नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा में पालतू कुत्तों का हमला करने के मामलें बढ़ते ही जा रहे हैं. बीते 5 अप्रैल को कासना थाना क्षेत्र के नयाना गांव में दिल्ली पुलिस के दरोगा के दो नाबालिग बेटों को पड़ोसी के पिटबुल ने काटकर घायल कर दिया था. जिसके बाद पीड़ित ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की और कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
प्राधिकरण से पेट पॉलिसी बनाने की मांग : नियाना गांव में नागेंद्र भाटी दिल्ली पुलिस में दरोगा हैं. 5 अप्रैल की शाम को पड़ोसी के पालतू पिटबुल डॉग ने उनके दो नाबालिग बेटों को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. जिसके बाद नागेंद्र भाटी ने कासना थाने में पड़ोसी के खिलाफ शिकायत दी. जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले भी ग्रेटर नोएडा में ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं, जहां पालतू कुत्तों ने लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया. बीते दिनों सेक्टर बीटा वन में भी कुत्ते ने डेढ़ साल की मासूम को काटकर घायल कर दिया था. इन्हीं बढ़ते मामलों को देखते हुए सामाजिक संगठनों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से पेट पॉलिसी बनाने की मांग की थी. इसी मांग को देखते हुए प्राधिकरण ने दिसंबर 2022 में पालतू कुत्ते और बिल्लियों के लिए अलग से पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए थे और इस पॉलिसी को 31 मार्च तक शहर में लागू किया जाना था, लेकिन अभी तक लागू नहीं हो पाई है.
क्या है पेट पॉलिसी : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गई पेट पॉलिसी में पालतू कुत्ते और बिल्ली आदि रखने वाले व्यक्ति को 1 माह के भीतर प्राधिकरण के ऐप पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने पर पेट ऑनर के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वही प्राधिकरण ने लावारिस कुत्तों के लिए भी नीति निर्धारित की है. पेट पॉलिसी के अनुसार कुत्ता या बिल्ली रखने वाले मालिकों को सार्वजनिक स्थल पर ले जाने से पहले कुत्तों के मुंह पर मुखौटा लगाना अनिवार्य है. साथ ही लिफ्ट व पार्क में ले जाने पर प्रतिबंध होगा. सेक्टर व सोसायटी में गंदगी फैलाने पर उसके मालिक को वहां पर सफाई करनी होगी.
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