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जेएनयू में संघर्ष के बाद शुरू हुई थी दुर्गा पूजा, इस साल भी रखी गई है प्रतिमा

देश भर में नवरात्रि की धूम मची हुई है. गांव हो या शहर, अस्पताल हो या स्कूल, यूनिवर्सिटी हो या ऑफिस सभी जगहों पर मां की भव्यता के साथ पूजा की जा रही है. ऐसी ही पूजा की धूम जेएनयू में भी मची हुई है. पढ़िए कैसे और कितने विरोध के बाद जेएनयू में मां दुर्गा की पूजा शुरू हुई थी.

जेएनयू में स्थापित की गई है मां दुर्गा की प्रतिमा
जेएनयू में स्थापित की गई है मां दुर्गा की प्रतिमा
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Published : Oct 13, 2021, 8:33 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 9:23 PM IST

नई दिल्ली : नवरात्रि आते ही देश भर में एक अलग तरह का माहौल हो जाता है, जहां एक ओर गांव के लोग खुश होकर मंदिरों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं. वहीं शहरों में बहुत ही धूमधाम से नवरात्रि मनाई जाती है. लोग साफ-सफाई के साथ तरह-तरह की सजावट करते हैं और माता का जगराता कराते हैं. शहर, ऑफिस, स्कूल, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, कोर्ट समेत कोई भी ऐसी जगह नहीं बचती, जहां माता की प्रतिमा स्थापित न की जाती हो, लेकिन क्या आपने सोचा है वामपंथ का गढ़ माने जाने वाली यूनिवर्सिटी, जेएनयू में दुर्गा पूजा कैसे मनाई जाती है ?

दरअसल जेएनयू को इंटलेक्चुअल लोगों का गढ़ माना जाता है, लेकिन आज हम आपको जेएनयू की दुर्गा पूजा के बारे में बताएंगे. यहां भी बीते 21 सालों से लगातार दुर्गा पूजा मनाई जा रही है. शुरुआत में लोगों को दुर्गा माता की प्रतिमा रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब हर साल दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है. आज से 21 साल पहले जब मां दुर्गा पूजा की प्रतिमा स्थापित की गई थी तब बहुत विवाद हुआ था.

जेएनयू में संघर्ष के बाद शुरू हुई थी दुर्गा पूजा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इस साल भी दुर्गा उत्सव की धूम देखने को मिल रही है. पेरियार हॉस्टल के पास मां दुर्गा का भव्य पंडाल सजा है. मां का यह भव्य पंडाल छात्रों व परिसर के लोगों ने सामूहिक रूप से मिलकर सजाया है.

ये भी पढ़ें- नवरात्र में फूल लोढ़ी : मां की पूजा, मातृ शक्ति का सम्मान व प्रकृति के गुणगान की अनोखी परंपरा

दुर्गा पूजा मंडली में शामिल जेएनयू के पूर्व छात्र और डीयू के प्रोफेसर मनोज कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 2001 में करीब 10-12 छात्रों ने मिलकर जेएनयू में दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. दुर्गा पूजा को लेकर जेएनयू प्रशासन से भी दो-चार होना पड़ा था. उस दौरान जेएनयू प्रशासन ने पूजा रोकने की पूरी कोशिश भी की थी, लेकिन छात्रों के आगे उन्हें झुकना पड़ा. हम लोग प्रशासन के खिलाफ जाकर पूजा को शुरू करने में सफल हुए थे. पूजा बाधित करने के लिए उस समय प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों को कलश हटाने का आदेश भी दे दिया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तब प्रशासन की नहीं सुनी थी.

जेएनयू की दुर्गा पूजा
जेएनयू में स्थापित की गई है मां दुर्गा की प्रतिमा

ये भी पढ़ें- करोग बाग: राम नवमी के दिन अनोखे तरीके से की गई दुर्गा पूजा

जेएनयू के दूसरे प्रोफेसर बुद्धा सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 2001 से जेएनयू में काफी संघर्षों के बाद मां दुर्गा की भव्य रूप से पूजा की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पूरे नौ दिन यहां पर विधिवत रूप से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. महानवमी के दिन परिसर में विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा. साथ ही कहा कि रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल होते हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली: कोरोना के कारण बदला दुर्गा पूजा का रंग, पंडालों में कम हुई रौनक

जेएनयू परिसर में मां दुर्गा की पूजा को लेकर ईटीवी भारत ने अंबुज मिश्रा छात्र जेएनयू से बात की. उन्होंने कहा कि मां के भव्य पूजा के आयोजन के लिए जेएनयू के सभी छात्र व अन्य लोग मिलकर आयोजन करते हैं. साथ ही कहा कि नवरात्रि के नौ दिन यहां उत्साह देखते ही बनता है. सुबह-शाम मां की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है.

