नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10वीं का परिणाम सुधारने के लिए शिक्षा अधिकारी स्कूलों को गोद लेंगे. शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि साल 2024 में सरकारी स्कूलों में उन स्कूलों का परिणाम बेहतर हो, जो इस साल बेहतर परिणाम नहीं दे पाए हैं. दरअसल, इस साल कई सरकारी स्कूलों का दसवीं का परिणाम बहुत ही खराब रहा है. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक परिपत्र भी जारी कर दिया है.
शिक्षा विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि सत्र 2023-24 के लिए शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों द्वारा न्यूनतम परिणाम वाले 51 स्कूलों को मेंटर के रूप में गोद लेना है. शिक्षा विभाग ने सत्र 2022-23 के लिए दसवीं कक्षा के सीबीएसई परिणाम विश्लेषण के आधार पर, परीक्षा शाखा ने डीओई के अधिकारियों को गोद लेने के लिए सबसे कम परिणाम वाले 51 सरकारी स्कूलों की सूची भेजी है.
51 स्कूलों का परिणाम बेहद खराब: शिक्षा विभाग ने बताया कि 51 स्कूलों में 10वीं का परिणाम बेहद खराब रहा है. सीबीएसई के दसवीं के परिणाम में इन स्कूलों में पास प्रतिशत 30 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक रहा. इसलिए जिला के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह स्कूल गोद ले. सराय काले खां, जिसका 10वीं का रिजल्ट 37.68% था. इसी तरह अन्य स्कूलों की एक लिस्ट भी शिक्षा विभाग ने जारी की है.
मेंटर टीचर करें स्कूल का दौरा: शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन 51 स्कूलों की लिस्ट जारी की गई है. यहां एक मेंटर टीचर सप्ताह में एक बार दौरा जरूर करें और देखें की किस स्तिथि में छात्रों को सिलेबस कवर कराया जा रहा है. जिस दिन भी वह दौरा करेंगे उसकी पूरी रिपोर्ट स्कूल सहित शिक्षा विभाग को दी जाएगी. शिक्षा विभाग में एडिशनल डायरेक्टर जरीन ताज का कहना है कि भले ही स्कूल का रिजल्ट खराब रहा हो, यह हमारी जिम्मेदारी है कि अगले साल सुधार हो, इसलिए इन स्कूलों में शिक्षा विभाग के अधिकारी गोद लेंगे. इसके बाद समीक्षा की जाएगी. स्कूलों में छात्रों को कैसे पढ़ाया जा रहा है, शिक्षा विभाग के द्वारा जारी सपोर्ट मैटेरियल उन्हें मिल रही है या नहीं, साथ की किन-किन चीजों में सुधार किया जाए इस पर एक्शन प्लान भी तैयार किया जाएगा.
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