नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड जारी न होने के मामले का मामला अब गरमाता जा रहा है. इसी कड़ी में डीयू शिक्षक संघ (डूटा) के नेतृत्व में शिक्षकों और कर्मचारियों ने मंडी हाउस पर प्रदर्शन किया.
शिक्षकों ने ह्यूमन चेन बनाकर विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि इस प्रदर्शन के लिए उन्हें पुलिस से अनुमति नहीं मिली थी. साथ ही प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रही. बता दें कि 12 कॉलेज में फंड ना मिलने की वजह से पिछले 4 महीने से शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है.
दिल्ली सरकार से फंड जारी करने की मांग
डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने कहा कि फंड न होने के चलते पिछले 4 महीनों से डीयू के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सका है. जिसके चलते अब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि खबरों के जरिए दिल्ली सरकार द्वारा छह कॉलेजों को फंड जारी करने की बात सामने आ रही है जिससे लगता है कि सरकार कॉलेजों के बीच भेदभाव की नीति अपना रही है.
उनकी मांग है कि दिल्ली सरकार समान रूप से सभी 12 कॉलेजों में जल्द से जल्द फंड जारी करें, जिससे कर्मचारियों और शिक्षकों की समस्या का निदान किया जा सके और यह हड़ताल समाप्त हो. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार फंड जारी नहीं करती तो यह प्रदर्शन और उग्र रूप ले सकता है.
'फंड को गवर्निंग बॉडी से जोड़कर देखना गलत'
वहीं एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि जिस तरह से खबर आ रही है कि 6 कॉलेज का फंड जारी किया जा रहा है, वह पूरी तरह गलत है. सरकार को जल्द ही सभी 12 कॉलेजों का फंड जारी करना होगा और यहां पर भेदभाव की नीति नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी के गठन को फंडिंग से जोड़कर देखने का वह पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी का गठन विश्वविद्यालय के नियम के तहत हो. इसके अलावा उन्होंने जल्द ही सभी 12 कॉलेजों के लिए बिना किसी भेदभाव के फंड जारी करने की मांग की है. बता दे कि मंडी हाउस पर प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. गौरतलब है कि इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों से ज्यादा संख्या पुलिसकर्मियों की रही.