नई दिल्ली : दिल्ली में कोरोना की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अभिभावकों से स्कूल और कॉलेज खोलने को लेकर राय मांगी है. शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद अभिभावकों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. अभिभावकों का कहना है कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती है. बच्चे को स्कूल भेजकर जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं.
वहीं अभिभावक नितिन गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में पूरे भारत में तबाही मची है. आज तक देश में बच्चों के लिए कोई Vaccine नहीं आई है. इसीलिए हम अपने बच्चे की जान स्कूल भेजकर खतरे में नहीं डालना चाहेंगे.
वहीं एक अन्य अभिभावक गौतम ने कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह ट्वीट करते हुए एक अच्छा मजाक किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री Manish Sisodia को यह लिखने से पहले अपने पुराने बयान के बारे में पहले सोचना चाहिए था. सरकार ने कहा था कि सितंबर - अक्टूबर में कोविड-19 की तीसरी लहर आएगी, उससे पहले वैक्सीनेशन करेंगे और स्कूल को खोलने की जल्दी नहीं करेंगे.
वहीं Delhi Parents Association के अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली में जिस तरीके से स्कूलों को खोलने की कवायद शुरू कर रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने दिल्ली सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि सरकार पहले तो यह कह रही थी कोविड-19 की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक है तो यह अचानक से कैसे बदल गया और वह स्कूल खोलने का विचार कर रहे हैं.
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साथ ही कहा कि एक बार फिर कोविड-19 की केस बढ़ने लगे हैं और सरकार स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से राय मांग रही है. उन्होंने कहा कि केरल में जिस तरीके से केस बढ़ रहे हैं, सरकार को वह शायद नजर नहीं आ रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन का कोई इंतजाम नहीं हो जाता है हम अपने बच्चे की जान खतरे में डालने के लिए स्कूल नहीं भेजेंगे.
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