिल्ली सरकार की मिलीभगत से बिजली कंपनियां वसूल रही हैं मनमाना बिजली बिल' - Poonam Gupta

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बिजली कंपनियों द्वारा मनमाने बिजली बिलों को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से RWA के पदाधिकारियों के साथ संवाद किया.

Adesh Gupta interacts with Resident Welfare Association through video conferencing
आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ किया संवाद
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Published : Jul 7, 2020, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की मिलीभगत से बिजली कंपनियों द्वारा मनमाने बिजली बिलों को भेजकर वसूली करने को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ संवाद किया.

आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ किया संवाद

वीडियो कांफ्रेंस में शामिल हुए ये सब

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा, यू आर डी महासचिव सौरभ गांधी, आरडब्ल्यूए जनप्रतिनिधि नलिन त्रिपाठी, वी एस वोहरा, पूनम गुप्ता सहित आरडब्लूए के अन्य पदाधिकारी जुड़े थे. इस अवसर पर आरडब्लूए के प्रतिनिधि ने बिजली बिलों को लेकर हो रही समस्याओं को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के समक्ष रखा.

सत्ता में आने से पहले बड़े बड़े वादे

आदेश गुप्ता ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कटे हुए बिजली कनेक्शन को जोड़ने वाले अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने के बाद खुद ही दिल्ली के लोगों के घरों के बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस दे रहे हैं. आज के इस संकट के समय में जहां हर प्रदेश की सरकार लोगों को मदद देने का काम कर रही है, वहीं केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों से मदद छीनने का काम कर रही है.

कनेक्शन काटने की धमकी

चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार ने कहा था कि बिजली बिल में वह सब्सिडी देंगे, यहां तक कि विधानसभा में 12 महीनों के 2820 करोड़ रुपये का बजट बिजली बिल सब्सिडी के लिए पास भी किया. लेकिन आज यही केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर 94 दिनों के बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज, एवरेज बिल लगाकर बिना सब्सिडी के भारी भरकम बिल भेज रहे हैं. बिजली कंपनियां केजरीवाल सरकार के संरक्षण में बिना मीटर रीडिंग के बिजली बिल भेज रही है, बिजली कनेक्शन काटने की धमकी दे रही है.

लॉकडाउन में सब बंद तो बिल क्यों

गुप्ता ने कहा कि दुकानें, शोरूम, ऑफिस, फैक्ट्री एवं अन्य प्रतिष्ठान जो लॉकडाउन की अवधि में बंद थी और वहां बिजली की खपत नहीं हुई उन्हें भी भारी भरकम बिल भेजे जा रहे हैं. इससे जाहिर है कि केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर चोरी से दिल्ली की लोगों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रही है वह भी ऐसे समय में जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे है. ऐसे समय में दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिल्ली के लोगों के साथ खड़े होने की केजरीवाल जरूरत थी. लेकिन साथ खड़े होना तो दूर वह दोगुने-चौगुने बिल भेज कर दिल्ली के लोगों को परेशान कर रहे हैं.

साढ़े चार गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज

जानकारी के मुताबिक डीईआरसी नए टैरिफ प्लान के जरिए बिजली के बढ़े हुए रेट लागू करने की तैयारी में है. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में कुल 4897 मेगावाट बिजली की खपत हुई है लेकिन केजरीवाल सरकार फिक्स्ड चार्ज 22,867 मेगावाट पर वसूल रही है यानी खपत से लगभग साढ़े चार गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज लिए जा रहे हैं. यह दर्शाता है कि संकट के समय में भी केजरीवाल सरकार संवेदनहीन है और अमानवीयता की हदों को पार कर रही है.


भाजपा इस लड़ाई को जारी रखेगी

गुप्ता ने आरडब्लूए सदस्यों को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिल्ली भाजपा इस लड़ाई को और गति देते हुए दिल्ली सरकार से सब्सिडी बहाल करने, फिक्स्ड चार्ज को वापस लेने की मांग को लागू करवाएगी. बिजली बिलों में एवरेज बिल लगाना बंद करें, ओरिजिनल बिल भेजें, मीटर रीडिंग करने वालों को घरों में मीटर रीडिंग करने के लिए भेजा जाए, बिजली कनेक्शन काटने वाले नोटिस को वापस लिया जाए, जिनके बिजली बिल बकाया हैं उन्हें किस्तों में बिल पेमेंट करने की सुविधा दी जाए, इन सभी मांगों के साथ आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर दिल्ली भाजपा इस लड़ाई को जारी रखेगी. दिल्ली के लोगों की सुविधा और उनके हितों के लिए हम मिलकर इन मांगों को बार-बार केजरीवाल सरकार के सामने रखेंगे जब तक इन मांगों को लागू नहीं किया जाता है.

मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल लिए जाए

उधर, रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 29 जून को हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिजली कंपनियों की मनमानी की समस्या को प्रमुखता से रखा था. कई बार पत्रों के माध्यम से भी केजरीवाल सरकार को इस समस्याओं से अवगत कराया गया. उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को ही पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार से यह मांग की गई थी कि दिल्ली के व्यवसाई, उद्यमी और घरेलू उपभोक्ता के बिजली बिलों में लगाए जा रहे फिक्स्ड चार्ज को माफ करने और मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल लिए जाए लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली कंपनी की मनमानी की समस्याओं को नजरअंदाज करना यह साबित करता है कि केजरीवाल सरकार की बिजली कंपनियों से सांठगांठ है.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की मिलीभगत से बिजली कंपनियों द्वारा मनमाने बिजली बिलों को भेजकर वसूली करने को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ संवाद किया.

आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ किया संवाद

वीडियो कांफ्रेंस में शामिल हुए ये सब

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा, यू आर डी महासचिव सौरभ गांधी, आरडब्ल्यूए जनप्रतिनिधि नलिन त्रिपाठी, वी एस वोहरा, पूनम गुप्ता सहित आरडब्लूए के अन्य पदाधिकारी जुड़े थे. इस अवसर पर आरडब्लूए के प्रतिनिधि ने बिजली बिलों को लेकर हो रही समस्याओं को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के समक्ष रखा.

सत्ता में आने से पहले बड़े बड़े वादे

आदेश गुप्ता ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कटे हुए बिजली कनेक्शन को जोड़ने वाले अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने के बाद खुद ही दिल्ली के लोगों के घरों के बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस दे रहे हैं. आज के इस संकट के समय में जहां हर प्रदेश की सरकार लोगों को मदद देने का काम कर रही है, वहीं केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों से मदद छीनने का काम कर रही है.

कनेक्शन काटने की धमकी

चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार ने कहा था कि बिजली बिल में वह सब्सिडी देंगे, यहां तक कि विधानसभा में 12 महीनों के 2820 करोड़ रुपये का बजट बिजली बिल सब्सिडी के लिए पास भी किया. लेकिन आज यही केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर 94 दिनों के बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज, एवरेज बिल लगाकर बिना सब्सिडी के भारी भरकम बिल भेज रहे हैं. बिजली कंपनियां केजरीवाल सरकार के संरक्षण में बिना मीटर रीडिंग के बिजली बिल भेज रही है, बिजली कनेक्शन काटने की धमकी दे रही है.

लॉकडाउन में सब बंद तो बिल क्यों

गुप्ता ने कहा कि दुकानें, शोरूम, ऑफिस, फैक्ट्री एवं अन्य प्रतिष्ठान जो लॉकडाउन की अवधि में बंद थी और वहां बिजली की खपत नहीं हुई उन्हें भी भारी भरकम बिल भेजे जा रहे हैं. इससे जाहिर है कि केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर चोरी से दिल्ली की लोगों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रही है वह भी ऐसे समय में जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे है. ऐसे समय में दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिल्ली के लोगों के साथ खड़े होने की केजरीवाल जरूरत थी. लेकिन साथ खड़े होना तो दूर वह दोगुने-चौगुने बिल भेज कर दिल्ली के लोगों को परेशान कर रहे हैं.

साढ़े चार गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज

जानकारी के मुताबिक डीईआरसी नए टैरिफ प्लान के जरिए बिजली के बढ़े हुए रेट लागू करने की तैयारी में है. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में कुल 4897 मेगावाट बिजली की खपत हुई है लेकिन केजरीवाल सरकार फिक्स्ड चार्ज 22,867 मेगावाट पर वसूल रही है यानी खपत से लगभग साढ़े चार गुना ज्यादा फिक्स्ड चार्ज लिए जा रहे हैं. यह दर्शाता है कि संकट के समय में भी केजरीवाल सरकार संवेदनहीन है और अमानवीयता की हदों को पार कर रही है.


भाजपा इस लड़ाई को जारी रखेगी

गुप्ता ने आरडब्लूए सदस्यों को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिल्ली भाजपा इस लड़ाई को और गति देते हुए दिल्ली सरकार से सब्सिडी बहाल करने, फिक्स्ड चार्ज को वापस लेने की मांग को लागू करवाएगी. बिजली बिलों में एवरेज बिल लगाना बंद करें, ओरिजिनल बिल भेजें, मीटर रीडिंग करने वालों को घरों में मीटर रीडिंग करने के लिए भेजा जाए, बिजली कनेक्शन काटने वाले नोटिस को वापस लिया जाए, जिनके बिजली बिल बकाया हैं उन्हें किस्तों में बिल पेमेंट करने की सुविधा दी जाए, इन सभी मांगों के साथ आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर दिल्ली भाजपा इस लड़ाई को जारी रखेगी. दिल्ली के लोगों की सुविधा और उनके हितों के लिए हम मिलकर इन मांगों को बार-बार केजरीवाल सरकार के सामने रखेंगे जब तक इन मांगों को लागू नहीं किया जाता है.

मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल लिए जाए

उधर, रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 29 जून को हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिजली कंपनियों की मनमानी की समस्या को प्रमुखता से रखा था. कई बार पत्रों के माध्यम से भी केजरीवाल सरकार को इस समस्याओं से अवगत कराया गया. उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को ही पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार से यह मांग की गई थी कि दिल्ली के व्यवसाई, उद्यमी और घरेलू उपभोक्ता के बिजली बिलों में लगाए जा रहे फिक्स्ड चार्ज को माफ करने और मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल लिए जाए लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली कंपनी की मनमानी की समस्याओं को नजरअंदाज करना यह साबित करता है कि केजरीवाल सरकार की बिजली कंपनियों से सांठगांठ है.

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