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DU टीचर एसोसिएशन करेगा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार - Many teacher organizations are getting support

दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन ने उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के बहिष्कार का फैसला लिया है. शिक्षकों को परमानेंट करने समेत कई मांगों को लेकर विरोध कर रहे टीचर एसोसिएशन ने जनवरी 2020 में यूनिवर्सिटी बंद करने का भी फैसला लिया है.

DU Teacher Association will boycott answer book evaluation in delhi
DUSU करेगा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार
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Published : Nov 26, 2019, 7:49 AM IST

नई दिल्ली: एडहॉक के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को परमानेंट करने और काले कमेटी के फैसलों को लागू करने की मांग कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन ने बड़ा ऐलान किया है. एसोसिएशन ने उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार करने और जनवरी 2020 में यूनिवर्सिटी बंद करने का फैसला लिया है.

DUSU करेगा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार

टीचर एसोसिएशन की बैठक में हुआ फैसला
दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडे ने बताया कि 28 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने मनमाने तरीके से एक पत्र जारी कर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में सालों से प्रमोशन लंबित पड़े हैं, कई बार पत्र लिखकर इसकी मांग कर चुका हूं लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ. ऐसे में सोमवार को एसोसिएशन ने मीटिंग बुलाकर ये फैसला लिया है कि आगामी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का शिक्षक बहिष्कार करेंगे.

कई शिक्षक संगठनों का मिल रहा समर्थन
एसोसिएशन का दावा है कि उन्हें कई शिक्षक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रोफेसर डॉ. आदित्य नारायण ने कहा कि मौजूदा सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है, सरकार को नई शिक्षा नीति को तुरंत वापस लेना होगा. प्रोफेसर आदित्य ने कहा कि ऐसे समय में हमें एकजुट होना होगा.

नई दिल्ली: एडहॉक के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को परमानेंट करने और काले कमेटी के फैसलों को लागू करने की मांग कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन ने बड़ा ऐलान किया है. एसोसिएशन ने उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार करने और जनवरी 2020 में यूनिवर्सिटी बंद करने का फैसला लिया है.

DUSU करेगा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार

टीचर एसोसिएशन की बैठक में हुआ फैसला
दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडे ने बताया कि 28 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने मनमाने तरीके से एक पत्र जारी कर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में सालों से प्रमोशन लंबित पड़े हैं, कई बार पत्र लिखकर इसकी मांग कर चुका हूं लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ. ऐसे में सोमवार को एसोसिएशन ने मीटिंग बुलाकर ये फैसला लिया है कि आगामी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का शिक्षक बहिष्कार करेंगे.

कई शिक्षक संगठनों का मिल रहा समर्थन
एसोसिएशन का दावा है कि उन्हें कई शिक्षक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रोफेसर डॉ. आदित्य नारायण ने कहा कि मौजूदा सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है, सरकार को नई शिक्षा नीति को तुरंत वापस लेना होगा. प्रोफेसर आदित्य ने कहा कि ऐसे समय में हमें एकजुट होना होगा.

Intro:नई दिल्ली ।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे. अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो जनवरी 2020 में दिल्ली विश्वविद्यालय को बंद करने का फैसला लिया गया है. यह फैसला सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में लिया गया. बता दें कि डूटा की मांग है कि 28 अगस्त को जारी किया गया पत्र वापस हो और एडहॉक के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को परमानेंट किया जाए. इसके अलावा शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर काले कमेटी के निर्णय को लागू किया जाए वरना शिक्षक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे और जनवरी में विश्वविद्यालय में हड़ताल होगी.


Body:दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन (डूटा) के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडे ने बताया कि 28 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने मनमाने तरीके से एक पत्र जारी कर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कई वर्षों से प्रमोशन लंबित पड़े हैं जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर बहाल करने की मांग की लेकिन कोई फैसला नहीं होने के चलते सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि आगामी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका का शिक्षक बहिष्कार करेंगे.

वहीं डूटा के इस फैसले को विभिन्न शिक्षक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. वहीं प्रोफेसर डॉ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि मौजूदा सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है और जिस तरह से सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार किया है उससे साफ तौर से यही नजर आता है. उन्होंने कहा कि सरकार को नई शिक्षा नीति को तुरंत वापस लेना ही होगा. साथ ही उन्होंने विभिन्न शिक्षक संगठनों को इन सभी मुद्दों को लेकर एकजुट होने की भी अपील की है. इसके अलावा डूटा की जीबीएम में शिक्षकों के कम उपस्थिति को उन्होंने निराशाजनक बताया है और कहा कि ऐसे समय में जब सरकार शिक्षा पर हमला बोल रही है तो हम सभी शिक्षकों को एकजुट होने की जरूरत है.


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