नई दिल्लीः दिल्ली और NCR में मंगलवार दोपहर ढाई बजे 30 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए. वैसे तो भूकंप का केंद्र नेपाल था, लेकिन उसका असर दिल्ली और NCR में भी महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की ताव्रता 5.8 मापी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में हाई रिस्क सिस्मिक जोन है इसलिए यहां आसपास के इलाकों में आए भूकंप से प्रभाव पड़ता है.
नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप जिनकी तीव्रता 4.0 से कम होती है उनसे नुकसान की संभावना बेहद कम होती है. चूंकि आज जो भूकंप आया है उसका भी केंद्र नेपाल ही है, इसलिए दिल्ली पर कम असर पड़ा है. यह हल्की एडजेस्टमेंट का नतीजा है, जो खतरनाक नहीं होते. दिल्ली के आसपास ऐसी कोई फॉल्ट प्लेट नहीं है, जिस पर प्रेशर इस समय काफी ज्यादा हो. इसी वजह से इसे सिस्मिक जोन 4 में रखा गया है.
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अधिक तीव्रता होने पर इन इलाकों में अधिक खतरा: दिल्ली तीन सबसे एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइंस पर स्थित है. इसमें सोहना फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन. इसके अलावा गुरुग्राम भी सात सबसे एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जो दिल्ली के अलावा एनसीआर को भी सबसे खतरनाक एरिया बनाता है. अगर इनमें से कोई भी लाइन एक्टिव होता है तो इससे 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आने की आशंका है.
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— ANI (@ANI) January 24, 2023
कम खतरे वाला क्षेत्रः जेएनयू, एम्स, छतरपुर और नारायणा जैसे एरिया कम खतरे वाले इलाके हैं. यहां भूकंप का ज्यादा खतरा नहीं बताया जाता है. इसके अलावा लुटियंस दिल्ली, मंत्रालय संसद और वीआईपी इलाके भी हाई रिस्क जोन में आते हैं, लेकिन यमुना के अंतर्गत आने वाले इलाकों जैसे खतरनाक नहीं हैं.