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वृक्षारोपण के लिए खास है जापानी मियावाकी तकनीक, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगाए गए पौधे - मियावाकी तकनीक पूर्वी दिल्ली नगर निगम

मियावाकी एक जापानी वृक्षारोपण तकनीक है, जो कि पर्यावरण विशेषज्ञ अकीरा मियावाकी की देन है. इसमें शहर के बीच छोटे जंगल विकसित किए जाते हैं. गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास पूर्वी दिल्ली नगर निगम मियावाकी तकनीक द्वारा पौधे लगा रही है.

Ghazipur landfill site
गाजीपुर लैंडफिल साइट
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Published : Dec 23, 2020, 4:56 PM IST

नई दिल्ली: गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास पूर्वी दिल्ली नगर निगम मियावाकी तकनीक द्वारा पौधे लगा रही है. इस तकनीक की खास बात ये है कि इस विधि से लगाए गए पौधों की ग्रोथ अन्य पौधों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा होती है.

वृक्षारोपण के लिए खास है जापानी मियावाकी तकनीक

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मुख्य अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि मियावाकी एक जापानी वृक्षारोपण तकनीक है, जो कि पर्यावरण विशेषज्ञ अकीरा मियावाकी की देन है. इसमें शहर के बीच छोटे जंगल विकसित किए जाते हैं.

इस विशेष तकनीक के अंतर्गत 40 से अधिक प्रकार के पौधे लगाए जाते हैं. जिसमें टिंबर, औषधीय, फलदार और फूलदार पौधे शामिल हैं.

प्रदीप कुमार ने बताया-

विशेष तकनीक से लगाए जाने वाले पौधे 3 गुना तेजी से बढ़कर 30 गुना घना जंगल तैयार करते हैं. गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के सौंदर्यीकरण के लिए ये योजना शुरू की गई है और बहुत जल्द लैंडफिल साइट के आसपास के इलाकों में भी इसी विधि से पौधारोपण किया जाएगा.

प्रवेश द्वार पर लगाए गए पौधे

गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के मुख्य प्रवेश द्वार पर सितंबर महीने में मियावाकी तकनीक से लगभग 1000 पौधे लगाए गए थे. जिनका सकारात्मक परिणाम देखने के बाद अब लैंडफिल साइट के अंदर 1000 पौधे और लगाए जा रहे हैं.

नई दिल्ली: गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास पूर्वी दिल्ली नगर निगम मियावाकी तकनीक द्वारा पौधे लगा रही है. इस तकनीक की खास बात ये है कि इस विधि से लगाए गए पौधों की ग्रोथ अन्य पौधों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा होती है.

वृक्षारोपण के लिए खास है जापानी मियावाकी तकनीक

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मुख्य अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि मियावाकी एक जापानी वृक्षारोपण तकनीक है, जो कि पर्यावरण विशेषज्ञ अकीरा मियावाकी की देन है. इसमें शहर के बीच छोटे जंगल विकसित किए जाते हैं.

इस विशेष तकनीक के अंतर्गत 40 से अधिक प्रकार के पौधे लगाए जाते हैं. जिसमें टिंबर, औषधीय, फलदार और फूलदार पौधे शामिल हैं.

प्रदीप कुमार ने बताया-

विशेष तकनीक से लगाए जाने वाले पौधे 3 गुना तेजी से बढ़कर 30 गुना घना जंगल तैयार करते हैं. गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के सौंदर्यीकरण के लिए ये योजना शुरू की गई है और बहुत जल्द लैंडफिल साइट के आसपास के इलाकों में भी इसी विधि से पौधारोपण किया जाएगा.

प्रवेश द्वार पर लगाए गए पौधे

गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के मुख्य प्रवेश द्वार पर सितंबर महीने में मियावाकी तकनीक से लगभग 1000 पौधे लगाए गए थे. जिनका सकारात्मक परिणाम देखने के बाद अब लैंडफिल साइट के अंदर 1000 पौधे और लगाए जा रहे हैं.

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