नई दिल्ली/नोएडा : प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम के साथ सरकारी कार्य में बाधा डालने और बदसलूकी करने के मामले में तीन लोगों के खिलाफ सेक्टर-39 में केस दर्ज किया गया है. कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-44 में रहने वाले एक व्यक्ति के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम सर्च करने के लिए 17 नवंबर को आई थी. आरोप है कि संबंधित व्यक्ति ने अपने परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर टीम के साथ बदसलूकी की तथा सरकारी कार्य में बाधा डाला और साक्ष्यों को नष्ट कर दिया. घटना की रिपोर्ट बीती रात इडी के एक अधिकारी द्वारा थाना सेक्टर 39 में दर्ज कराई गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अपर पुलिस उपायुक्त आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय में तैनात डिप्टी डायरेक्टर मनीष नौटियाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. वह अपने टीम के साथ सेक्टर-44 के सी ब्लॉक में रहने वाले अमनदीप सिंह कंधारी के घर पर 17 नवंबर को सर्च करने के लिए गए थे. आरोप है कि हरमनदीप सिंह कंधारी, स्काची डे तथा कमल थापा आदि ने ED विभाग के साथ बदसलूकी की और सरकारी कार्य में बाधा डाला. उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है. प्रथम दृष्टया पता चला है कि मनी लांड्रिंग से संबंधित मामलों को लेकर सेक्टर 44 में सर्च किया गया था.
दिल्ली में हुए शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने वेब ग्रुप के फाइनेंस निदेशक, उनकी पत्नी व घरेलू नौकर के खिलाफ केस दर्ज कराया है. ईडी ने वेब ग्रुप के मुख्यालय, गाजियाबाद और नोएडा के फेसटू स्थित शराब कार्यालय में छानबीन की थी. ईडी के अधिकारी का आरोप है कि फाइनेंस निदेशक ने छानबीन के दौरान अपना व पत्नी का मोबाइल फोन नहीं दिया और गुम बताया.
उन्होंने एक बैग पडोसी अनिर्मेश जैन के घर में फेंंक दिया था, जिसे बरामद किया गया. मोबाइल फोन की लोकेशन गुम होने के बाद भी उनके घर की आ रही थी. सूत्रों के मुताबिक, पता चला कि उन्होंने अपने मोबाइल फोनों की गुमशुदगी कंपनी के वकील के माध्यम से फेज वन थाने में मंगलवार को दर्ज कराई है. इसमें बताया गया है कि 17 नवंबर को ऑफिस से उनके दोनों एप्पल कंपनी के फोन गुम हो गए है. गुमशुदगी दर्ज किए जाने में फेस 1 थाने के पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है.
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ईडी के अधिकारी ने बताया कि ईडी ने गाजियाबाद के सन सिटी और नोएडा के फेस टू इलाके में वेब ग्रुप के शराब कार्यालय पर रेड की थी. इसकी जांच वेब ग्रुप के इंफ्रास्ट्रचर कार्यालय नोएडा के सेक्टर-3 स्थित वेब ग्रुप के मुख्यालय तक पहुंची. यहां तीन दिनों तक जांच चली. इसके बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 की धारा 17 के तहत वेव ग्रुप के वित्त निदेशक हरमन सिंह कंधारी के सेक्टर-44 स्थित आवास पर 18 नवंबर को ईडी की टीम ने छापेमारी की थी.
मालूम हो कि वित्त निदेशक हरमनदीप सिंह कंधारी वेव समूह के फाइनेंस डायरेक्टर हैं. बताया जाता है कि वह वेव ग्रुप के सीएमडी मोंटी चड्ढा के साले भी हैं. ईडी को शक है कि कथित तौर पर गुम हुए मोबाइल फोन में जरूरी साक्ष्य थे. जिसे जानबूझ कर ईडी को गुमराह करते हुए नष्ट किया गया है.
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