नई दिल्ली: आजकल सिख प्रबंधक कमेटी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब परमजीत सिंह सरना के आरोपों का जवाब देते हुए DSGMC प्रमुख हरमीत सिंह कालका ने कहा कि गुरुद्वारे के गुरु घर में बैठकर सिर्फ ओछी राजनीति कर रहे हैं, जो उन्हे नहीं करनी चाहिए. कमेटी की तरफ से उन्हें यहां सिख धर्म का प्रचार और संगत के हितों के लिए काम करने के लिए जगह दी गई है. जबकि वह अपनी राजनीति चमकाने के लिए यहां बैठकर आए दिन अनाप-शनाप आरोप लगाते हैं. अब यह नहीं चलेगा, आप यहां से जगह खाली करके जा सकते हैं.
सरना के तीन सौ करोड़ के घाटे की बात का खंडन करते हुए कालका ने कहा कि यह घाटा नहीं लीकेज है. सरना के 57 करोड़ रुपए उनके समय में छोड़ा गया था. जबकि उस समय 83 करोड़ की देनदारी थी तो इतने पैसे उन्होंने अपने अकाउंट में क्यों जमा कर रखा था. उन्होंने कहा कि हम 6वें पे कमीशन के हिसाब से टीचरों को तनख्वाह देने का काम अभी तक करते आए हैं. सरना को तकलीफ इस बात की है कि कमेटी का काम इतने शांतिपूर्ण तरीके से कैसे चल रहा है.
दिल्ली के कमेटी के अंतर्गत चलने वाले स्कूलों के आरोप पर पलटवार करते हुए DSGMC प्रमुख ने कहा कि हमारे समाज में आजकल आधुनिकता हावी होती जा रही है. जिस कारण वह बच्चे कम पैदा कर रहे हैं और वे लोग बढ़िया से बढ़िया स्कूल में एडमिशन ले रहे हैं. इस मसले पर बैठकर रिफॉर्म के बारे में एक ड्राफ्ट बनाना चाहिए, न की आरोप-प्रत्यारोप लगाना चाहिए.
वहीं, सेक्रेटरी जगदीप सिंह कहलो ने संगत के स्कूलों के दुर्दशा पर जवाब देते हुए कहा कि कोरोना काल में जब फीस नहीं आ रही थी. तब भी हमने टीचरों की फीस 60 प्रतिशत दी है. उस दौरान अपने स्कूलों में जिन बच्चों की फीस प्राइवेट स्कूलों में बकाया थे, उनका भी एडमिशन अपने सरकारी स्कूलों में बिना माइग्रेंट सर्टिफिकेट के कर दिया. जिस कारण भी हमारी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है.
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