नई दिल्ली : नवरात्रि आते ही देश भर में एक अलग तरह का माहौल हो जाता है, जहां एक ओर गांव के लोग खुश होकर मंदिरों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं. वहीं शहरों में बहुत ही धूमधाम से नवरात्रि मनाई जाती है. लोग साफ-सफाई के साथ तरह-तरह की सजावट करते हैं और माता का जगराता कराते हैं. शहर, ऑफिस, स्कूल, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, कोर्ट समेत कोई भी ऐसी जगह नहीं बचती, जहां माता की प्रतिमा स्थापित न की जाती हो, लेकिन क्या आपने सोचा है वामपंथ का गढ़ माने जाने वाली यूनिवर्सिटी, जेएनयू में दुर्गा पूजा कैसे मनाई जाती है ?

दरअसल जेएनयू को इंटलेक्चुअल लोगों का गढ़ माना जाता है, लेकिन आज हम आपको जेएनयू की दुर्गा पूजा के बारे में बताएंगे. यहां भी बीते 21 सालों से लगातार दुर्गा पूजा मनाई जा रही है. शुरुआत में लोगों को दुर्गा माता की प्रतिमा रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब हर साल दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है. आज से 21 साल पहले जब मां दुर्गा पूजा की प्रतिमा स्थापित की गई थी तब बहुत विवाद हुआ था.

जेएनयू में संघर्ष के बाद शुरू हुई थी दुर्गा पूजा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इस साल भी दुर्गा उत्सव की धूम देखने को मिल रही है. पेरियार हॉस्टल के पास मां दुर्गा का भव्य पंडाल सजा है. मां का यह भव्य पंडाल छात्रों व परिसर के लोगों ने सामूहिक रूप से मिलकर सजाया है.

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दुर्गा पूजा मंडली में शामिल जेएनयू के पूर्व छात्र और डीयू के प्रोफेसर मनोज कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 2001 में करीब 10-12 छात्रों ने मिलकर जेएनयू में दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. दुर्गा पूजा को लेकर जेएनयू प्रशासन से भी दो-चार होना पड़ा था. उस दौरान जेएनयू प्रशासन ने पूजा रोकने की पूरी कोशिश भी की थी, लेकिन छात्रों के आगे उन्हें झुकना पड़ा. हम लोग प्रशासन के खिलाफ जाकर पूजा को शुरू करने में सफल हुए थे. पूजा बाधित करने के लिए उस समय प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों को कलश हटाने का आदेश भी दे दिया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तब प्रशासन की नहीं सुनी थी.

जेएनयू की दुर्गा पूजा
जेएनयू में स्थापित की गई है मां दुर्गा की प्रतिमा

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जेएनयू के दूसरे प्रोफेसर बुद्धा सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 2001 से जेएनयू में काफी संघर्षों के बाद मां दुर्गा की भव्य रूप से पूजा की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पूरे नौ दिन यहां पर विधिवत रूप से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. महानवमी के दिन परिसर में विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा. साथ ही कहा कि रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल होते हैं.

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जेएनयू परिसर में मां दुर्गा की पूजा को लेकर ईटीवी भारत ने अंबुज मिश्रा छात्र जेएनयू से बात की. उन्होंने कहा कि मां के भव्य पूजा के आयोजन के लिए जेएनयू के सभी छात्र व अन्य लोग मिलकर आयोजन करते हैं. साथ ही कहा कि नवरात्रि के नौ दिन यहां उत्साह देखते ही बनता है. सुबह-शाम मां की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है.

Last Updated : Oct 13, 2021, 9:23 PM IST
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