नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह झटके दिल्ली एनसीआर के साथ यूपी और बिहार में भी महसूस किए गए है. भूकंप का केंद्र नेपाल में था. इससे पहले अक्टूबर महीने में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भी भूकंप का केंद्र नेपाल ही था.
मिली जानकारी के मुताबिक देर रात यह झटके दिल्ली एनसीआर में रात 11:32 बजे के करीब महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके महसूस होने बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए. इस दौरान लोग काफी दहशत में दिखे. फिलहाल किसी तरह के जान माल के कोई नुकसान की खबर सामने नहीं आई है. भूकंप के झटके करीब 30 से 40 सेकेंड तक महसूस किए गए.
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#WATCH उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए | दिल्ली की निवासी आरती ने बताया, "मैं बेड पर लेटी हुई थी और बेड हिलने लगा, मैंने अपनी बहन को हिलाया जो मेरे बगल में सो रही थी... हम बालकनी में गए, तो बाहर भी लोग बहुत शोर कर रहे थे..." pic.twitter.com/JcUtEmpeON
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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पहले भी कांपी थी धरती: बता दें कि तीन अक्टूबर को नेपाल में एक घंटे के भीतर भूकंप के झटके कई बार महसूस किए गए थे, जिसके बाद दिल्ली एनसीआर में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस दौरान 25 मिनट के भीतर 4.6 और 6.02 तीव्रता के भूकंप के झटके आए थे. दहशत में आए लोगों ने हर महीने भूकंप आने पर चिंता जताई. वहीं नेपाल की बात करें तो इस 6.04 की तीव्रता वाले भूकंप से अबतक 128 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं कई हजार से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना है. फिलहाल वहां युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है. हालांकि कई इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं.
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#WATCH उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए | नोएडा के रहने वाले तुषार ने बताया, "मैं टीवी देख रहा था और अचानक मुझे चक्कर जैसा महसूस हुआ... फिर मैंने टीवी पर भूकंप के बारे में देखा और अचानक अपने घर से बाहर आ गया। बाहर बहुत से लोग थे।" pic.twitter.com/TjmkkbxAjy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हाई रिस्क सिस्मिक जोन में है दिल्ली: जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली एक हाई रिस्क सिस्मिक जोन है इसलिए यहां आसपास के इलाकों में आए भूकंप से प्रभाव पड़ता है. नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के अनुसार, चूंकि शुक्रवार देर रात आए भूकंप का केंद्र नेपाल था, इसलिए दिल्ली पर कम असर पड़ा. यह हल्की एडजेस्टमेंट का नतीजा है जो खतरनाक नहीं होता. दिल्ली के आसपास ऐसी कोई फॉल्ट प्लेट नहीं है, जिसपर प्रेशर इस समय काफी ज्यादा हो. इसी वजह से इसे सिस्मिक जोन चार में रखा गया है.
यह इलाके हैं संवेदनशील: दिल्ली तीन सबसे एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइंस पर स्थित है. इसमें सोहना फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन शामिल है. इसके अलावा गुरुग्राम भी एक्टिव सिस्मिक फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जो दिल्ली के अलावा एनसीआर को भी सबसे खतरनाक एरिया बनाता है. अगर इनमें से कोई भी लाइन एक्टिव होती है तो इससे 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आने की आशंका रहती है.
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कम खतरे वाले क्षेत्र हैं ये: वहीं जेएनयू, एम्स, छतरपुर और नारायणा जैसे एरिया कम खतरे वाले इलाके हैं. यहां भूकंप का ज्यादा खतरा नहीं रहता है. इसके अलावा लुटियंस दिल्ली, मंत्रालय संसद और वीआईपी इलाके भी हाई रिस्क जोन में आते हैं, लेकिन यह यमुना के अंतर्गत आने वाले इलाकों जैसे खतरनाक नहीं हैं.
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