नई दिल्ली: दिल्ली प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के पूर्व विद्यार्थियों के लिए डायमंड, गोल्डन और सिल्वर जुबली होम कमिंग मीट-2022 का आयोजन डीटीयू परिसर में किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति एवं डीटीयू के पूर्व कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में नए बने राज सोयन हाल का उद्घाटन(Inauguration of Raj Soyan Hall) भी किया. डीटीयू के पूर्व छात्र डॉ. राज सोयन के सहयोग से बने इस मल्टी पर्पज एसी हाल में 3300 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था के साथ ही टेबल टेनिस आदि इनडोर गेम्स व कैफेटेरिया की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.
मुख्यातिथि प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि 2019 में उनके कार्यकाल में इस हाल की नींव रखी गई थी. हमारे लिए खुशी का विषय है कि आज यह मल्टी पर्प्ज हाल पूरी तरह से बन कर तैयार हो चुका है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह हाल साल में कम से कम 300 दिन प्रयोग होगा तभी डॉ. राज सोयन के योगदान की सार्थकता साबित होगी. इसके निर्माण में सहयोग के लिए डॉ. राज सोयन का आभार जताते हुए उन्होने कहा कि डीटीयू के कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी एवं उनकी टीम के प्रयासों से डीटीयू एल्यूमनी की अपेक्षाओं पर हम खरे उतरे हैं.
इंटरनैशनल अफेयर्स का काम शुरू किया गया
प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि प्रो. अनु सिंह लाठर के प्रयासों से डॉ. राज सोयन की ओर से इस हाल के निर्माण के लिए अनुदान जुटाया गया. आज डीटीयू एवं डॉ. राज सोयन के सहयोग से इस हाल का निर्माण पूर्ण हुआ है. प्रो. योगेश सिंह ने अपने संबोधन का समापन कुँवर बेचैन की कविता की पंक्तियों “बड़ा मुश्किल है दुनिया में बड़े होकर बड़ा रहना” के साथ किया.
जो सपना था वह साकार हुआ
समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. राज सोयन ने अपने संबोधन में कहा कि करीब साढ़े तीन साल पहले इस हाल की परिकल्पना की गई थी, जो आज इस सुंदर हाल के रूप में साकार हुआ है. उन्होने कहा कि शैक्षणिक संस्थान में फीस से बमुश्किल 20-21% राशि ही प्राप्त होती है, कुछ आर्थिक योगदान सरकारों से और कुछ एल्यूमनी से प्राप्त होता है. कहा कि आज दुनिया की टॉप कंपनियों में अधिकतर के सीईओ भारतीय लोग हैं, ये खुशी की बात है. जब शैक्षणिक संस्थाएं मजबूत होंगी तो वहाँ से अच्छी प्रतिभाएं उभर कर आएंगी.
डीटीयू के कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने अपने संबोधन के दौरान विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी भी उपलब्ध करवाई. समारोह के दौरान डीटीयू डीसीई के 1998 के ग्रेजुएट एवं पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा द्वारा दो करोड़ रुपए के अनुदान को लेकर एमओयू साइन किया गया. इस अनुदान के तहत डीटीयू द्वारा सुदूर क्षेत्रों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए लैब ऑन व्हील व ई-व्हीकल तकनीक पर काम किया जाएगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप